अलवर. यूआईटी की तरफ से समय-समय पर नई आवासीय कॉलोनियों को बसाया जाता है. बीते कुछ सालों के दौरान यूआईटी की तरफ से सूर्य नगर, अंबेडकर नगर, विज्ञान नगर, शालीमार सहित कई नई कॉलोनियों को बसाया गया. इस दौरान काश्तकारों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया. राजस्थान सरकार के नियम अनुसार जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है. इस दौरान काश्तकार को कमर्शियल और आवासीय जमीन और मुआवजा दिया जाता है.
साथ ही अन्य सुविधाएं भी का काश्तकारों को उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन साल 2009 से अलवर में काश्तकारों की समस्या लंबित चल रही है. समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण काश्तकार परेशान थे. ऐसे में कई बार जिला कलेक्टर तक यह समस्या पहुंच चुकी है और इस संबंद में उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया जा चुका है. काश्तकारों को होने वाली दिक्कत को देखते हुए ढाई साल बाद अलवर यूआईटी में शुक्रवार को आवंटन समिति की बैठक हुई. इसमें यूआईटी सचिव जिला कलेक्टर सहित यूआईटी के सभी अधिकारी मौजूद रहे.
आवंटन समिति के समक्ष काश्तकारों की 40 समस्याएं आई. इनमें से 35 का समाधान हो गया. इसमें काश्तकारों की सहमति के अनुसार इनका निपटारा किया गया. काश्तकारों को अन्य नियम के हिसाब से कमर्शियल जमीन, आवासीय भूमि उपलब्ध कराई गई. साथ ही जिन मामलों का निस्तारण नहीं हुआ है. उन मामलों को उच्च अधिकारियों को रेफर किया गया है, जिससे उनका भी जल्द से जल्द समाधान हो सके.
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जिला कलेक्टर ने कहा कि काश्तकारों की सहमति के आधार पर आवंटन समिति द्वारा फैसले लिए जाते हैं. लंबे समय आवंटन समिति की बैठक नहीं हुई, फिर बीच में कोरोना के कारण आवंटन समिति की बैठक नहीं हो पाई थी. इसलिए यूआईटी में आवंटन समिति की बैठक हुई आगे यह प्रक्रिया जारी रहेगी. 2009 से लंबित मामले का निस्तारण पहले किया गया. उसके बाद अन्य मामले समिति के सामने रखे गए. जिन मामलों का निस्तारण नहीं हुआ है, उनको आगे की प्रक्रिया के लिए उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया है.