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अलवरः जब RTO कार्यालय में अधिकारी ही नहीं रहते तो किससे कराए काम

अलवर के आरटीओ कार्यालय से प्रदेश सरकार को सबसे अधिक टैक्स के रूप में आय होती है. एनसीआर में होने के कारण अलवर में वाहनों पर टैक्स भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा लगता है. इन सब के बात भी अलवर के आरटीओ ऑफिस में लोगों को काम कराने के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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अलवर आरटीओ में गायब रहते हैं कर्मचारी...
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Published : Jan 14, 2020, 8:23 AM IST

अलवर. जिले का परिवहन कार्यालय पूरे प्रदेश में खास स्थान रखता है. प्रदेश सरकार को अलवर कार्यालय से सबसे ज्यादा टैक्स प्राप्त होता है. अलवर एनसीआर में शामिल है, इसलिए यहां एनसीआर के नियम लागू होते हैं और वाहनों से अन्य जिलों की तुलना में अधिक टैक्स वसूला जाता है.

अलवर आरटीओ में गायब रहते हैं कर्मचारी...

बता दें, कि इन सब के बात भी परिवहन विभाग के कार्यालय में आने वाले लोगों को काम के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं. अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी गायब रहते हैं. तो वहीं कार्यालय में दलालों का जमावड़ा रहता है. सोमवार को आरटीओ, एआरटीओ और एक भी डीटीओ नहीं था. ऐसे में इसका फायदा उठाकर ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी और बाबू भी गायब नजर आए. इसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ा.

पढ़ेंः मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने में सरकार कोई परेशानी नहीं, लेकिन इसमें बदलाव होना जरूरीः मंत्री खाचरियावास

बता दें, कि काम के लिए आने वाले लोग घंटों परेशान होते दिखाई दिए और लोगों ने खासा विरोध भी दर्ज किया. लोगों का कहना था कि यहां प्रतिदिन इस तरह के हालात रहते हैं. अधिकारी और कर्मचारी गायब रहते हैं. तो वहीं कार्यालय परिसर में दलालों का जमावड़ा रहता है. छोटे से कार्य के लिए लोगों को घूस देनी पड़ती है. सोमवार को दोपहर के समय ऑफिस पूरी तरह से खाली था, लेकिन काम करने के लिए लोग धक्के खा रहे थे.

पढ़ेंः जयपुरः 31 दिसंबर को होना था RTO विभाग में रोस्टर, लेकिन अधिकारी रहे विभाग से नदारद

रेवाड़ी से आए एक ट्रांसपोर्टर ने कहा कि वो 2 दिनों से चक्कर लगा रहा है. तो वहीं सोमवार को डेढ़ घंटे से वही खरीदी पर खड़ा हुआ है, लेकिन अंदर कर्मचारी गायब है. तो इसके बारे में कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है. केवल उसको एक स्टांप लगवानी है. इस तरह से पैरोड़ से आए एक ट्रांसपोर्टर ने बताया कि वो कई घंटे से परेशान है लेकिन सीट पर कर्मचारी अधिकारी नहीं है. ऐसे में मजबूरी में उनको दलालों की शरण लेनी पड़ती है.

अलवर. जिले का परिवहन कार्यालय पूरे प्रदेश में खास स्थान रखता है. प्रदेश सरकार को अलवर कार्यालय से सबसे ज्यादा टैक्स प्राप्त होता है. अलवर एनसीआर में शामिल है, इसलिए यहां एनसीआर के नियम लागू होते हैं और वाहनों से अन्य जिलों की तुलना में अधिक टैक्स वसूला जाता है.

अलवर आरटीओ में गायब रहते हैं कर्मचारी...

बता दें, कि इन सब के बात भी परिवहन विभाग के कार्यालय में आने वाले लोगों को काम के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं. अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी गायब रहते हैं. तो वहीं कार्यालय में दलालों का जमावड़ा रहता है. सोमवार को आरटीओ, एआरटीओ और एक भी डीटीओ नहीं था. ऐसे में इसका फायदा उठाकर ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी और बाबू भी गायब नजर आए. इसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ा.

