अलवर. प्रदेश का अलवर जिला कोरोना का एपिसेंटर बन चुका है. हालात दिनों-दिन खराब हो रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 6500 से अधिक हो चुकी है. जिले में हर दिन 100 से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं. प्रशासन की तरफ से की जा रही तमाम कोशिशों के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से ज्यादा ज्यादा सैंपलों की टेस्टिंग की जा रही है.
अलवर में हर दिन करीब 2000 सैंपलों की जांच हो रही है. 400 से 500 सैंपल अलवर की लैब में में ही जांचे जा रहे हैं, जबकि अन्य सैंपलों को जांच के लिए जयपुर भेजा जा रहा है. लेकिन 8 अगस्त को अलवर की कोरोना जांच लैब में हाई वोल्टेज विद्युत सप्लाई होने के कारण अचानक मशीनें खराब हो गई थी. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मशीनों को बंद किया गया. इंजीनियर लगातार मशीनों को ठीक करने में जुटे हुए थे. मशीनों के ठीक होने के बाद गुरुवार को लैब को फिर से शुरू कर दिया गया.
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लैब में सबसे पहले सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान का सैंपल टेस्ट किया गया. इसके अलावा प्रशासन की तरफ से कुछ लोगों के सैंपल दिए गए थे. लैब प्रभारी डॉ. तरुण यादव ने बताया कि लैब में सैंपल चेक होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अलवर की लैब की रिपोर्ट तुरंत आती है और जांच में समय कम लगता है. ऐसे में तुरंत रिपोर्ट मिलने के बाद मरीज का इलाज भी जल्दी शुरू हो जाता है. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आगामी दिनों में सैंपल की संख्या बढ़ने की व्यवस्था की जा रही है.