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अलवर: नेशनल और स्टेट हाईवे के टोल से कैश की लाइन समाप्त, अब वाहन में फास्टैग होना जरूरी

अलवर सहित पूरे देश के नेशनल और स्टेट हाईवे के सभी टोल को पूरी तरह से फास्टैग कर दिया गया है. सभी टोल प्लाजा से कैश की लाइन समाप्त कर दी गई है. 15 फरवरी रात 12 बजे के बाद सभी टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों पर फास्टैग होना आवश्यक है, जिस वाहन में फास्ट ट्रैक नहीं मिलेगी. उस वाहन चालक से टोल की राशि का दोगुना पैसा जुर्माने के रूप में लिया जाएगा.

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अब वाहन में फास्टैग होना जरूरी
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Published : Feb 16, 2021, 10:53 AM IST

अलवर. सरकार की तरफ से वाहन चालकों की सुविधा के लिए फास्टैग तकनीक शुरू की गई. इसके तहत गाड़ी के आगे के शीशे पर एक चिप नुमा कार्ड लगाया जाता है. इसमें पैसे डाले होते हैं, जैसे ही गाड़ी टोल पर पहुंचती है. वहां पर लगे सेंसर अपने आप टोल का पैसा काट लेते हैं. यह पूरी प्रक्रिया अपने आप कंप्यूटर सिस्टम से होती है. ऐसा करते ही अपने आप टोल खुल जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को फास्टैग नाम दिया गया. इससे वाहन चालकों को भी फायदा हुआ.

अब वाहन में फास्टैग होना जरूरी

वहीं टोल पर लगने वाली लंबी कतारों से भी छुटकारा होने के बात कही गई. सभी नेशनल और स्टेट हाईवे पर फास्टैग को शुरू किया गया. लेकिन लोगों को समझाइश करने के लिए बीते दो महीने से एक कैश की लाइन भी चल रही थी, जिन गाड़ियों में फास्टैग लगा नहीं था, वो गाड़ियां पैसे देकर आसानी से निकल सकती थीं. 15 फरवरी रात 12 बजे से सरकार ने देश की सभी नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर फास्टैग पूरी तरह से शुरू करने के निर्देश दिए. इसके तहत टोल पर कैश की लाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिस वाहन में फास्टैग लगा नहीं होगा. उस वाहन चालक से जुर्माने के रूप में निर्धारित टोल राशि दोगुनी वसूली जाएगी. दिल्ली-जयपुर हाईवे से प्रतिदिन 70 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं. वाहनों का सबसे ज्यादा दबाव इसी हाईवे पर रहता है. अब भी बड़ी संख्या में वाहन चालकों द्वारा फास्टैग नहीं लगाया गया है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही जुर्माने की मार भी झेलनी होगी.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में आज से हर वाहन पर जरूरी होगा FASTag, जुर्माने से बचने के लिए ऐसे करें अप्लाई

वाहन चालकों को मिलेगा फायदा

नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के अधिकारियों ने कहा कि फास्टैग सुविधा लागू हो चुकी है.इससे वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी. उनको लंबी कतार में नहीं लगना होगा. कंप्यूटर से अपने आप टोल वसूला जाएगा. यह प्रक्रिया फटाफट हो गई है. साथ ही टोल पर होने वाली टोल कर्मी के साथ कहासुनी मारपीट की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी.

गौरतलब है कि अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. ऐसे में अलवर से कई स्टेट हाईवे रोड और नेशनल हाईवे होकर गुजरते हैं. अलवर में वाहनों का दबाव रहता है. अलवर में 15,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, इनमें आए दिन माल आता हैं. अलवर से देश के विभिन्न हिस्से और विदेशियों में सामान सप्लाई किया जाता है. सरकार की तरफ से फास्टैग तकनीक का कार्ड सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक मोबाइल कंपनी ई-मित्र सहित अन्य जगह पर उपलब्ध कराया गया है. इनको अधिकारिक रूप से गाड़ियों में यह कार्ड लगाने की अनुमति दी गई है.

अलवर. सरकार की तरफ से वाहन चालकों की सुविधा के लिए फास्टैग तकनीक शुरू की गई. इसके तहत गाड़ी के आगे के शीशे पर एक चिप नुमा कार्ड लगाया जाता है. इसमें पैसे डाले होते हैं, जैसे ही गाड़ी टोल पर पहुंचती है. वहां पर लगे सेंसर अपने आप टोल का पैसा काट लेते हैं. यह पूरी प्रक्रिया अपने आप कंप्यूटर सिस्टम से होती है. ऐसा करते ही अपने आप टोल खुल जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को फास्टैग नाम दिया गया. इससे वाहन चालकों को भी फायदा हुआ.

अब वाहन में फास्टैग होना जरूरी

वहीं टोल पर लगने वाली लंबी कतारों से भी छुटकारा होने के बात कही गई. सभी नेशनल और स्टेट हाईवे पर फास्टैग को शुरू किया गया. लेकिन लोगों को समझाइश करने के लिए बीते दो महीने से एक कैश की लाइन भी चल रही थी, जिन गाड़ियों में फास्टैग लगा नहीं था, वो गाड़ियां पैसे देकर आसानी से निकल सकती थीं. 15 फरवरी रात 12 बजे से सरकार ने देश की सभी नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर फास्टैग पूरी तरह से शुरू करने के निर्देश दिए. इसके तहत टोल पर कैश की लाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिस वाहन में फास्टैग लगा नहीं होगा. उस वाहन चालक से जुर्माने के रूप में निर्धारित टोल राशि दोगुनी वसूली जाएगी. दिल्ली-जयपुर हाईवे से प्रतिदिन 70 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं. वाहनों का सबसे ज्यादा दबाव इसी हाईवे पर रहता है. अब भी बड़ी संख्या में वाहन चालकों द्वारा फास्टैग नहीं लगाया गया है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही जुर्माने की मार भी झेलनी होगी.

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वाहन चालकों को मिलेगा फायदा

नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के अधिकारियों ने कहा कि फास्टैग सुविधा लागू हो चुकी है.इससे वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी. उनको लंबी कतार में नहीं लगना होगा. कंप्यूटर से अपने आप टोल वसूला जाएगा. यह प्रक्रिया फटाफट हो गई है. साथ ही टोल पर होने वाली टोल कर्मी के साथ कहासुनी मारपीट की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी.

गौरतलब है कि अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. ऐसे में अलवर से कई स्टेट हाईवे रोड और नेशनल हाईवे होकर गुजरते हैं. अलवर में वाहनों का दबाव रहता है. अलवर में 15,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, इनमें आए दिन माल आता हैं. अलवर से देश के विभिन्न हिस्से और विदेशियों में सामान सप्लाई किया जाता है. सरकार की तरफ से फास्टैग तकनीक का कार्ड सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक मोबाइल कंपनी ई-मित्र सहित अन्य जगह पर उपलब्ध कराया गया है. इनको अधिकारिक रूप से गाड़ियों में यह कार्ड लगाने की अनुमति दी गई है.

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