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कोरोना संक्रमित मरीजों को अब अलवर में मिल सकेगा प्लाज्मा

कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीज देशभर में प्लाज्मा से बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है. अब अलवर में भी कोरोना संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा मिल सकेगा.

Alwar news, Plasma facility in alwar
कोरोना संक्रमित मरीजों को अब अलवर में मिल सकेगा प्लाज्मा
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Published : May 6, 2021, 11:06 PM IST

अलवर: निजी ब्लड बैंक जीवनधारा में प्लाज्मा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. संक्रमित मरीज के परिजनों को अब प्लाज्मा के लिए दूसरे शहरों में धक्के नहीं खाने होंगे. अलवर में अबतक प्लाज्मा की सुविधा नहीं थी.

कोरोना संक्रमित मरीजों को अब अलवर में मिल सकेगा प्लाज्मा

अब अलवर में ही प्लाज्मा की सुविधा

अलवर की जीवनधारा ब्लड बैंक में संक्रमित मरीज के परिजनों को प्लाज्मा की सुविधा मिलेगी. प्लाज्मा देने से पहले मरीज को जांच करानी पड़ेगी. मरीज में एंटीबॉडी होनी चाहिए. कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के एक महीने बाद तक प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. प्लाज्मा देने की प्रक्रिया में करीब 1 घंटे का समय लगता है. इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित 16 हजार 500 रुपए फीस देनी होगी.

कई लोग ले चुके हैं प्लाज्मा की जानकारी

ब्लड बैंक के अधिकारियों ने कहा कि प्लाज्मा के अलावा प्लेटलेट्स और दूसरी सुविधाएं भी मरीजों को दे सकते हैं. डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कई अन्य बीमारियों में भी मरीजों की प्लेटलेट्स कम होती है. अलवर जिले में प्लेटलेट्स की भी कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि अबतक प्लाज्मा नहीं दिया गया है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग प्लाज्मा संबंधित जानकारी ले चुके हैं.

कोरोना से हालात बेकाबू

कोरोना का संक्रमण कई गुना तेजी से बढ़ रहा है. अलवर जिले में एक्टिव केसों की संख्या करीब 11000 है. प्रतिदिन जिले में 900 से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं. मरीजों को इलाज के लिए बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर तलाश करना पड़ रहा है. सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड पूरी तरह से फूल हैं. ऐसे में हालात दिनों दिन खराब हो रहे हैं. कोरोना के चलते मरने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है. प्रतिदिन 20 से अधिक लोगों की कोरोना से जान जा रही है. ऐसे में मरीजों की जान बचाने के लिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से रेमडेसीविर इंजेक्शन, टोप्सिजुबेर इंजेक्शन, दवाएं मरीजों को दी जा रही है. साथ ही प्लाजमा थेरेपी से मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- पढ़ें- बारां: किशनगंज में एंबुलेंस नहीं मिली तो बाइक पर ले गए शव, Video Viral

कुछ लोग प्लाजमा थेरेपी को बेहतर मान रहे हैं. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी में कई कमियां हैं. फिर भी लगातार प्लाज्मा से लोगों की जान बचाई जा रही है. अलवर जिले में अबतक प्लाज्मा की कोई व्यवस्था नहीं थी. प्लाज्मा के लिए लोगों को जयपुर दिल्ली सहित अन्य जगह जाना पड़ रहा था. लेकिन अब कोरोना संक्रमित मरीजों को अलवर में ही प्लाज्मा मिल सकेगा.

अलवर: निजी ब्लड बैंक जीवनधारा में प्लाज्मा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. संक्रमित मरीज के परिजनों को अब प्लाज्मा के लिए दूसरे शहरों में धक्के नहीं खाने होंगे. अलवर में अबतक प्लाज्मा की सुविधा नहीं थी.

कोरोना संक्रमित मरीजों को अब अलवर में मिल सकेगा प्लाज्मा

अब अलवर में ही प्लाज्मा की सुविधा

अलवर की जीवनधारा ब्लड बैंक में संक्रमित मरीज के परिजनों को प्लाज्मा की सुविधा मिलेगी. प्लाज्मा देने से पहले मरीज को जांच करानी पड़ेगी. मरीज में एंटीबॉडी होनी चाहिए. कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के एक महीने बाद तक प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. प्लाज्मा देने की प्रक्रिया में करीब 1 घंटे का समय लगता है. इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित 16 हजार 500 रुपए फीस देनी होगी.

कई लोग ले चुके हैं प्लाज्मा की जानकारी

ब्लड बैंक के अधिकारियों ने कहा कि प्लाज्मा के अलावा प्लेटलेट्स और दूसरी सुविधाएं भी मरीजों को दे सकते हैं. डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कई अन्य बीमारियों में भी मरीजों की प्लेटलेट्स कम होती है. अलवर जिले में प्लेटलेट्स की भी कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि अबतक प्लाज्मा नहीं दिया गया है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग प्लाज्मा संबंधित जानकारी ले चुके हैं.

कोरोना से हालात बेकाबू

कोरोना का संक्रमण कई गुना तेजी से बढ़ रहा है. अलवर जिले में एक्टिव केसों की संख्या करीब 11000 है. प्रतिदिन जिले में 900 से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं. मरीजों को इलाज के लिए बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर तलाश करना पड़ रहा है. सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड पूरी तरह से फूल हैं. ऐसे में हालात दिनों दिन खराब हो रहे हैं. कोरोना के चलते मरने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है. प्रतिदिन 20 से अधिक लोगों की कोरोना से जान जा रही है. ऐसे में मरीजों की जान बचाने के लिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से रेमडेसीविर इंजेक्शन, टोप्सिजुबेर इंजेक्शन, दवाएं मरीजों को दी जा रही है. साथ ही प्लाजमा थेरेपी से मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

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कुछ लोग प्लाजमा थेरेपी को बेहतर मान रहे हैं. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी में कई कमियां हैं. फिर भी लगातार प्लाज्मा से लोगों की जान बचाई जा रही है. अलवर जिले में अबतक प्लाज्मा की कोई व्यवस्था नहीं थी. प्लाज्मा के लिए लोगों को जयपुर दिल्ली सहित अन्य जगह जाना पड़ रहा था. लेकिन अब कोरोना संक्रमित मरीजों को अलवर में ही प्लाज्मा मिल सकेगा.

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