अलवर: अभी तक कोरोना पॉजिटिव मरीज को अलग रखने और विशेष प्रोटोकॉल के तहत उनके इलाज की व्यवस्था थी. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से जिन लोगों की मौत होती है, उन लोगों का अंतिम संस्कार कोविड की गाइड लाइन के अनुसार किया जाता था. मरीजों के शव का अंतिम संस्कार भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में होता था. इसके अलावा पूरे शव को पीपीई किट में बंद रखा जाता है. अभी तक कोविड शव सामान्य शव के साथ रखने की व्यवस्था थी. लेकिन अब कोरोना संक्रमित मरीज के शव को अलग रखने की व्यवस्था होगी.
लोटस हॉस्पिटल में एक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत के बाद शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रख दिया गया. ऐसे में दो नॉन कोविड डेड बॉडी के पोस्टमार्टम 2 घंटे देरी से हुए. कोविड प्रोटोकाल के तहत शव को परिजनों को सौंपने के बाद मोर्चरी को सैनिटाइज करके पोस्टमार्टम किए गए. पिछले कई दिनों से इसी तरह की दिक्कत आ रही हैं, इसलिए कोरोना पॉजिटिव शव को मोर्चरी के दूसरे कक्ष में रखने का निर्णय लिया गया है.
पोस्टमार्टम में लगेगा कम समय
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस नई व्यवस्था से संक्रमण में कमी आएगी. इसके अलावा अभी सामान्य शव के पोस्टमार्टम में खासा समय लग रहा था. ऐसे में अब तुरंत शव का पोस्टमार्टम हो सकेगा.
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बता दें कि राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की मोर्चरी में 2 नए डी फ्रीजर लगेंगे. अलवर शहर विधायक ने इसके लिए करीब 10 लाख का बजट स्वीकृत किया है. डीप फ्रीजर खरीदने की अनुमति मिल गई है. अस्पताल में पिछले कई साल से पुराने फ्रीजर से काम चल रहा था. गर्मी में शवों को रखने में खासी दिक्कत होती थी, इसलिए शहर विधायक की तरफ से यह फैसला लिया गया है.