अलवर. जिले की 11 औद्योगिक क्षेत्रों में 12,000 से अधिक औद्योगिक इकाई हैं. इनमें लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. लॉकडाउन से पहले कुछ समय अपने घर लौट गए थे, लेकिन हजारों श्रमिक आज भी अलवर के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे हैं. इन श्रमिकों को रहने के लिए घर और खाने के लिए भोजन सहित विभिन्न जरूरी चीजों के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.
श्रमिक कई बार सरकार और प्रशासन से घर भेजने की मांग कर चुके हैं. ईटीवी भारत ने प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद अलवर प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए प्रवासी श्रमिकों से बातचीत की और उनको राशन उपलब्ध कराया. लॉकडाउन की अवधि लगातार बढ़ने के बाद राजस्थान सरकार की तरफ से प्रवासी श्रमिकों के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया. इसमें प्रवासी श्रमिक अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं.
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ऐसे में प्रवासी श्रमिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए अलवर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने अलवर के सभी उपखंड अधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों को निजी वाहनों से जाने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा सभी औद्योगिक इकाई फैक्ट्री संचालकों को काम करने वाले सभी श्रमिकों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे सरकार को प्रवासी श्रमिकों के बारे में सही व पूरी जानकारी मिल सके.