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बाबा रामदेव का अलवर Connection : बहरोड़ के गांव गुगड़िया में ननिहाल...8 साल अलवर रहकर की थी पढ़ाई

बाबा रामदेव फिलहाल अपने बयानों के कारण चर्चा और विवाद का विषय बने हुए हैं. आयुर्वेद और एलोपैथी विवाद के कारण उनकी परेशानी बढ़ सकती है. अलग-अलग राज्यों से रामदेव के खिलाफ कार्रवाई का दौर भी जारी है. लेकिन यहां हम आपको बताएंगे बाबा के अलवर कनेक्शन के बारे में.

Alwar news Baba Ramdev's early education
बाबा रामदेव का बचपन
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Published : May 29, 2021, 6:04 PM IST

अलवर. बाबा रामदेव योग गुरू के रूप में पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. उनके पतंजलि प्रोडेक्ट भी देशभर के बाजारों पर कब्जा किए हुए हैं. लेकिन एलोपैथी को लेकर दिए गए अपने बयानों के कारण बाबा रामदेव आज घिरे हुए हैं. कौन हैं स्वामी रामदेव ? उनका बचपन कहां बीता ? राजस्थान की धरती से उनका क्या नाता है ? अलवर से उनका क्या कनेक्शन है ? इन्हीं सब सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे.

बाबा रामदेव का अलवर से नाता

गुगड़िया गांव से नाता

स्वामी रामदेव का ननिहाल राजस्थान के उत्तर-पूर्वी जिले अलवर के बहरोड के पास गुगड़िया गांव में है. बाबा का बचपन अपने ननिहाल यानी गुगड़िया गांव में खूब बीता. बल्कि शुरूआती जीवन में उन्होंने यहां काफी लंबे वक्त तक पढ़ाई भी की थी. 8 साल की उम्र तक बाबा अलवर में ही रहे और यहां उन्होंने आरंभिक शिक्षा ली. इसके बाद वे अपने गांव अलीपुर चले गए. जो हरियाणा के नारनौल में था.

आगे की शिक्षा खानपुर के गुरुकुल से ली

अलवर के बाद बाबा आगे की शिक्षा के लिए खानपुर स्थित गुरुकुल में चले गए. वहीं उनकी शिक्षा दीक्षा हुई. इसके बाद बाबा रामदेव हरिद्वार पहुंचे और योग के जरिए उन्होंने अपना एक अलग स्टेटस बनाया.

पढ़ें- आयुर्वेद और एलोपैथी की जंग जारी...जानिये जयपुर की जनता किसके साथ

क्यों हैं सुर्खियों में ?

बाबा रामदेव ने कोरोना की दवाई कोरोनिल बनाने का दावा किया. आईएमए के सामने आने के बाद बाबा ने अपने दावे को बदल दिया. इसके बाद बाबा लगातार बयानबाजी करते रहे. आईएमए ने रामदेव के बयानों को लेकर नोटिस भेज दिया. कुछ राज्यों में बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई तो कुछ ने नोटिस भेजे.

अलवर के खैरथल से पतंजलि के लिए सरसों तेल की सप्लाई

अलवर के खैरथल से रामदेव के पतंजलि को सरसों कच्ची धानी तेल सप्लाई होता है. जिला प्रशासन ने शिकायत की आड़ में तेल सप्लाई करने वाली मिल की जांच पड़ताल शुरू की. मिल को सील किया गया. हालांकि मिल को शुरुआती जांच पड़ताल के बाद खोल दिया गया है. लेकिन वहां प्रशासन नियुक्त किया गया है. खाद्य विभाग के अधिकारियों ने तेल मिल से पांच अलग-अलग सैंपल लिए हैं. जिनको जांच के लिए भेजा है. 10 से 15 दिनों में इन सैंपल की रिपोर्ट आनी है.

अलवर की राजनीति में बाबा रामदेव का दखल

बाबा रामदेव का अलवर की राजनीति में खासा हस्तक्षेप रहा है. सांसद चुनाव के दौरान भाजपा की तरफ से बाबा रामदेव की अनुमति के बाद ही प्रत्याशी की घोषणा की जाती है. बीते चुनाव में अलवर सीट अंत तक अटकी रही. अंत में बाबा बालक नाथ को रामदेव के कहने पर अलवर से टिकट दिया गया. इसी तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के टिकट में बाबा रामदेव का हस्तक्षेप रहता है.

