अलवर. बुजुर्ग कहते हैं कि गांव में हिंदुस्तान बसता है, गांव के लोगों में अपनेपन की भावना होती है. इसका जीता जागता उदाहरण अलवर में देखने को मिला. अलवर के एक छोटे से गांव के 45 लोगों ने देश की सुख शांति और कोरोना के संकट से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 7 किलोमीटर डंडोती लगाई है.
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बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी अपने गांव से नटनी का बारा पर देवनारायण मंदिर तक डंडोती लगाकर पहुंचे. उसके बाद सभी ने मिलकर पूजा अर्चना की. लोगों का यह प्रयास पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
अलवर का धर्मपुरा गांव पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है. गांव के 45 लोगों ने देश की सुख शांति, कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को नुकसान ना हो, देश से कोरोना का प्रभाव समाप्त हो, अच्छी बारिश हो और किसान की फसल बेहतर हो इसके लिए अपने गांव से नटनी का बारा पर देवनारायण मंदिर तक लेट कर गंगोत्री लगाई.
7 किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में गांव के ग्रामीण भी मौजूद रहे. रास्ते में कई गांव के लोगों की ओर से डंडोती लगाने वाले लोगों का स्वागत किया. इसमें बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी शामिल थे.
डंडोती लगाने वाले लोगों का हौसला देखते ही बन रहा था. भूखे प्यासे बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी ने एक साथ एक कतार में डंडोती लगाने के बाद मंदिर में पहुंचकर स्नान किया और उसके बाद देवनारायण भगवान की पूजा अर्चना की.
बीते दो साल में कोरोना का प्रभाव रहा. इसका असर सभी पर पड़ा. गरीब मजदूर और ग्रामीण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. लोगों का कामकाज ठप हो गया. युवाओं की नौकरी चली गई. देश की अर्थव्यवस्था लगातार खराब हो रही है. इसलिए सभी ग्रामीणों ने मिलकर डंडोती लगाने का फैसला लिया.
ग्रामीणों ने की व्यवस्था
अलवर जयपुर मार्ग पर यातायात दबाव ज्यादा रहता है. ऐसे में यातायात का संचालन ठीक हो इसके लिए भी ग्रामीणों की ओर से अतिरिक्त लोग लगाए गए. रास्ते में बढ़ोतरी लगाने वाले लोगों का ध्यान रखने पानी और अन्य जरूरत की चीजों की भी व्यवस्था ग्रामीणों की तरफ से की गई थी.