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राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में होते हैं सबसे ज्यादा ऑपरेशन, फिर भी नहीं आ रहे उपकरण

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Published : Jan 25, 2020, 6:37 AM IST

अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में ऑपरेशन के लिए जरूरी उपकरण नहीं होने से डॉक्टरों को परेशानी हो रही है. वहीं इसका असर मरीजों के इलाज पर भी पड़ता है.

Equipment for operation, ENT department of Rajiv Gandhi Hospital, अलवर का राजीव गांधी सामान्य अस्पताल
ईएनटी विभाग में उपकरणों की कमी

अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में प्रदेश में सबसे ज्यादा ऑपरेशन होते हैं. लेकिन, उसके बाद भी जरूरी उपकरणों के लिए डॉक्टरों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. उपकरणों की कमी के चलते मरीजों का भी बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है.

सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक 72 हजार 122 मरीज ओपीडी में आए, जिनमें से ईएनटी विशेषज्ञ ने 501 ऑपरेशन माइनर किए गए. साथ ही 906 सर्जरी की गई और 1638 ऑडियोमेट्री जांच की गई. वहीं 129 दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाए गए. कोक्लियर प्लांट के लिए 14 मरीजों को जयपुर भेजा गया, जबकि अस्पताल में 429 रोगियों को स्पीच थेरेपी दी गई.

ईएनटी विभाग में उपकरणों की कमी

बता दें कि अस्पताल के ईएनटी विभाग में कुल 7 डॉक्टर हैं. अस्पताल में मेडिकल कॉलेज स्तर के ऑपरेशन किए जाते हैं. जिनकी संख्या मेडिकल कॉलेज के एवज में कहीं ज्यादा है. ईएनटी विभाग में लंबे समय से ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप की आवश्यकता है. लेकिन, आज तक यह मशीन अस्पताल में नहीं आई है. इस मशीन की कमी के चलते बच्चों को अस्पताल में कान के पर्दे नहीं लग पाते हैं. इसके अलावा भी कई अन्य तरह के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

ये पढ़ेंः शेखावत के गढ़ में वसुंधरा के समर्थन में पोस्टर, लिखा 'वसुंधरा है तो राजस्थान है'

3 साल से अस्पताल प्रशासन की तरफ से मशीनें खरीदने की प्रक्रिया की जा रही है. लेकिन, आज तक मशीन नहीं आई हैं. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा की मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. दो बार टेंडर निकाले गए थे. लेकिन, कंपनियों के नहीं आने के कारण टेंडर प्रक्रिया रद्द हो गई. अब शासन स्तर पर मशीनों को खरीद कर दिया जाएगा. ईएनटी के अलावा कई अन्य मशीनें भी आनी है. इन मशीनों के आने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.

अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में प्रदेश में सबसे ज्यादा ऑपरेशन होते हैं. लेकिन, उसके बाद भी जरूरी उपकरणों के लिए डॉक्टरों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. उपकरणों की कमी के चलते मरीजों का भी बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है.

सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक 72 हजार 122 मरीज ओपीडी में आए, जिनमें से ईएनटी विशेषज्ञ ने 501 ऑपरेशन माइनर किए गए. साथ ही 906 सर्जरी की गई और 1638 ऑडियोमेट्री जांच की गई. वहीं 129 दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाए गए. कोक्लियर प्लांट के लिए 14 मरीजों को जयपुर भेजा गया, जबकि अस्पताल में 429 रोगियों को स्पीच थेरेपी दी गई.

ईएनटी विभाग में उपकरणों की कमी

बता दें कि अस्पताल के ईएनटी विभाग में कुल 7 डॉक्टर हैं. अस्पताल में मेडिकल कॉलेज स्तर के ऑपरेशन किए जाते हैं. जिनकी संख्या मेडिकल कॉलेज के एवज में कहीं ज्यादा है. ईएनटी विभाग में लंबे समय से ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप की आवश्यकता है. लेकिन, आज तक यह मशीन अस्पताल में नहीं आई है. इस मशीन की कमी के चलते बच्चों को अस्पताल में कान के पर्दे नहीं लग पाते हैं. इसके अलावा भी कई अन्य तरह के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

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3 साल से अस्पताल प्रशासन की तरफ से मशीनें खरीदने की प्रक्रिया की जा रही है. लेकिन, आज तक मशीन नहीं आई हैं. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा की मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. दो बार टेंडर निकाले गए थे. लेकिन, कंपनियों के नहीं आने के कारण टेंडर प्रक्रिया रद्द हो गई. अब शासन स्तर पर मशीनों को खरीद कर दिया जाएगा. ईएनटी के अलावा कई अन्य मशीनें भी आनी है. इन मशीनों के आने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.

Intro:अलवर
राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में प्रदेश में सबसे ज्यादा ऑपरेशन होते हैं। लेकिन उसके बाद भी जरूरी उपकरणों के लिए डॉक्टरों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। उपकरणों की कमी के चलते मरीजों का भी बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है।


Body:सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो सामान्य अस्पताल के ईएनटी विभाग में जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक 72 हजार 122 मरीज ओपीडी में आए। ईएनटी विशेषज्ञ द्वारा 501 ऑपरेशन माइनर किए गए। 906 सर्जरी की गई। 1638 ऑडियोमेट्री जांच की गई। 129 दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाए गए। तो वही कोक्लियर प्लांट के लिए 14 मरीजों को जयपुर भेजा गया। जबकि अस्पताल में 429 परियों को स्पीच थेरेपी दी गई। अस्पताल के ईएनटी विभाग में कुल 7 डॉक्टर हैं। अस्पताल में मेडिकल कॉलेज स्तर के ऑपरेशन किए जाते हैं। जिनकी संख्या मेडिकल कॉलेज के एवज में कहीं ज्यादा है। ईएनटी विभाग में लंबे समय से ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप की आवश्यकता है। लेकिन आज तक यह मशीन अस्पताल में नहीं आई है। इस मशीन की कमी के चलते बच्चों को अस्पताल में कान के पर्दे नहीं लग पाते हैं।


Conclusion:इसके अलावा भी कई अन्य तरह के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 3 साल से अस्पताल प्रशासन की तरफ से मशीनें खरीदने की प्रक्रिया की जा रही है। लेकिन आज तक मशीन नहीं आई हैं। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील चौहान ने कहा की मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। दो बार टेंडर निकाले गए थे। लेकिन कंपनियों के नहीं आने के कारण टेंडर प्रक्रिया रद्द हो गई थी। अब शासन स्तर पर मशीनों को खरीद कर दिया जाएगा। ईएनटी के अलावा कई अन्य मशीनें भी आनी है। इन मशीनों के आने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।


बाइट- डॉ सुनील चौहान, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
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