अलवर. शहर में हजारों की संख्या में लोग मेहनत मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं. सैकड़ों वो दुकानदार है, जो सड़क के किनारे चाय खाना और अन्य घरेलू सामान बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं. दूसरी तरफ शहर में लगातार नए मॉल बन रहे हैं. बड़े शोरूम का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा सरकारी जमीनों पर जमकर अवैध निर्माण जारी है. कई बार इसकी शिकायत हो चुकी है, लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
जिसके बाद मंगलवार को नगर परिषद की तरफ से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. यह कार्रवाई केवल मेहनत मजदूर करके दो वक्त का पेट भरने वाले लोगों के खिलाफ नजर आई. नगर परिषद की तरफ से अस्पताल और आसपास क्षेत्र में सड़क किनारे दुकान लगाने वाले लोगों का सामान जब्त किया गया और नगर परिषद के अधिकारियों का गरीब तबके के लोगों का डंडा चला. शहर में दूसरी तरफ बड़े दुकानदारों की ओर से खुलेआम अतिक्रमण किया जा रहा है और अवैध निर्माण हो रहा है, लेकिन उस ओर नगर परिषद के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है.
नगर परिषद के अधिकारियों ने कहा कि शहर को साफ करने के लिए आगे भी नगर परिषद की कार्रवाई जारी रहेगी. अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया चलेगी, ऐसे में साथ है कि नगर परिषद में घूसखोरी का खेल चल रहा है. खुलेआम गरीबों को परेशान किया जा रहा है, जो दो वक्त की रोटी के लिए सुबह शाम मेहनत मजदूरी करता है, उस पर पूरा परिवार निर्भर होता है, लेकिन नगर परिषद के उच्च अधिकारियों का उन अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कोई ध्यान नहीं है, जो बड़े दुकानदारों की ओर से किया जा रहा है.
हालांकि इस संबंध में रेहड़ी पटरी दुकानदारों की ओर से खासा विरोध किया गया. कई जगह पर नगर परिषद की टीम को विरोध करना पड़ा, लोग नगर परिषद के कर्मचारियों से हाथापाई करते हुए नजर आए. दूसरी तरफ जिन लोगों का सामान जब्त किया गया. उन लोगों का रो रो कर बुरा हाल था. लोगों ने नगर परिषद के कर्मचारियों पर अवैध वसूली करने का भी आरोप लगाया और कहा कि हर महीने पैसे लेते हैं। उसके बाद भी उनका सामान जप्त किया जाता है.