अलवर. नाबालिग गैंगरेप मामले में भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति बयानबाजी नहीं करने की बात करते हो, लेकिन विपक्ष चुनावी माहौल में मिले इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती. बीजेपी ने अब पिड़िता को न्याय दिलाने के लिए बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर ली हैं. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा 17 और 18 जनवरी को प्रदेश के सभी मंडलों पर व्यापक विरोध प्रदर्शन करेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने अलवर मूक बधिर नाबालिग गैंगरेप (Alwar Minor Rape Case) मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अलवर में मंगलवार की रात को नाबालिग के साथ हुई घटना के संदर्भ में एसआईटी की रिपोर्ट (SIT Report On Alwar Case) आए बिना अलवर पुलिस की ओर से दुष्कर्म जैसी किसी भी घटना से इंकार कर दुर्घटना बताया जाना राज्य सरकार की नीयत और नाकामी पर सवाल खड़े करता है.
पूनिया ने उठाए सवाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा है कि क्या पंजाब और यूपी के चुनाव के कारण कांग्रेस सरकार बदनामी से डरकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है? प्रियंका गांधी के जन्मदिन में खलल के बाद कांग्रेस सरकार ने उनके इशारे पर इस मामले को दबाने की कोशिश की है. एसआईटी की रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने घटना से इनकार क्यों किया?
पूनिया ने कहा कि राजस्थान में बढ़ते अपराध खासतौर पर महिलाओं और दलितों के प्रति बढ़ते अपराधों से कांग्रेस के मैनेजर चिंतित हैं. राज्य सरकार पुलिस पर दबाव डालकर मामले को अनुचित तरीके से दबाने की कोशिश कर रही हैं. डाक्टरों की प्रारंभिक राय क्या थी. पीड़िता के परिवार को मुआवज़ा किस बात का दिया गया. पूनिया ने कहा कि भाजपा इस पूरे घटनाक्रम की तत्काल निरपेक्ष जांच और अपराधियों की फांसी की सजा की मांग करती है.
पुलिस बोली नहीं हुआ रेप!
अलवर में विमंदित मूक बधिर बालिका के मामले में मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट ने नया मोड़ ला दिया. अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने जब कहा कि मेडिकल बोर्ड ने जयपुर में उसकी जांच पड़ताल की, जिससे साफ हुआ कि बालिका के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक बालिका के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. बालिका का वजाइना व हाईना पूरी तरह से ठीक है.
एसपी ने कहा कि इस मामले में अलवर पुलिस ने करीब ढाई सौ से ज्यादा कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक की पुलिस के पास बालिका के गांव से निकलकर टेंपो में बैठने से लेकर घटनास्थल के पास तक के वीडियो रिकॉर्डिंग मिली है. लास्ट लोकेशन से घटनास्थल के बीच की 10 मिनट की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं है. उस 10 मिनट में बालिका कहां थी व उसके साथ क्या हुआ इसकी अलवर पुलिस जांच कर रही है.