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6 नर्सिंग कर्मियों को RUHS हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग, जानें पूरा मामला - लॉर्ड हॉस्पिटल भिवाड़ी

अलवर के 6 नर्सिंग कर्मियों को आरयूएचएस हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग को लेकर नर्सेज एसोसिएशन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त निदेशक को ज्ञापन भेजा है. उनका कहना है कि अगर 6 नर्सिंग कर्मियों को आरयूएचएस हॉस्पिटल में भेजा गया तो अलवर की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी.

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6 नर्सिंगकर्मियों को आरयूएचएस हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग
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Published : Sep 1, 2020, 6:55 PM IST

अलवर. जिले के नर्सिंग कर्मियों को जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर के अतिरिक्त निदेशक को ज्ञापन भेजा गया है. यह ज्ञापन राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने भेजा है. उन्होंने कहा कि 80 नर्सिंगकर्मी अलवर में रोटेशन पर लगाए गए हैं. यदि 6 नर्सिंग कर्मियों को जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल में भेज दिया गया तो अलवर की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी.

6 नर्सिंगकर्मियों को आरयूएचएस हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग

जिलाध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने बताया कि 27 अगस्त को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक प्रशासन की ओर से आदेश आए थे. इस आदेश के तहत प्रत्येक जिले में 6 नर्सिंग कर्मियों को जयपुर में आरयूएचएस हॉस्पिटल में लगाने की बात थी, क्योंकि राजस्थान में अलवर कोविड-19 मामले में तीसरे नंबर पर है और प्रत्येक दिन कोरोना वायरस के मामले 100 से अधिक आ रहे हैं.

पढ़ें- अलवर में कोरोना के साथ डिप्थीरिया ने बढ़ाई चिंता, अब तक 15 मरीज

ऐसे में 80 नर्सिंग लॉर्ड हॉस्पिटल भिवाड़ी और सामान्य चिकित्सालय में रोटेशन के हिसाब से लगाया गया है. अगर 6 नर्सिंग कर्मी रोटेशन के हिसाब से जयपुर में लगाए जाएंगे तो अलवर में चिकित्सा सेवाएं चरमरा सकती हैं. इसके अलावा अन्य जगहों पर भी नर्सिंग स्टाफ लगाया गया है.

वहीं, सरकार द्वारा प्रत्येक नर्सिंग कर्मी को ढाई हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की गई जो अभी तक 4 महीने पूरे होने के बाद भी नर्सिंग कर्मियों को नहीं दी गई है. इन्हीं समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर उनके द्वारा ज्ञापन भेजा गया है.

अलवर. जिले के नर्सिंग कर्मियों को जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर के अतिरिक्त निदेशक को ज्ञापन भेजा गया है. यह ज्ञापन राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने भेजा है. उन्होंने कहा कि 80 नर्सिंगकर्मी अलवर में रोटेशन पर लगाए गए हैं. यदि 6 नर्सिंग कर्मियों को जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल में भेज दिया गया तो अलवर की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी.

6 नर्सिंगकर्मियों को आरयूएचएस हॉस्पिटल में नहीं लगाने की मांग

जिलाध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने बताया कि 27 अगस्त को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक प्रशासन की ओर से आदेश आए थे. इस आदेश के तहत प्रत्येक जिले में 6 नर्सिंग कर्मियों को जयपुर में आरयूएचएस हॉस्पिटल में लगाने की बात थी, क्योंकि राजस्थान में अलवर कोविड-19 मामले में तीसरे नंबर पर है और प्रत्येक दिन कोरोना वायरस के मामले 100 से अधिक आ रहे हैं.

पढ़ें- अलवर में कोरोना के साथ डिप्थीरिया ने बढ़ाई चिंता, अब तक 15 मरीज

ऐसे में 80 नर्सिंग लॉर्ड हॉस्पिटल भिवाड़ी और सामान्य चिकित्सालय में रोटेशन के हिसाब से लगाया गया है. अगर 6 नर्सिंग कर्मी रोटेशन के हिसाब से जयपुर में लगाए जाएंगे तो अलवर में चिकित्सा सेवाएं चरमरा सकती हैं. इसके अलावा अन्य जगहों पर भी नर्सिंग स्टाफ लगाया गया है.

वहीं, सरकार द्वारा प्रत्येक नर्सिंग कर्मी को ढाई हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की गई जो अभी तक 4 महीने पूरे होने के बाद भी नर्सिंग कर्मियों को नहीं दी गई है. इन्हीं समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर उनके द्वारा ज्ञापन भेजा गया है.

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