अलवर. पूरा जिला इस वक्त बारिश के इंतजार में है, क्योंकि अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से जिले के अधिकतर बांध सूख चुके हैं. जिस वजह से सतही पानी के इंतजाम भी पर्याप्त नहीं है. वहीं, पूरा जिला डार्क जोन में है. कुछ सालों से लगातार अलवर में सामान्य से कम बारिश हो रही है, इसलिए ज्यादातर बांध सूख गए हैं. इस बार मौसम विभाग ने अलवर में सामान्य बारिश की संभावना जताई है, लेकिन अभी तक बारिश शुरू नहीं हुई है.
जबकि देश के कई राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ जैसे हालत हो गए हैं. जानकारी के अनुसार अलवर जिले में छोटे बड़े मिलाकर कुल 129 बांध हैं. इनमें से 300 हेक्टेयर से अधिक क्षमता वाले बांध सिंचाई विभाग के पास है. जबकि 300 हेक्टेयर से कम क्षमता वाले अन्य बांध जिला परिषद के पास हैं. सभी बांधों में से केवल चार बांध में पानी है, इसमें भी केवल नाममात्र का ही पानी बचा है. एक बांध में अभी हाल ही में थोड़ी सी बारिश के दौरान पानी आया है.
कितनी क्षमता है जिलें के बांधों में...
इस समय सिलीसेढ़ बांध में 17 फीट पानी है और भराव क्षमता 28.9 फीट है. मंगलसर बांध में 10 फीट पानी है और इस बांध की भराव क्षमता 40 फीट है. राजगढ़ के मानसरोवर बांध में 1 फीट पानी है और इस की भराव क्षमता 21.6 फीट है. इसके अलावा बघेली खुर्द बांध में 4 फीट पानी है और इस की भराव क्षमता 11.3 फीट है.
इसके अलावा सभी बांध पूरी तरीके से सूखे हुए हैं. मानसरोवर बांध में हाल ही में हुई बारिश के दौरान थोड़ा सा पानी आया है. वहीं, अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में सभी बांध पूरी तरीके से सूख जाएंगे. ऐसे में अलवर के लोगों को अच्छी बारिश का इंतजार है.
नदियां पूरी तरीके से सुख चुकी हैं...
अलवर जिले में तीन बरसाती नदियां हैं, इसमें साबी नदी, रूपारेल नदी और लड़वानाला नदी है. अलवर जिले में अभी तक 96.99 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सलाना औसत बारिश 555 मिलीमीटर होती है. ऐसे में साफ है कि अभी तक अलवर में बारिश नहीं हुई है.
डार्क जोन में आता है पूरा जिला...
अलवर जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं है. पूरा जिला डार्क जोन में आता है. जिस वजह से यहां साल भर पानी की समस्या रहती है. नीमराणा, बहरोड़, भिवाड़ी, खुशखेड़ा, तिजारा कई क्षेत्रों में लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता है. जबकि क्षेत्र में जो पानी है वह पीने योग्य नहीं है.