ETV Bharat / city

Live Report : अलवर के सामान्य अस्पताल की लैब में यूरिन जांच करता मिला सफाई कर्मी

author img

By

Published : Oct 5, 2019, 8:59 PM IST

राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की सेंट्रल लैब में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक सफाई कर्मी मरीजों के यूरिन की जांच करता हुआ नजर आया. ईटीवी भारत का कैमरा देखते ही लैब कर्मियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने रिकॉर्डिंग रुकवाने का प्रयास किया.

alwar news, राजस्थान की खबर

अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश के जिला अस्पतालों में सबसे बड़ा है. यहां लोकल के अलावा भरतपुर, दौसा, धौलपुर, नूंह और मेवात, हरियाणा तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं. प्रतिदिन अस्पताल में 4 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है तो वहीं वार्ड में हमेशा 700 के आसपास मरीज भर्ती रहते हैं. ऐसे में यहां आने वाले हजारों मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में चौंकाने वाला खुलासा

दरअसल, अस्पताल की सेंट्रल में सफाई कर्मी यूरिन की जांच करता है, इसकी जानकारी मिलते ही शनिवार को ईटीवी भारत की टीम लैब में पहुंची. जहां एक सफाई कर्मी यूरिन की स्लाइड बनाता हुआ नजर आया. लैब कर्मियों की तरह वो पूरा काम कर रहा था. वहीं, पूछताछ में उसने कहा कि वो लैब में सफाई कर्मी है और वो जांच के तरीकों के बारे में बताने लगा. इस दौरान ईटीवी का कैमरा देखकर लैब कर्मी रिकॉर्डिंग बंद कराने लगे व इस पूरे मामले पर सफाई देने लग गए.

पढ़ें : गाइड से लेकर CCF तक तय होगी जिम्मेदारी, पेड़ कटे या अतिक्रमण हुआ तो मिलेगी चार्जशीट : मंत्री सुखराम बिश्नोई

उन्होंने कहा कि वो केवल सफाई कर्मी से स्लाइड बनवाते हैं, जबकि जांच लैब कर्मी करते हैं. लेकिन असल में यूरिन होने के कारण लैब कर्मी उस को हाथ नहीं लगाते व उसकी जांच सफाई कर्मी से करवाते हैं. बताया जा रहा है कि सालों से यह खेल अस्पताल में चल रहा है, लेकिन किसी का इस तरफ ध्यान नहीं गया. ईटीवी द्वारा इस मामले का खुलासा करते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आया व तुरंत इस पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए.

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि लैब में स्लाइड बनाना व जांच करने की पूरी जिम्मेदारी लैब कर्मियों पर रहती है. लेकिन एक सफाई कर्मी से स्लाइड बनवाई जा रही है व जांच प्रक्रिया में मदद ली जा रही है तो यह पूरी तरह गलत है. उन्होंने लैब कर्मियों के खिलाफ नोटिस निकालने व शक्ति से उनके पालना करने के आदेश दिए हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में यहां आने वाले मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होता है, क्योंकि सफाई कर्मी जांच करने के लिए कितना ऑथेंटिक है व उसके द्वारा की गई जांच की क्या स्थित होगी, यह हम सब समझ सकते हैं.

पढ़ें : महात्मा गांधी अगर आज जिंदा होते तो संघ के सदस्य होते : वासुदेव देवनानी

ऐसे में साफ है कि जांच के बाद आने वाली रिपोर्टों के आधार पर मरीजों का इलाज होता है तो कहीं ना कहीं अब अस्पताल में यूरिन संबंधित होने वाली जांच पर सवाल उठने लगे हैं. वहीं, उसके द्वारा मिलने वाले इलाज पर भी सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल, सभी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश के जिला अस्पतालों में सबसे बड़ा है. यहां लोकल के अलावा भरतपुर, दौसा, धौलपुर, नूंह और मेवात, हरियाणा तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं. प्रतिदिन अस्पताल में 4 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है तो वहीं वार्ड में हमेशा 700 के आसपास मरीज भर्ती रहते हैं. ऐसे में यहां आने वाले हजारों मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में चौंकाने वाला खुलासा

दरअसल, अस्पताल की सेंट्रल में सफाई कर्मी यूरिन की जांच करता है, इसकी जानकारी मिलते ही शनिवार को ईटीवी भारत की टीम लैब में पहुंची. जहां एक सफाई कर्मी यूरिन की स्लाइड बनाता हुआ नजर आया. लैब कर्मियों की तरह वो पूरा काम कर रहा था. वहीं, पूछताछ में उसने कहा कि वो लैब में सफाई कर्मी है और वो जांच के तरीकों के बारे में बताने लगा. इस दौरान ईटीवी का कैमरा देखकर लैब कर्मी रिकॉर्डिंग बंद कराने लगे व इस पूरे मामले पर सफाई देने लग गए.

पढ़ें : गाइड से लेकर CCF तक तय होगी जिम्मेदारी, पेड़ कटे या अतिक्रमण हुआ तो मिलेगी चार्जशीट : मंत्री सुखराम बिश्नोई

उन्होंने कहा कि वो केवल सफाई कर्मी से स्लाइड बनवाते हैं, जबकि जांच लैब कर्मी करते हैं. लेकिन असल में यूरिन होने के कारण लैब कर्मी उस को हाथ नहीं लगाते व उसकी जांच सफाई कर्मी से करवाते हैं. बताया जा रहा है कि सालों से यह खेल अस्पताल में चल रहा है, लेकिन किसी का इस तरफ ध्यान नहीं गया. ईटीवी द्वारा इस मामले का खुलासा करते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आया व तुरंत इस पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए.

