अलवर. कोरोना वायरस के चलते चाइना में रहने वाले भारतीयों को एयरलिफ्ट करके भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वहां से आने वाले लोगों को अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन, आइटीबीपी, आर्म फोर्स कैंपस में रखा जाएगा. अलवर में की गई व्यवस्था का प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने विरोध किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला गलत है. 5 साल से अलवर का मेडिकल कॉलेज भवन बंद पड़ा हुआ है. कई बार इसको चलाने की मांग उठ चुकी है, लेकिन सरकार ने आज तक कॉलेज को शुरू नहीं किया. इस दौरान कॉलेज भवन को एम्स को देने के लिए भी कहा गया, लेकिन न तो एम्स को दिया गया, न ही प्रदेश सरकार के हैंडोवर किया गया. ऐसे में आज परेशानी के दौरान सरकार को इस भवन की याद आई है.
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जूली ने यहां तक कह दिया कि अलवर चारा गाह थोड़ी है, जो यहां पर उन लोगों को लाकर रखा जाएगा. श्रम मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रियाएं भी आने लगी है. कोरोना वायरस पर अलवर में राजनीति भी शुरू हुई है. कई संगठन कॉलेज भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं. ऐसे में कोरोना बयानबाजी का दौर चल रहा है. इस दौरान कुछ लोग डरे हुए हैं, तो कुछ लोग इसके पक्ष में खड़े हुए नजर आ रहे हैं.