अलवर. जिले में 20 दिन से एंटी रेबीज इंजेक्शन समाप्त हो चुके हैं. अलवर सामान्य अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन रहता है. जिले में 36 सीएचसी व 122 पीएचसी हैं. मरीजों को जरूरत के हिसाब से इंजेक्शन लगाए जाते हैं. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी सरकारी अस्पतालों को निशुल्क यह इंजेक्शन मिलते हैं. अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी मरीजों को निशुल्क इंजेक्शन लगाए जाते हैं, लेकिन जयपुर में इंजेक्शन की खरीद प्रक्रिया अटक गई है.
ऐसे में जिले में संकट गहराने लगा है. जिला अस्पताल में डॉग बाइट के केसों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे हालात में जिला अस्पताल में मेडिकल रिलीफ सोसायटी के बजट से प्रतिदिन 45 हजार के इंजेक्शन खरीदकर मरीजों को लगाए जा रहे हैं. जिले भर से इन दिनों प्रतिदिन 150 डॉग बाइट के केस इंजेक्शन लगवाने के लिए अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में पहुंच रहे हैं. जयपुर के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा डॉग बाइट के मामले अलवर में होते हैं. अलवर के बाद तीसरा स्थान भरतपुर का है.
जिला अस्पताल में रोजाना बढ़ रहे डॉग बाइट के केसों के कारण बढ़ते खर्चे के चलते सामान्य अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी परेशान हैं. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि निशुल्क दवा योजना के अंतर्गत अप्रैल तक एंटी रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई बाधित होने की बात कही गई है. अस्पताल में 100 से 150 डॉग बाइट के केस रोजाना आ रहे हैं. इनमें से 30 से 40 हजार खर्च का भार अस्पताल मेडिकल रिलीफ सोसायटी पर पड़ रहा है, क्योंकि सीएचसी व पीएचसी के मरीज भी जंक्शन के लिए सामान्य अस्पताल में आ रहे हैं.
ऐसे भी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने काला कुआं सेटेलाइट अस्पताल के पीएमओ को एंटी रैबीज इंजेक्शन खरीदने के निर्देश दिए हैं, ताकि काला कुआं सहित आसपास क्षेत्र के मरीजों को सेटेलाइट अस्पताल में इलाज मिल सके. ऐसे में जिला अस्पताल पर भार कम पड़ेगा. साथ ही सीएससी व पीएचसी प्रभारियों को भी मेडिकल रिलीफ सोसायटी के बजट से एंटी रैबीज इंजेक्शन खरीदने के लिए कहा गया है, जिससे मरीजों को तुरंत इंजेक्शन मिल सके.