अलवर. जिले के सरिस्का में बघेरे की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. एक और बघेरे की मौत का मामला सामने आया है. लोगों से जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी ने मौके पर पहुंचे और बघेरे के शव को अपने कब्जे में लिया. डॉक्टरों की टीम ने बघेरे का पोस्टमॉर्टम किया. उसके बाद बघेरे के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए.
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कुछ दिन पहले जंगल में बघेरा मृत अवस्था में मिला था. इसके बाद सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघ से संघर्ष के दौरान बघेरे की मौत हुई है, क्योंकि उसकी गर्दन और शरीर पर चोट के निशान मिले थे. वहीं, अब एक बार फिर से सरिस्का के टेहला रेंज के अधीन नाका बोराडा के तहत आने वाले ग्राम रामशालाका बास के पास एक बघेरा मृत अवस्था में मिला, लोगों ने मामले की जानकारी टहला वन अधिकारियों को दी. इस पर टेहला वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. बघेरे के शव को अपने कब्जे में लेकर वन विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों को मामले की सूचना दी गई. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने बघेरे का पोस्टमॉर्टम किया और फिर बघेरे का अंतिम संस्कार किया गया. साथ ही बघेरे का विसरा जांच के लिए लैब में भेजा गया है.
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सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि मौत का कारण अभी पता नहीं चला है, लेकिन जांच की जा रही है. वहीं, सरिस्का प्रशासन की तरफ से लगातार मॉनिटरिंग बढ़ाने की बात कही जा रही है. सरिस्का में इस समय 10 बाघिन, 6 बाघ व 6 शावक हैं. सरिस्का में 500 से अधिक बघेरे हैं. इसके अलावा अन्य जंगली जीव भी सरिस्का में विचरण करते हैं. क्षेत्रफल की दृष्टि से सरिस्का अन्य नेशनल पार्क से बड़ा है. साल भर यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं.