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राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसानों को गर्मी से बचाने के लिए बनने लगी झोपड़ी, किसान नेता करेंगे महापंचायत

अलवर के शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसानों का धरना जारी है. मौसम में हो रहे बदलाव को देखते हुए किसानों को गर्मी से बचाने के लिए अब छप्पर की झोपड़ियां बनाई जा रही हैं. इनमें तापमान कम रहता है. साथ ही किसानों को आरओ का ठंडा पानी और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. जल्द ही किसान नेताओं की तरफ से राजस्थान में महापंचायत भी की जाएंगी. इसके लिए कार्यक्रम तैयार हो चुका है तो वहीं किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है.

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राजस्थान में किसान नेता करेंगे महापंचायत
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Published : Feb 21, 2021, 6:36 AM IST

अलवर. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्ड पर किसानों का धरना जारी है. जयपुर-दिल्ली हाईवे लगातार बंद है. किसानों ने राजस्थान के विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में महापंचायत करने का फैसला लिया है. इसकी तैयारी शुरू हो गई है.

राजस्थान में किसान नेता करेंगे महापंचायत

वहीं शुरुआती कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है. 22 फरवरी को नोहर हनुमानगढ़ में महापंचायत होगी. इसी तरह से 23 फरवरी को सरदारशहर चूरू और सीकर में होगी. 25 फरवरी को करीरी करौली जिला तहसील टोडाभीम में होगी. 26 फरवरी को पदमपुर श्रीगंगानगर और 26 फरवरी को घड़साना श्रीगंगानगर में विशाल किसान महापंचायतों के आयोजन किए जाएंगे. इन किसान महापंचायतों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत शामिल होंगे. साथ ही कई महापंचायतों में जोगेन्द्र सिंह उगरांहा, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी और युद्धवीर सिंह सहित कई अन्य लोग शामिल होंगे.

यह भी पढ़ें: अलवर: कला कॉलेज में छात्रों के बीच विवाद, पुलिस ने 2 छात्रों को पकड़ा

साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर दिल्ली-जयपुर हाईवे के सभी प्रमुख नेता भी इन महापंचायतों में शामिल होंगे. 24 फरवरी को जयपुर में संयुक्त किसान मोर्चा राजस्थान की बैठक होगी, जिसमें जयपुर और राजस्थान के अन्य इलाकों में किसान महापंचायतों के आयोजन के साथ ही राज्य में आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तय की जाएगी.

यह भी पढ़ें: अलवरः कांग्रेस ने बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों के विरोध में निकाली रैली

तापमान में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए किसानों के रहने के लिए छप्पर तैयार किए जा रहे हैं. अभी तक किसान प्लास्टिक की अस्थाई टेंट में रह रहे हैं. लेकिन मौसम में हो रहे बदलाव को देते हुए किसानों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. साथ ही टेंट में हवा के लिए कूलर और अन्य संसाधन लगाए जाएंगे. साथ ही आरओ का ठंडा पानी भी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे किसान गर्मी से बचे रह सके.

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, उनका धरना जारी रहेगा. किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे. शनिवार को धरना दे रहे किसानों ने मीणावाटी शेखावटी विभिन्न भाषाओं में लोकगीत गाकर मोदी सरकार का विरोध किया. राजस्थान के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसान अपना विरोध जताने के लिए राजस्थान-हरियाणा सीमा पर पहुंच रहे हैं. किसानों का विरोध लगातार बढ़ रहा है. किसानों के जुटने का सिलसिला भी लगातार जारी है.

अलवर. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्ड पर किसानों का धरना जारी है. जयपुर-दिल्ली हाईवे लगातार बंद है. किसानों ने राजस्थान के विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में महापंचायत करने का फैसला लिया है. इसकी तैयारी शुरू हो गई है.

राजस्थान में किसान नेता करेंगे महापंचायत

वहीं शुरुआती कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है. 22 फरवरी को नोहर हनुमानगढ़ में महापंचायत होगी. इसी तरह से 23 फरवरी को सरदारशहर चूरू और सीकर में होगी. 25 फरवरी को करीरी करौली जिला तहसील टोडाभीम में होगी. 26 फरवरी को पदमपुर श्रीगंगानगर और 26 फरवरी को घड़साना श्रीगंगानगर में विशाल किसान महापंचायतों के आयोजन किए जाएंगे. इन किसान महापंचायतों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत शामिल होंगे. साथ ही कई महापंचायतों में जोगेन्द्र सिंह उगरांहा, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी और युद्धवीर सिंह सहित कई अन्य लोग शामिल होंगे.

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साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर दिल्ली-जयपुर हाईवे के सभी प्रमुख नेता भी इन महापंचायतों में शामिल होंगे. 24 फरवरी को जयपुर में संयुक्त किसान मोर्चा राजस्थान की बैठक होगी, जिसमें जयपुर और राजस्थान के अन्य इलाकों में किसान महापंचायतों के आयोजन के साथ ही राज्य में आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तय की जाएगी.

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तापमान में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए किसानों के रहने के लिए छप्पर तैयार किए जा रहे हैं. अभी तक किसान प्लास्टिक की अस्थाई टेंट में रह रहे हैं. लेकिन मौसम में हो रहे बदलाव को देते हुए किसानों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. साथ ही टेंट में हवा के लिए कूलर और अन्य संसाधन लगाए जाएंगे. साथ ही आरओ का ठंडा पानी भी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे किसान गर्मी से बचे रह सके.

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, उनका धरना जारी रहेगा. किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे. शनिवार को धरना दे रहे किसानों ने मीणावाटी शेखावटी विभिन्न भाषाओं में लोकगीत गाकर मोदी सरकार का विरोध किया. राजस्थान के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसान अपना विरोध जताने के लिए राजस्थान-हरियाणा सीमा पर पहुंच रहे हैं. किसानों का विरोध लगातार बढ़ रहा है. किसानों के जुटने का सिलसिला भी लगातार जारी है.

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