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बता दें, कि काम के लिए आने वाले लोग घंटों परेशान होते दिखाई दिए और लोगों ने खासा विरोध भी दर्ज किया. लोगों का कहना था कि यहां प्रतिदिन इस तरह के हालात रहते हैं. अधिकारी और कर्मचारी गायब रहते हैं. तो वहीं कार्यालय परिसर में दलालों का जमावड़ा रहता है. छोटे से कार्य के लिए लोगों को घूस देनी पड़ती है. सोमवार को दोपहर के समय ऑफिस पूरी तरह से खाली था, लेकिन काम करने के लिए लोग धक्के खा रहे थे.

पढ़ेंः जयपुरः 31 दिसंबर को होना था RTO विभाग में रोस्टर, लेकिन अधिकारी रहे विभाग से नदारद

रेवाड़ी से आए एक ट्रांसपोर्टर ने कहा कि वो 2 दिनों से चक्कर लगा रहा है. तो वहीं सोमवार को डेढ़ घंटे से वही खरीदी पर खड़ा हुआ है, लेकिन अंदर कर्मचारी गायब है. तो इसके बारे में कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है. केवल उसको एक स्टांप लगवानी है. इस तरह से पैरोड़ से आए एक ट्रांसपोर्टर ने बताया कि वो कई घंटे से परेशान है लेकिन सीट पर कर्मचारी अधिकारी नहीं है. ऐसे में मजबूरी में उनको दलालों की शरण लेनी पड़ती है.

Intro:अलवर
अलवर के आरटीओ कार्यालय से प्रदेश सरकार को सबसे अधिक टैक्स के रूप में आए होती है। एनसीआर में होने के कारण अलवर में वाहनों पर टैक्स भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा लगता है। इन सब की बात भी अलवर के आरटीओ ऑफिस में लोगों को काम कराने के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कार्यालय से अधिकारी गायब रहते हैं व कर्मचारी अपनी मनमानी करते हैं।


Body:अलवर का परिवहन कार्यालय पूरे प्रदेश में खास स्थान रखता है। प्रदेश सरकार को अलवर कार्यालय से सबसे ज्यादा टैक्स प्राप्त होता है। अलवर एनसीआर में शामिल है। इसलिए यहां एनसीआर के नियम लागू होते हैं व वाहनों से अन्य जिलों की तुलना में अधिक टैक्स वसूला जाता है। इन सब की बात भी परिवहन विभाग के कार्यालय में आने वाले लोगों को काम के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी गायब रहते हैं। तो वहीं कार्यालय में दलालों का जमावड़ा रहता है। सोमवार को करने में आरटीओ एआरटीओ व एक भी डीटीओ नहीं था। ऐसे में इसका फायदा उठाकर ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी व बाबू भी गायब नजर आए। इसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ा।


Conclusion:काम के लिए आने वाले लोग घंटों परेशान होते दिखाई दिए व लोगों ने खासा विरोध भी दर्ज किया। लोगों का कहना था कि यहां प्रतिदिन इस तरह के हालात रहते हैं। अधिकारी व कर्मचारी गायब रहते हैं। तो वहीं कार्यालय परिसर में दलालों का जमावड़ा रहता है। छोटे से कार्य के लिए लोगों को घूस देनी पड़ती है। सोमवार को दोपहर के समय ऑफिस पूरी तरह से खाली था। लेकिन काम करने के लिए लोग धक्के खा रहे थे। रेवाड़ी से आए एक ट्रांसपोर्टर ने कहा कि वो 2 दिनों से चक्कर लगा रहा है। तो वहीं सोमवार को डेढ़ घंटे से वही खरीदी पर खड़ा हुआ है। लेकिन अंदर कर्मचारी गायब है। तो इसके बारे में कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है। केवल उसको एक स्टांप लगवानी है। इस तरह से पैरोड़ से आए एक ट्रांसपोर्टर ने बताया कि वो कई घंटे से परेशान है लेकिन सीट पर कर्मचारी अधिकारी नहीं है। ऐसे में मजबूरी में उनको दलालों की शरण लेनी पड़ती है। कार्यालय में प्रतिदिन इस तरह के हालात रहते हैं। शहर से दूर होने के कारण किसी का आरटीओ कार्यालय में ध्यान नहीं जाता हैं। इसका फायदा उठाकर यहां काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी जमकर मनमानी करते हैं। कई बार शिकायतों के बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ।

बाइट- परेशान लोग
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