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निकाय चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने किया बड़ा बदलाव, अलवर में भाजपा की होगी 2 इकाई

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Published : Dec 6, 2019, 9:33 PM IST

अलवर जिले में बिगड़ते भाजपा के हालात और जिले का समीकरण देखते हुए भाजपा आलाकमान ने बड़ा फैसला लिया है. भाजपा की तरफ से अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांटा गया है, तो वहीं अब अलवर में भाजपा के 2 जिलाध्यक्ष होंगे. बता दें कि अलवर का विभाजन उत्तर और दक्षिण के रूप में होगा, जहां उत्तर में 5 और दक्षिण में 6 विधानसभाओं को शामिल किया गया है.

अलवर में भाजपा की दो इकाई  ,Two BJP units in Alwar
अलवर में भाजपा की होगी 2 इकाई

अलवर. निकाय चुनाव में भाजपा के पास बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस का बोर्ड बना. भाजपा की तरफ से पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की, तो वहीं भाजपा के पार्षदों का ऑडियो जमकर वायरल हुआ. अलवर जिले में बिगड़ते भाजपा के हालात और जिले का समीकरण देखते हुए भाजपा आलाकमान ने बड़ा फैसला लिया है. भाजपा की तरफ से अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांटा गया है, तो वहीं अब अलवर में भाजपा के 2 जिलाध्यक्ष होंगे.

अलवर में भाजपा की होगी 2 इकाई

क्राइम के लिहाज से क्रिटिकल माने जाने वाला अलवर जिला लगातार राजनीति के लिए भी काफी हॉट जिला रहा है. अलवर की राजनीति पर प्रदेश और केंद्र की नजर रहती है. इसलिए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता यहां चुनाव प्रचार के लिए आते हैं और पार्टियों की तरफ से पूरी ताकत झोंकी जाती है.

पढ़ें- खबर पर मुहर: बीजेपी संगठनात्मक दृष्टि से अलवर दो इकाइयों में पुनर्गठित, अब जयपुर शहर की तैयारी

निकाय चुनाव में बहुमत के बाद भी भाजपा को मिली करारी हार को देखते हुए भाजपा ने अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांटने का फैसला लिया है. इस बदलाव के बाद अलवर का विभाजन उत्तर और दक्षिण के रूप में होगा. उत्तर की बात करें तो उत्तर में 5 और दक्षिण में 6 विधानसभाओं को शामिल किया गया है.

बता दें कि उत्तर में बानसूर, बहरोड़, मुंडावर, किशनगढ़ बास और तिजारा को रखा गया है. तो वहीं दक्षिण में अलवर शहर, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़, थानागाजी और कठूमर को रखा गया है. अलवर जिले की 11 विधानसभाओं में 54 मंडल हैं. ऐसे में दोनों हिस्सों में अलग तरह की राजनीति है तो वहीं प्रत्येक मोर्चे के 2 जिलाध्यक्ष होंगे. जल्द ही जिला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया होगी. ऐसे में संगठन में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं.

अलवर जिले की बढ़ती हुई जनसंख्या और क्षेत्र को देखते हुए लगातार सरकार और पार्टियां बदलाव करने में लगी हुई है. ऐसे में पुलिस के लिहाज से पहले ही अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांट दिया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अलवर को क्रिटिकल बता चुके हैं.

अलवर. निकाय चुनाव में भाजपा के पास बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस का बोर्ड बना. भाजपा की तरफ से पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की, तो वहीं भाजपा के पार्षदों का ऑडियो जमकर वायरल हुआ. अलवर जिले में बिगड़ते भाजपा के हालात और जिले का समीकरण देखते हुए भाजपा आलाकमान ने बड़ा फैसला लिया है. भाजपा की तरफ से अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांटा गया है, तो वहीं अब अलवर में भाजपा के 2 जिलाध्यक्ष होंगे.

अलवर में भाजपा की होगी 2 इकाई

क्राइम के लिहाज से क्रिटिकल माने जाने वाला अलवर जिला लगातार राजनीति के लिए भी काफी हॉट जिला रहा है. अलवर की राजनीति पर प्रदेश और केंद्र की नजर रहती है. इसलिए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता यहां चुनाव प्रचार के लिए आते हैं और पार्टियों की तरफ से पूरी ताकत झोंकी जाती है.

