अलवर. जिले में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का कायाकल्प होगा. पीडब्ल्यूडी विभाग ने 3800 किलोमीटर की सड़कों को ठीक करने का फैसला लिया है. इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा. लोगों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी और आवागमन सुगम होगा. अलवर में करीब 6000 किलोमीटर सड़कें हैं. बारिश के दौरान ज्यादातर सड़के क्षतिग्रस्त हो गई. बीते सालों की तुलना में इस बार अलवर में ज्यादा बारिश हुई है.
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 1700 किलोमीटर की सड़कें ठेकेदारों की ओर से ठीक कराई जाएगी. 1100 किलोमीटर की सड़कों पर पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से पेच वर्क कार्य कराया जाएगा. साथ ही करीब 1000 किलोमीटर की सड़कें एफडीआर योजना के तहत ठीक कराई जाएंगी. कुछ सड़कों का प्रस्ताव बनाकर बाढ़ राहत योजना के तहत सरकार को भेजे गए हैं. विभाग के अधिकारियों ने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों को चिन्हित करके जल्द ही काम शुरू होगा. अधिकारियों ने बताया कि अभी अलवर और आसपास क्षेत्र में बारिश हो रही है. बारिश रुकने के साथ ही सड़कों के मरम्मत कार्य शुरू हो जाएंगे.
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जिले में भारी बारिश से बने हालात
अलवर जिले में बारिश के बाद कुछ सड़कों के हालात ज्यादा खराब हो गए हैं. इसमें अलवर जयपुर सड़क मार्ग, नारायणपुर सड़क मार्ग, अलवर बहरोड सड़क मार्ग, अलवर भरतपुर सड़क मार्ग, अलवर टहला सड़क मार्ग, बानसूर सड़क मार्ग, थानागाजी सड़क मार्ग सहित प्रमुख सड़क मार्ग शामिल है. इसके अलावा मुख्य सड़कों से गांव को जोड़ने वाली सड़कें भी जाकर खराब हो चुकी हैं.
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वाहनों का रहता है दबाव
अलवर जिले की सड़कों पर वाहनों का जगह दबाव रहता है. बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए अलवर आते हैं. इसके अलावा वाहनों की संख्या भी अन्य जिलों की तुलना में यह ज्यादा है. सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण आए दिन हादसे होते हैं. लोगों को आने जाने में दिक्कत होती है. साथ ही वाहनों में भी नुकसान होता है. इसलिए पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से बारिश के बाद सड़कों का मरम्मत कार्य शुरू करने की योजना बन चुकी है.
अलवर में चारों तरफ अरावली की वादियों होने के कारण अलवर में बारिश का पानी सड़कों पर ज्यादा जमा रहता है. थोड़ी बारिश के दौरान पहाड़ों से पानी बहता हुआ सड़कों पर आता है. ऐसे में लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. क्षतिग्रस्त सड़कों से हादसे की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं.