अलवर. दिल्ली- बड़ोदरा एक्सप्रेसवे अब अलवर से होकर गुजरेगी. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के 90 हजार करोड़ के इस हाईवे का निर्माण कार्य भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है. राजस्थान के हिस्से में करीब 2717 करोड़ की लागत से पहले चरण का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसके लिए करीब 30 फुट गहराई तक खुदाई की गई है. एक्सप्रेस वे जिले की तीन तहसील से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस वे जमीन से करीब 10 से 15 फुट ऊंचा और 30 मीटर चौड़ा रहेगा. 8 लेन के इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को लेकर लगातार तेजी देखने को मिल रही है.
5 सबसे बड़े प्रोजेक्ट में शामिलः
देश के अब तक के 5 सबसे बड़े प्रोजेक्ट में इसे शामिल किया गया है. 3 साल में उसको पूरा करने का समय निर्धारित किया गया है. इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद गांव का शिक्षा का स्तर सुधरेगा, लोगों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी, युवा वर्ग के लिए परिवहन व्यवसायीकरण और औद्योगिकरण से रोजगार के नए आयाम खुलने की संभावना रहेगी. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे 148 राजस्थान के 7 जिलों को और उनकी 18 तहसीलों के 265 गांव से होकर गुजरेगा. 100 मीटर चौड़ाई का यह मार्ग 15 फुट तक की ऊंचाई पर बनाया जाएगा. जहां पर अंडरपास होंगे वहां पर ऊंचाई अधिक होगी. जहां पर अंडरपास नहीं होंगे वहां इसकी ऊंचाई 2 मीटर यानी 6 से 7 फीट की होगी. इसके दोनों ओर सुरक्षा दीवार होगी.
पढ़ेंः Special: परिवार की तीन पीढ़ियों ने एक साथ किया मतदान, विकास के अलग-अलग मुद्दों को लेकर डाले वोट
हाईवे के बीच क्रॉसिंग भी नहीं होगा. हाईवे दौसा जिले की सीमा में होकर 60 किलोमीटर से अधिक दूरी का रहेगा. यह हाईवे अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर और कोटा होते हुए बड़ोदरा मुंबई के लिए जाएगा. इसकी कुल दूरी 344 किलोमीटर होगी. दौसा जिले के 80 गांव के अलावा अलवर जिले की तीन तहसील के 56 गांव में से होकर निकलेगा. इसमें लक्ष्मणगढ़ तहसील के 25, रामगढ़ के 9 और रैणी के 22 गांव शामिल हैं. इस तरह से सवाई माधोपुर की 3 तहसीलों के 32 गांव, भरतपुर की एक तहसील नगर के 4 गांव भी इस हाईवे की सीमाओं में आएंगे. हाईवे राजस्थान में अलवर जिले से शुरू होगा. दौसा जिले की बसवा तहसील में प्रवेश करेगा. अलवर जिले में तेजी से काम चल रहा है. यह काम 2 साल में पूरा होने की संभावना है.
एक्सप्रेस वे पर एक नजर
1320 किलोमीटर लंबा और 8 लाइन वाले एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. इस हाईवे के बाद अलवर जिला सीधा बड़ोदरा मुंबई जैसे बड़े महानगरों से जुड़ पाएगा. 90 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस हाइवे में राजस्थान क्षेत्र में करीब 22 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह सुपर एक्सप्रेस वे 13 नेशनल हाईवे को आपस में जोड़ेगा. यह करीब 7 जिलों से होकर गुजरेगा. राजस्थान में इसकी कुल लंबाई 380 किलोमीटर होगी. इसका प्रवेश अलवर और आखिरी छोर कोटा के केशवपुरा में रहेगा. 10 कार्यकारी एजेंसियों को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा भरतपुर के डीग से बहरोड़ तक सड़क को एक्सीडेंट फ्री किया जाएगा.
पढ़ेंः Special: कर्ज लेकर किसानों ने कराया फसल बीमा, पॉलिसी रिजेक्ट हुई तो अब क्लेम के लिए बहा रहे पसीना
इस कार्य में करीब 9 करोड़ 97 लाख रुपए की लागत से डीपीआर बनाई गई है. जिसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है. अलवर से सालासर तक नेशनल हाईवे बनाए जाने का प्लान था, लेकिन यह प्लान अभी ठंडे बस्ते में है. इस वजह से भरतपुर से नारनौल हरियाणा तक की सड़क अभी स्टेट हाईवे 14 की बनी हुई है. स्टेट हाईवे सड़क से बहरोड़ तक का रास्ता आरआर एमपी योजना के अंतर्गत सेल्फ डेमोंसट्रेशन के तहत चुना गया है. यह हाईवे 310 किलोमीटर लंबा होगा. मार्च 2023 तक उसका काम पूरे होने की योजना है. इसके अलावा कई दर्जनों योजनाएं अलवर से होकर गुजरेंगी. यह सभी राज्य वेस्टिन पुष्कर अलवर को नई पहचान दिलाएंगी.