अलवर. अलवर जिले में अब भी करीब 20 फीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीनेशन नहीं कराया है. पहली डोज लगवाने वाले लोगों में भी करीब आधे अभी दूसरी डोज से दूरी बनाए हुए हैं. यही कारण है कि अलवर जिला कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Dangers of the new variant Omicron) के खतरे से अछूता नहीं है.
अलवर में घर घर वैक्सीनेशन अभियान
ऐसे में अलवर जिले में वैक्सीन लगाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी. चिकित्सा विभाग ने जिले में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए गत एक नवम्बर से घर-घर वैक्सीनेशन (door to door vaccination campaign in alwa) शुरू किया है. इस कार्य में करीब एक हजार एएनएम व कोविड हैल्थ सहायक आदि कर्मियों को लगाया गया है. सभी चिकित्सा कर्मी प्रतिदिन अपने क्षेत्र में बचे लोगों में 10 प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य को लेकर कार्य में जुटे हैं. वहीं चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन ने भी अब वैक्सीनेशन नहीं कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है.
अलवर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान
कार्रवाई की मार सबसे पहले सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों पर पड़ना तय है, जिन्होंने अभी तक दोनों डोज नहीं लगवाई हैं. उन्हें चेतावनी के बाद नोटिस देने तथा अन्य सख्त कार्रवाई की मार झेलना तय है. इसी तरह निजी कार्यालयों, उद्योगों में वैक्सीन की एक या दोनों डोज नहीं लगवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. चेतावनी के बाद भी वैक्सीनेशन नहीं कराया तो भी सख्त पाबंदियां लगाई जाएंगी. इसके बाद खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को समझाइश कर वैक्सीनेशन बढ़ाई जाएगी. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इसके बाद भी अगर लोग नहीं मानेंगे तो एसडीएम व पुलिस को उनके खिलाफ सूचना दी जाएगी. महामारी एक्ट के अनुसार इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
जीनोम सिक्वेसिंग रिपोर्ट 48 घंटे में मिल सकेगी
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता जीनोम सिक्वेसिंग से ही संभव है. आईटीपीसीआर जांच में नए वेरिएंट का पता लगना संभव है. ओमिक्रॉन वेरिएंट करीब 30 रूप बदलने में सक्षम है, ऐसे में जीनोम सिक्वेसिंग जरूरी है. लेकिन यह सुविधा अभी अलवर में नहीं है. इस कारण यहां से सैंपल हैदराबाद भेजने पड़ते हैं. जिनकी रिपोर्ट मिलने में कम से कम 48 घंटे का समय जरूरी है. वैसे नवम्बर माह में जिले में मिले 18 कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट भी हैदराबाद भेजी गई है, जिनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है.
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कोरोना वैक्सीनेशन के फायदे
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो वैक्सीन कभी निष्क्रिय नहीं होती. इस कारण कोरोना के नए वैरिएंट से बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है. वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्तियों में कोरोना संभव है, लेकिन संक्रमण की दर कम रहेगी. मृत्यु दर भी काफी कम रहेगी. इस कारण सभी लोग कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए.
मुख्यमंत्री का सख्त बयान
हाल ही कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक सख्त बयान दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोरोना संक्रमण की वैक्सीन की डोज नहीं लगवाना व्यक्तिगत अधिकार नहीं है, कोरोना की दोनों डोज लगवानी ही पड़ेंगी. क्योंकि एक भी संक्रमित व्यक्ति पूरे समाज के लिए खतरा है.