पढ़ें- खबर पर मुहर: बीजेपी संगठनात्मक दृष्टि से अलवर दो इकाइयों में पुनर्गठित, अब जयपुर शहर की तैयारी

निकाय चुनाव में बहुमत के बाद भी भाजपा को मिली करारी हार को देखते हुए भाजपा ने अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांटने का फैसला लिया है. इस बदलाव के बाद अलवर का विभाजन उत्तर और दक्षिण के रूप में होगा. उत्तर की बात करें तो उत्तर में 5 और दक्षिण में 6 विधानसभाओं को शामिल किया गया है.

बता दें कि उत्तर में बानसूर, बहरोड़, मुंडावर, किशनगढ़ बास और तिजारा को रखा गया है. तो वहीं दक्षिण में अलवर शहर, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़, थानागाजी और कठूमर को रखा गया है. अलवर जिले की 11 विधानसभाओं में 54 मंडल हैं. ऐसे में दोनों हिस्सों में अलग तरह की राजनीति है तो वहीं प्रत्येक मोर्चे के 2 जिलाध्यक्ष होंगे. जल्द ही जिला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया होगी. ऐसे में संगठन में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं.

अलवर जिले की बढ़ती हुई जनसंख्या और क्षेत्र को देखते हुए लगातार सरकार और पार्टियां बदलाव करने में लगी हुई है. ऐसे में पुलिस के लिहाज से पहले ही अलवर जिले को 2 हिस्सों में बांट दिया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अलवर को क्रिटिकल बता चुके हैं.

Intro:अलवर
निकाय चुनाव में भाजपा के पास बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस का बोर्ड बना भाजपा की तरफ से पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की। तो वहीं भाजपा के पार्षदों का ऑडियो जमकर वायरल हुआ। अलवर जिले में बिगड़ते भाजपा के हालात व जिले का समीकरण देखते हुए भाजपा आलाकमान ने बड़ा फैसला लिया है। भाजपा की तरफ से अलवर जिले को दो हिस्सों में बांटा गया है। तो वहीं अब अलवर में भाजपा के दो जिलाध्यक्ष होंगे।


Body:क्राइम के लिहाज से क्रिटिकल माने जाने वाला अलवर जिला लगातार राजनीति के लिए भी काफी हॉट जिला रहा है। अलवर की राजनीति पर प्रदेश व केंद्र की नजर रहती है। इसलिए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता यहां चुनाव प्रचार के लिए आते हैं व पार्टियों की तरफ से पूरी ताकत झोंकी जाती है। निकाय चुनाव में बहुमत के बाद भी भाजपा को मिली करारी हार को देखते हुए भाजपा ने अलवर जिले को दो हिस्सों में बांटने का फैसला लिया है। इस बदलाव के बाद अलवर का विभाजन उत्तर व दक्षिण के रूप में होगा। उत्तर की बात करें तो उत्तर में पांच और दक्षिण में छह विधानसभाओं को शामिल किया गया है। उत्तर में बानसूर, बहरोड़, मुंडावर, किशनगढ़ बास व तिजारा को रखा गया है। तो वहीं दक्षिण में अलवर शहर, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़, थानागाजी और कठूमर को रखा गया है। अलवर जिले की 11 विधानसभाओं में 54 मंडल हैं। ऐसे में दोनों हिस्सों में अलग तरह की राजनीति है। तो वही प्रत्येक मोर्चे के दो जिलाध्यक्ष होंगे। जल्द ही जिला जिला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया होगी। ऐसे में संगठन में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।


Conclusion:अलवर जिले की बढ़ती हुई जनसंख्या व क्षेत्र को देखते हुए लगातार सरकार व पार्टियां बदलाव करने में लगी हुई है। ऐसे में पुलिस के लिहाज से पहले ही अलवर जिले को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अलवर को क्रिटिकल बता चुके हैं। ऐसे में लगातार देखना होगा कि आने वाले समय में कांग्रेस व भाजपा की तरफ से जिले की राजनीति में किस तरह के बदलाव किए जाते हैं व इन बदलावों से क्या फर्क देखने को मिलता है।
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