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि लैब में स्लाइड बनाना व जांच करने की पूरी जिम्मेदारी लैब कर्मियों पर रहती है. लेकिन एक सफाई कर्मी से स्लाइड बनवाई जा रही है व जांच प्रक्रिया में मदद ली जा रही है तो यह पूरी तरह गलत है. उन्होंने लैब कर्मियों के खिलाफ नोटिस निकालने व शक्ति से उनके पालना करने के आदेश दिए हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में यहां आने वाले मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होता है, क्योंकि सफाई कर्मी जांच करने के लिए कितना ऑथेंटिक है व उसके द्वारा की गई जांच की क्या स्थित होगी, यह हम सब समझ सकते हैं.

पढ़ें : महात्मा गांधी अगर आज जिंदा होते तो संघ के सदस्य होते : वासुदेव देवनानी

ऐसे में साफ है कि जांच के बाद आने वाली रिपोर्टों के आधार पर मरीजों का इलाज होता है तो कहीं ना कहीं अब अस्पताल में यूरिन संबंधित होने वाली जांच पर सवाल उठने लगे हैं. वहीं, उसके द्वारा मिलने वाले इलाज पर भी सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल, सभी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

Intro:अलवर।
अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की सेंट्रल लैब में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लैब में एक सफाई कर्मी मरीजों के यूरिन की जांच करता हुआ नजर आया। ईटीवी भारत का कैमरा देखते ही लैब कर्मियों में हड़कंप मच गया है। उन्होंने रिकॉर्डिंग रुकवाने का प्रयास किया। इस पूरी घटना ने मानवता को शर्मसार किया व साथ ही हजारों मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होने का खुलासा किया है।


Body:अलवर का राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश के जिला अस्पतालों में सबसे बड़ा है। यहां पर अलवर के अलावा भरतपुर दौसा धौलपुर नूह, मेवात हरियाणा तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं। प्रतिदिन अस्पताल में 4000 से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है। तो वहीं वार्ड में हमेशा 700 के आसपास मरीज भर्ती रहते हैं। ऐसे में यहां आने वाले हजारों मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

दअरसल अस्पताल की सेंट्रल में सफाई कर्मी यूरिन की जांच करता है। इसकी जानकारी मिलते ही शनिवार को ईटीवी भारत की टीम सेंटर लैब में पहुंची। वहां पर एक सफाई कर्मी यूरिन की स्लाइड बनाता हुआ नजर आया। लैब कर्मियों की तरह वो पूरा काम कर रहा था। पूछताछ में उसने अपना नाम लोकेश बताया और कहा कि वो लैब में सफाई कर्मी है। बातचीत में वो जांच के तरीकों के बारे में बताने लगा। ईटीवी का कैमरा देखकर लैब कर्मियों में हड़कंप मच गया। वो रिकॉर्डिंग बंद कराने लगे व इस पूरे मामले पर सफाई देने लग गए।

उन्होंने कहा कि वो केवल सफाई कर्मी से स्लाइड बनवाते हैं। जबकि जांच लैब कर्मी करते हैं। लेकिन असल में यूरिन होने के कारण लैब कर्मी उस को हाथ नहीं लगाते हैं व उसकी जांच सफाई कर्मी से करवाते हैं। सालों से यह खेल अस्पताल में चल रहा है। लेकिन किसी का इस तरफ ध्यान नहीं गया। ईटीवी द्वारा इस मामले का खुलासा करते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आया व तुरंत इस पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए।


Conclusion:प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील चौहान ने कहा की लैब में स्लाइड बनाना व जांच करने की पूरी जिम्मेदारी लैब कर्मियों पर रहती है। अगर एक सफाई कर्मी से स्लाइड बनवाई जा रही है व जांच प्रक्रिया में मदद ली जा रही है। तो यह पूरी तरीके से गलत है। उन्होंने लैब कर्मियों के खिलाफ नोटिस निकालने व शक्ति से उनके पालना करने के आदेश दिए है। अस्पताल की लैब में सालों से यह खेल चल रहा है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होता है। क्योंकि सफाई कर्मी जांच करने के लिए कितना ऑथेंटिक है व उसके द्वारा की गई जांच की क्या स्थित होगी। यह हम सब लोग समझ सकते हैं। ऐसे में साफ है कि जांच के बाद आने वाली रिपोर्टों के आधार पर मरीजों का इलाज होता है। तो कहीं ना कहीं अब तक अस्पताल में यूरिन संबंधित होने वाली जांच पर सवाल उठने लगे हैं। तो वही उसके द्वारा मिलने वाले इलाज पर भी सवाल उठ रहे हैं। ईटीवी भारत के इस खुलासे से लैब कर्मियों के अस्पताल में हड़कंप मच गया। सभी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

बाइट- लोकेश, जांच कर रहा सफाई कर्मी
बाइट-डॉ सुनील चौहान, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.