अलवर. जिले में कोरोना का आंकड़ा 16 हजार के आस पास पहुंच चुका है. प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस भी अलवर में है. अलवर में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. प्रदेश के 11 जिलों में नो मास्क, नो एंट्री अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत प्रशासन की तरफ से एक करोड़ मास्क बांटे जाएंगे. दूसरी तरफ 31 अक्टूबर तक विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा. 9 अक्टूबर को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी वार्डों में वार्ड सभा का आयोजन होगा. 10 अक्टूबर को व्यापार मंडल की तरफ से विभिन्न बाजारों में मास्क बांटे जाएंगे. 11 अक्टूबर को शहर में मोटरसाइकिल रैली निकाली जाएगी.
12 अक्टूबर को नगर परिषद द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सैनिटाइज किया जाएगा. 13 अक्टूबर को नगर परिषद क्षेत्र में शहर के प्रत्येक घर पर कोरोना का स्टीकर और पोस्टर लगाएगा. 14 अक्टूबर को शहर के विभिन्न चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन होगा. 15 अक्टूबर को स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा पूर्णा जागरूकता पर गायन किया जाएगा. 16 अक्टूबर को मार्च पोस्टर निकाल कर कोरोना के विरुद्ध जागरूकता का संदेश दिया जाएगा. 17 अक्टूबर को एनसीसी और एनएसएस के छात्र छात्राओं द्वारा वाहन रैली निकाली जाएगी. 18 अक्टूबर को स्काउट गाइड छात्रों की तरफ से जागरूकता रैली निकाली जाएगी. 19 अक्टूबर को नगर परिषद द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सैनिटाइजर का कार्य किया जाएगा.
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20 अक्टूबर को विभिन्न चौराहों पर जागरूकता रंगोली बनाई जाएगी. 22 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा. 23 अक्टूबर को स्टिकर में पोस्टर चिपकाए जाएंगे. 24 अक्टूबर को विभिन्न चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजनों होगा. 25 अक्टूबर को कार्यक्रम मास्क लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा. 26 अक्टूबर को क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन का छिड़काव किया जाएगा. 27 अक्टूबर को स्टीकर लगाने का कार्यक्रम, 28 अक्टूबर को मार्च पास्ट, 29 अक्टूबर को लोक कलाकारों द्वारा कार्यक्रम, 30 अक्टूबर को रैली और 31 अक्टूबर को नगर परिषद की तरफ से सैनिटाइजेशन किया जाएगा.
कुछ दिन पहले अलवर पहुंची मंत्री ममता भूपेश ने कहा था कि लगातार प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना का प्रभाव ज्यादा बढ़ रहा है. इसलिए इन जगहों पर सरकार की तरफ से भामाशाह की मदद से एक करोड़ मास्क बांटे जाएंगे. इसके अलावा जब तक वैक्सीन नहीं आती लोगों को मास्क और सैनिटाइजर वैक्सीन की तरह काम में लेना है. इस बीमारी में जागरूकता ही बचाव है. दवाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण सावधानी लोगों को बचा सकती है.