अलवर. भिवाड़ी के 2 भाइयों की हत्या (Bhiwadi Brothers Murder) को लेकर भाजपा बनाम कांग्रेस लड़ाई शुरू हो गई है. कांग्रेस जहां वारदात को संगीन बता इसकी निंदा कर रही है वहीं भाजपा बेहाल कानून व्यवस्था का हवाला दे रही है. अब इस मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी एक ट्वीट किया है. उन्होंने इसे पुलिसिया लापरवाही का नाम दिया है. उन्होंने हैरत जताते हुए लिखा कि पुलिस 3 दिन तक कोई सुराग नहीं जुटा पाई.
गौरतलब है कि भिवाड़ी में रहने वाले 3 सगे भाइयों को 15 अक्टूबर को अगवा किया गया था (Shekhawat blames Alwar police). इनमें से दो की हत्या कर दी गई जबकि 1 को सकुशल बरामद कर लिया गया. ये बच्चा भी बाल सुधार गृह में मिला. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अलवर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.
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अलवर में तीन मासूम भाइयों के अपहरण की सूचना 15 अक्टूबर को दी जाती है।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) October 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पुलिस तीन दिन तक कोई सुराग नहीं निकाल पाती। दो भाइयों के शव यमुना नदी, दिल्ली में मिलते हैं और तीसरा भाई बाल सुधार गृह में! #Rajasthan pic.twitter.com/DDVHN8VbTZ
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पुलिस तीन दिन तक कोई सुराग नहीं निकाल पाती। दो भाइयों के शव यमुना नदी, दिल्ली में मिलते हैं और तीसरा भाई बाल सुधार गृह में! #Rajasthan pic.twitter.com/DDVHN8VbTZअलवर में तीन मासूम भाइयों के अपहरण की सूचना 15 अक्टूबर को दी जाती है।
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पुलिस तीन दिन तक कोई सुराग नहीं निकाल पाती। दो भाइयों के शव यमुना नदी, दिल्ली में मिलते हैं और तीसरा भाई बाल सुधार गृह में! #Rajasthan pic.twitter.com/DDVHN8VbTZ
आरोप है कि इस मामले में अपनी समस्या लेकर थाने में पहुंचने वाले परिजनों से भी पुलिस ने गलत व्यवहार किया. परिजनों के मुताबिक कि पुलिस ने मदद करने की जगह उन पर ही अनर्गल आरोप लगाए. पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. जिन लोगों पर पीड़ित परिवार को शक था पुलिस को उन लोगों के नाम बताए गए लेकिन उसके बाद भी पुलिस आरोपियों की तलाश करने की जगह उल्टा परिजनों को धमकाने में लगी रही. शिकायत लेकर थाने पहुंचने वाले लोगों को मारने के लिए पुलिसकर्मी भागते थे.
इसी पूरे मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि 15 तारीख को बच्चे गायब हुए. 3 दिनों तक भिवाड़ी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते ये घटना हुई.
पढ़ें-राजस्थान: भिवाड़ी से 3 बच्चों का अपहरण, दिल्ली में मिली 2 बच्चों की लाश...एक सकुशल बरामद
मांगी थी फिरौती: इस मामले में परिजनों ने कहा कि जब उनके बच्चे गायब हुए तो उनके पास एक फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने उनसे आठ लाख रुपए फिरौती की मांग की. पैसे नहीं देने पर बच्चों को जान से मारने की धमकी देने लगा. परिजनों ने कहा कि उनके पास पैसे की व्यवस्था नहीं हुई इसलिए उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया.
पुलिस बोली नुकसान की भरपाई को मांगी फिरौती: इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने कहा ये कोरोना के चलते बिहार से आने वाले श्रमिकों को रोजगार नहीं मिला. बिना रोजगार के श्रमिक परेशान हुए. ऐसे में श्रमिकों पर हजारों का कर्जा हो गया.आरोपियों को पैसे की आवश्यकता थी. गांव में उनकी जमीन गिरवी हो गई थी.उस जमीन को छुड़वाने और कर्जा चुकाने के लिए आरोपियों ने फिरौती की डिमांड की थी. फिरौती के लिए ही उन्होंने इस पूरी घटना को अंजाम दिया.
2 गिरफ्तार: पुलिस ने इस मामले में महावीर और मांजा कुमार को गिरफ्तार किया. दोनों मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. दोनों नशा करते हैं. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने बिहार में जमीन खरीदी थी. उसका कर्ज करीब 8 लाख रुपए चुकाने के लिए आरोपियों ने 15 अक्टूबर को तीनों बच्चों को किडनैप किया. आरोपी बच्चों को बहला-फुसला कर साथ ले गए थे. बच्चे भी इन दोनों को अच्छे से जानते थे.
पुलिस के मुताबिक...: आरोपी महावीर और मांजा कुमार बच्चों के पिता ज्ञान सिंह के पास मुकुट कॉलोनी में किराए पर रहते थे. दोनों ही गांजा और शराब के आदी थे. कर्ज उतारने के लिए दोनों ने मिलकर ज्ञान सिंह के बच्चों को अगवा कर लिया. तीनों बच्चों को झांसे में लेकर वो भिवाड़ी से धारुहेड़ा लेकर गए. वहां से एक इको वैन किराए पर की. उस वैन से वो दोनों बच्चों को लेकर गुड़गांव इफको चौक मेट्रो स्टेशन पहुचे. मेट्रो में बैठ कर दिल्ली रोहिणी स्टेशन पर उतर कर बच्चों को यमुना पार घने जंगल में ले गए और वहां पर बच्चों को मौत के घाट उतार कर वापस भिवाड़ी आ गए.