अलवर. सरिस्का में सफारी का आनंद लेने के लिए आने वाले पर्यटकों को अब यहां कई नए विकल्प मिलेंगे. सरिस्का प्रशासन की तरफ से सरिस्का में 4 नए रूट पर सफारी शुरू करने की योजना बन रही है. सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही नए रूटों पर सफारी शुरू हो जाएगी. इससे यहां आने वाले पर्यटकों को सिरस्का को और नजदीक और बेहतर तरह से समझने का मौका मिलेगा. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. वन्यजीवों के लिए सरिस्का को अन्य जगहों की तुलना में खासा सुरक्षित और बेहतर माना गया है.
यह ऐसा टाइगर रिजर्व क्षेत्र है जिसकी कोई पेरिफेरी नहीं है. साल भर सारिस्का में देसी विदेशी पर्यटक आते हैं. देश की राजधानी दिल्ली और राजस्थान की राजधानी जयपुर के बीच में पड़ने वाले सरिस्का में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सारिस्का प्रशासन की तरफ से कई नए रूटों पर सफारी शुरू करने की योजना बन रही है. सरिस्का के अधिकारियों की मानें तो सारिस्का का खूबसूरत बड़ा क्षेत्र अभी तक पर्यटकों से अछूता है. उस क्षेत्र में कई बाघ के शावक विचरण कर रहे हैं. ऐसे में पर्यटक नए रूटों की सफारी के आनंद के साथ बाघों को भी देख सकेंगे. ऐसे में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, तो वहीं से इस क्षेत्र का डेवलपमेंट होगा.
सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि सारिस्का में अभी 4 रूटों पर सफारी चल रही है. इसके अलावा 4 नए रूट चिन्हित किए गए हैं. जल्द ही उन पर भी लोगों को सफारी की सुविधा मिलेगी. सारिस्का क्षेत्र में अभी 10 बाघिन, 6 बाघ और चार शावक है. लगातार पर्यटकों को सारिस्का क्षेत्र में बाघ दिख रहा है. इसके अलावा सरिस्का में हिरण नीलगाय बारहसिंघा पैंथर लोमड़ी सहित कई तरह के जानवर सनकी प्रजातियां हैं, जिनको देखकर यहां आने वाले पर्यटक खासे प्रसन्न होते हैं और आनंदित होते हैं.
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इसके अलावा सारिस्का प्रशासन की तरफ से यहां आने वाले पर्यटकों को क्या सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की योजना बन रही है. सारिस्का के अधिकारियों की मानें तो पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिले, जिससे सारिस्का क्षेत्र में पर्यटन बड़े और इससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही सरिस्का की खराब हुई छवि भी बेहतर हो सकेगी.