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अलवर: दलित परिवार पर हुए हमले में कार्रवाई की मांग, ज्ञापन सौंपा - अलवर में दलित पर जानलेवा हमला

अलवर में दलित पर जानलेवा हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. दलित समाज के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का गंभीर आरोप भी लगाया.

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दलित पर हमले के खिलाफ कार्रवाई की मांग
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Published : Jan 10, 2020, 9:55 AM IST

अलवर. दलित समाज के लोगों पर जानलेवा हमले करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सैंथली संघर्ष समिति की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया. दलित समाज ने चेतावनी दी है, कि 5 दिन में कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा.

दलित पर हमले के खिलाफ कार्रवाई की मांग

संघर्ष समिति से जुड़े लोग अशोका टॉकीज स्थित विवेकानंद चौक पर जुटे और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. दलित नेता राम किशन मेघवाल ने बताया, कि रूपचंद जाटव के बोरवेल से समुदाय विशेष के 2 शख्स ने प्याज की खेती करने के लिए पानी खरीदा था. वहीं फसल बेचने के बाद भी रूपचंद को पानी के पैसे नहीं दिए. रूपचंद जब पैसे लेने दोनों शख्स के घर गया तो उन्होंने उस पर जानलेवा हमला कर दिया.

जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. रूपचंद जाटव के परिवार की महिलाएं जब बीच-बचाव करने आईं तो महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया गया. इस संबंध में पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने से दलित समाज में नाराजगी है.

यह भी पढ़ें. अलवर: क्राइम कंट्रोल करने की कवायद, पुलिस ने बनाई विशेष टीम

दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया, कि हमलावरों को राजनीतिक संरक्षण मिला है. यही वजह है कि पुलिस ने हमलावरों के विरुद्ध हत्या का प्रयास करने संबंधित मामला दर्ज करने के बजाय मात्र धारा 323 के तहत एफआईआर दर्ज कर इस मामले को कमजोर करने का प्रयास किया है.

उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है, कि यदि 5 दिन में पुलिस हमलावरों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को सुरक्षा नहीं देती है तो मजबूरन सर्व समाज को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

अलवर. दलित समाज के लोगों पर जानलेवा हमले करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सैंथली संघर्ष समिति की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया. दलित समाज ने चेतावनी दी है, कि 5 दिन में कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा.

दलित पर हमले के खिलाफ कार्रवाई की मांग

संघर्ष समिति से जुड़े लोग अशोका टॉकीज स्थित विवेकानंद चौक पर जुटे और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. दलित नेता राम किशन मेघवाल ने बताया, कि रूपचंद जाटव के बोरवेल से समुदाय विशेष के 2 शख्स ने प्याज की खेती करने के लिए पानी खरीदा था. वहीं फसल बेचने के बाद भी रूपचंद को पानी के पैसे नहीं दिए. रूपचंद जब पैसे लेने दोनों शख्स के घर गया तो उन्होंने उस पर जानलेवा हमला कर दिया.

जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. रूपचंद जाटव के परिवार की महिलाएं जब बीच-बचाव करने आईं तो महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया गया. इस संबंध में पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने से दलित समाज में नाराजगी है.

यह भी पढ़ें. अलवर: क्राइम कंट्रोल करने की कवायद, पुलिस ने बनाई विशेष टीम

दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया, कि हमलावरों को राजनीतिक संरक्षण मिला है. यही वजह है कि पुलिस ने हमलावरों के विरुद्ध हत्या का प्रयास करने संबंधित मामला दर्ज करने के बजाय मात्र धारा 323 के तहत एफआईआर दर्ज कर इस मामले को कमजोर करने का प्रयास किया है.

उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है, कि यदि 5 दिन में पुलिस हमलावरों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को सुरक्षा नहीं देती है तो मजबूरन सर्व समाज को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

Intro:अलवर!

दलित समाज के लोगों पर प्राणघातक हमले करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गुरुवार को ग्राम सैंथली संघर्ष समिति की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने से पूर्व संघर्ष समिति से जुड़े लोग अशोका टॉकीज स्थित विवेकानंद चौक पर एकत्रित हुए और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।


Body:दलित नेता राम किशन मेघवाल ने बताया कि रूपचंद जाटव के बोरवेल से दिलावर व इलियास ने प्याज की खेती करने के लिए पानी खरीदा था। वही फसल बेचने के बाद भी रूपचंद को पानी के पैसे नहीं दिए। रूपचंद ने जब पैसे लेने दिलावर व इलियास के घर गया तो उन्होंने उस पर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।ओर रूपचंद जाटव के परिवार की महिलाएं जब बीच बचाव करने आई तो महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया गया।इस संबंध में पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने से दलित समाज में रोष है।

दलित समाज के और चेतावनी कहा कि हमलावरों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। निहित स्वार्थ के लिए पुलिस भी उनका बचाव करने में जुटी हुई है। यही वजह है कि पुलिस ने हमलावरों के विरुद्ध हत्या का प्रयास करने संबंधित मामला दर्ज करने के बजाय मात्र धारा 323 के तहत एफआईआर दर्ज कर इस मामले को कमजोर करने का प्रयास किया है। उन्होंने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 5 दिवस में पुलिस हमलावरों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान नहीं करती तो मजबूरन सर्व समाज को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।


Conclusion:बाईट- राम किशन मेघवाल दलित व भाजपा नेता

बाईट- देशराज वर्मा दलित नेता
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