मामा ने कहा रामदेव की निंदा करना गलत

देश में चल रहे बवाल के बीच रामदेव के मामा ने कहा है कि रामदेव नेक काम कर रहे हैं. वे लोगों का इलाज कर रहे हैं. योग में उनकी बड़ी भूमिका है. ऐसे में उनकी निंदा करना गलत है.

अलवर. बाबा रामदेव योग गुरू के रूप में पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. उनके पतंजलि प्रोडेक्ट भी देशभर के बाजारों पर कब्जा किए हुए हैं. लेकिन एलोपैथी को लेकर दिए गए अपने बयानों के कारण बाबा रामदेव आज घिरे हुए हैं. कौन हैं स्वामी रामदेव ? उनका बचपन कहां बीता ? राजस्थान की धरती से उनका क्या नाता है ? अलवर से उनका क्या कनेक्शन है ? इन्हीं सब सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे.

बाबा रामदेव का अलवर से नाता

गुगड़िया गांव से नाता

स्वामी रामदेव का ननिहाल राजस्थान के उत्तर-पूर्वी जिले अलवर के बहरोड के पास गुगड़िया गांव में है. बाबा का बचपन अपने ननिहाल यानी गुगड़िया गांव में खूब बीता. बल्कि शुरूआती जीवन में उन्होंने यहां काफी लंबे वक्त तक पढ़ाई भी की थी. 8 साल की उम्र तक बाबा अलवर में ही रहे और यहां उन्होंने आरंभिक शिक्षा ली. इसके बाद वे अपने गांव अलीपुर चले गए. जो हरियाणा के नारनौल में था.

आगे की शिक्षा खानपुर के गुरुकुल से ली

अलवर के बाद बाबा आगे की शिक्षा के लिए खानपुर स्थित गुरुकुल में चले गए. वहीं उनकी शिक्षा दीक्षा हुई. इसके बाद बाबा रामदेव हरिद्वार पहुंचे और योग के जरिए उन्होंने अपना एक अलग स्टेटस बनाया.

पढ़ें- आयुर्वेद और एलोपैथी की जंग जारी...जानिये जयपुर की जनता किसके साथ

क्यों हैं सुर्खियों में ?

बाबा रामदेव ने कोरोना की दवाई कोरोनिल बनाने का दावा किया. आईएमए के सामने आने के बाद बाबा ने अपने दावे को बदल दिया. इसके बाद बाबा लगातार बयानबाजी करते रहे. आईएमए ने रामदेव के बयानों को लेकर नोटिस भेज दिया. कुछ राज्यों में बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई तो कुछ ने नोटिस भेजे.

अलवर के खैरथल से पतंजलि के लिए सरसों तेल की सप्लाई

अलवर के खैरथल से रामदेव के पतंजलि को सरसों कच्ची धानी तेल सप्लाई होता है. जिला प्रशासन ने शिकायत की आड़ में तेल सप्लाई करने वाली मिल की जांच पड़ताल शुरू की. मिल को सील किया गया. हालांकि मिल को शुरुआती जांच पड़ताल के बाद खोल दिया गया है. लेकिन वहां प्रशासन नियुक्त किया गया है. खाद्य विभाग के अधिकारियों ने तेल मिल से पांच अलग-अलग सैंपल लिए हैं. जिनको जांच के लिए भेजा है. 10 से 15 दिनों में इन सैंपल की रिपोर्ट आनी है.

अलवर की राजनीति में बाबा रामदेव का दखल

बाबा रामदेव का अलवर की राजनीति में खासा हस्तक्षेप रहा है. सांसद चुनाव के दौरान भाजपा की तरफ से बाबा रामदेव की अनुमति के बाद ही प्रत्याशी की घोषणा की जाती है. बीते चुनाव में अलवर सीट अंत तक अटकी रही. अंत में बाबा बालक नाथ को रामदेव के कहने पर अलवर से टिकट दिया गया. इसी तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के टिकट में बाबा रामदेव का हस्तक्षेप रहता है.

मामा ने कहा रामदेव की निंदा करना गलत

देश में चल रहे बवाल के बीच रामदेव के मामा ने कहा है कि रामदेव नेक काम कर रहे हैं. वे लोगों का इलाज कर रहे हैं. योग में उनकी बड़ी भूमिका है. ऐसे में उनकी निंदा करना गलत है.

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