अलवर. जिले का परिवहन कार्यालय पूरे प्रदेश में खास स्थान रखता है. प्रदेश सरकार को अलवर कार्यालय से सबसे ज्यादा टैक्स प्राप्त होता है. अलवर एनसीआर में शामिल है, इसलिए यहां एनसीआर के नियम लागू होते हैं और वाहनों से अन्य जिलों की तुलना में अधिक टैक्स वसूला जाता है.
बता दें, कि इन सब के बात भी परिवहन विभाग के कार्यालय में आने वाले लोगों को काम के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं. अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी गायब रहते हैं. तो वहीं कार्यालय में दलालों का जमावड़ा रहता है. सोमवार को आरटीओ, एआरटीओ और एक भी डीटीओ नहीं था. ऐसे में इसका फायदा उठाकर ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी और बाबू भी गायब नजर आए. इसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ा.
बता दें, कि काम के लिए आने वाले लोग घंटों परेशान होते दिखाई दिए और लोगों ने खासा विरोध भी दर्ज किया. लोगों का कहना था कि यहां प्रतिदिन इस तरह के हालात रहते हैं. अधिकारी और कर्मचारी गायब रहते हैं. तो वहीं कार्यालय परिसर में दलालों का जमावड़ा रहता है. छोटे से कार्य के लिए लोगों को घूस देनी पड़ती है. सोमवार को दोपहर के समय ऑफिस पूरी तरह से खाली था, लेकिन काम करने के लिए लोग धक्के खा रहे थे.
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रेवाड़ी से आए एक ट्रांसपोर्टर ने कहा कि वो 2 दिनों से चक्कर लगा रहा है. तो वहीं सोमवार को डेढ़ घंटे से वही खरीदी पर खड़ा हुआ है, लेकिन अंदर कर्मचारी गायब है. तो इसके बारे में कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है. केवल उसको एक स्टांप लगवानी है. इस तरह से पैरोड़ से आए एक ट्रांसपोर्टर ने बताया कि वो कई घंटे से परेशान है लेकिन सीट पर कर्मचारी अधिकारी नहीं है. ऐसे में मजबूरी में उनको दलालों की शरण लेनी पड़ती है.