अलवर. सहित पूरे देश में कोरोना वैक्सीन लगने की प्रक्रिया चल रही है. इस समय वैक्सीन का तीसरा चरण चल रहा है. कोरोना वैक्सीन की मॉनिटरिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो वैक्सीन की एक भी डोज खराब ना हो, इसके लिए बेहतर इंतजाम है, लेकिन उसके बाद भी अलवर में वैक्सीन की 300 डोज खराब होने का मामला सामने आया है.
मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई है. साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को 17 सीसीए की चार्ज शीट और नोटिस दिए जाएंगे.
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अलवर में कोरोना वैक्सीन की मॉनिटरिंग में बड़ी चूक हुई है. अलवर के उमरैण पीएचसी में आईएलआर का तापमान बढ़ने से कोरोना वैक्सीन की 300 डोज खराब हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि बिजली के खंबे से तार हटने के कारण बिजली गुल हो गई. जिसके चलते रेफ्रिजरेटर का तापमान बढ़ गयाय वैक्सिंग को सुरक्षित रखने के लिए 2 से 8 डिग्री का तापमान होना चाहिए, लेकिन रेफ्रिजरेटर में 10 से 12 डिग्री का तापमान हो गया थाय
सुरक्षा की दृष्टि से अधिकारियों ने खराब हुई वैक्सीन, रोटा और पीओपी वैक्सीन को नष्ट करा दिया गया है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पीएचसी के डॉक्टर और कोल्ड चैन हैंडलर से 300 वैक्सीन के 45 हजार रुपए, रोटा वैक्सीन की 20 डोज के 1240 रुपए और बीओपीवी की 20 डोज के 129 रुपए वसूले जाएंगे.
पीएचसी में शुक्रवार को 9.30 बजे आईएलआर का तापमान 12 डिग्री से अधिक हो गया. इसका पता चलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. कोरोना वैक्सीन सेंटर के लिए जारी कोविड वैक्सीन को वापस मंगवा लिया गया है. अकबरपुर सीएससी में कोविड वैक्सिंग लाकर वैक्सीनेशन कराया गया. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उमरैण पीएचसी में पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की है. सीएससी के डॉक्टर हरि सिंह यादव ने खंबे से बिजली का तार टूटने की जानकारी दी. जिसके कारण बिजली सप्लाई बंद हुई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तरफ से इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी और अधिकारियों को 17 सीसी A4 शीट दें जाएगी.
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दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने जिले में अन्य जगहों पर रखी वैक्सीन की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे. प्रत्येक डोज की मॉनिटरिंग हो रही थी. इसके लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं. हजारों कर्मचारी लगे हुए हैं. कोरोना वैक्सीन की एक डोज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की गई. साथ ही प्रत्येक चरण में अलग श्रेणी के लोगों को वैक्सीन लगाई गई, लेकिन उसके बाद भी अलवर में कोरोना वैक्सीन खराब होने का मामला सामने आया है. इस मामले ने एक बार फिर से अलवर को विवादों में ला दिया है. स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी मामले की जांच पड़ताल में जुट चुके हैं.