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अवैध शराब के कारोबार खिलाफ 264 एफआईआर दर्ज, 16 दिन चलाया गया अभियान

अलवर जिले में 16 दिनों में पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से 264 एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस दौरान 218 लोगों को गिरफ्तार किया है. 270 से अधिक भट्टियों पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से नष्ट कराई गई है.

264 FIRs against illegal liquor, अलवर की खबर
अवैध शराब के खिलाफ 264 एफआईआर दर्ज
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Published : Feb 1, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Feb 1, 2021, 11:13 PM IST

अलवर. अलवर जिले में 16 जनवरी से पुलिस व आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है. 16 दिनों में जिले में 264 एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें बड़ी संख्या में लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान लाखों लीटर वाश, भट्टी व शराब बनाने का सामान नष्ट कराया गया है. अलवर के ग्रामीण क्षेत्र में खुलेआम कच्ची शराब बनाने का काम चलता है. लंबे समय से विभाग को शिकायतें मिल रहीं थीं जिसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

अवैध शराब के खिलाफ 264 एफआईआर दर्ज

अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. इसलिए अलवर में शराब का खेल अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा रहता है. अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम भट्टियों पर कच्ची शराब बनाई जाती है. बीते दिनों भरतपुर में कच्ची शराब पीने के कारण कई लोगों की मौत के मामले सामने आए थे. जिसके बाद अलवर सहित पूरे प्रदेश में विशेष अभियान शुरू किया गया. अलवर में 16 जनवरी से पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से संयुक्त कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू की गई. 16 दिनों में अलवर जिले में पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से 264 एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस दौरान 218 लोगों को गिरफ्तार किया है. 270 से अधिक भट्टियों पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से नष्ट कराई गई है.

पढ़ें: Budget 2021 Reaction: वसुंधरा राजे ने कहा- विकास की नई परिभाषा लिखी जाएगी, भारत को विश्व गुरु बनाने में मिलेगी मदद

इस दौरान आबकारी विभाग ने 2 से तीन लाख लीटर वाश को नष्ट कराया है. यह वास कच्ची शराब बनाने में काम आती है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में शराब बनाने का सामान नष्ट कराया गया है. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि फरवरी माह तक यह अभियान जारी रहेगा. लगातार पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से ग्रामीण क्षेत्र में कच्ची शराब बनाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस का डंडा चल रहा है.

वाहनों की हुई निलामी
जिन वाहनों में शराब की तस्करी होती है। उन वाहनों को पकड़कर आबकारी विभाग बंद करता है. कुछ समय बाद न्यायालय के आदेश पर उन वाहनों की नीलामी की जाती है. ऐसे ही कुछ वाहनों को नीलाम करने की प्रक्रिया अलवर में की गई. वहीं इन वाहनों को खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग अलवर पहुंचे. अलवर राजस्थान के बड़े जिलों में शामिल है अलवर में हर माह हजारों लाखों लीटर शराब की खपत होती है. सीमावर्ती जिला होने के कारण अलवर में शराब की तस्करी भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा होती है. हरियाणा में शराब सस्ती है इसलिए हरियाणा से शराब राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश सहित आसपास के राज्य के जिलों में सप्लाई होती है. ऐसे में आबकारी विभाग की तरफ से जांच पड़ताल के दौरान बड़ी संख्या में वाहनों को जप्त किया जाता है. इंसानों को न्यायालय के आदेश पर नीलाम किया जाता है अलवर में सोमवार को आबकारी विभाग ने 38 वाहनों को नीलाम किया। इसमें 20 बाइक, 9 हल्के वाहन व 9 भारी वाहन शामिल थे। सरकारी नियम से इन वाहनों की नीलामी की गई.

अलवर. अलवर जिले में 16 जनवरी से पुलिस व आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है. 16 दिनों में जिले में 264 एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें बड़ी संख्या में लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान लाखों लीटर वाश, भट्टी व शराब बनाने का सामान नष्ट कराया गया है. अलवर के ग्रामीण क्षेत्र में खुलेआम कच्ची शराब बनाने का काम चलता है. लंबे समय से विभाग को शिकायतें मिल रहीं थीं जिसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

अवैध शराब के खिलाफ 264 एफआईआर दर्ज

अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. इसलिए अलवर में शराब का खेल अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा रहता है. अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम भट्टियों पर कच्ची शराब बनाई जाती है. बीते दिनों भरतपुर में कच्ची शराब पीने के कारण कई लोगों की मौत के मामले सामने आए थे. जिसके बाद अलवर सहित पूरे प्रदेश में विशेष अभियान शुरू किया गया. अलवर में 16 जनवरी से पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से संयुक्त कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू की गई. 16 दिनों में अलवर जिले में पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से 264 एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस दौरान 218 लोगों को गिरफ्तार किया है. 270 से अधिक भट्टियों पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से नष्ट कराई गई है.

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इस दौरान आबकारी विभाग ने 2 से तीन लाख लीटर वाश को नष्ट कराया है. यह वास कच्ची शराब बनाने में काम आती है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में शराब बनाने का सामान नष्ट कराया गया है. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि फरवरी माह तक यह अभियान जारी रहेगा. लगातार पुलिस व आबकारी विभाग की तरफ से ग्रामीण क्षेत्र में कच्ची शराब बनाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस का डंडा चल रहा है.

वाहनों की हुई निलामी
जिन वाहनों में शराब की तस्करी होती है। उन वाहनों को पकड़कर आबकारी विभाग बंद करता है. कुछ समय बाद न्यायालय के आदेश पर उन वाहनों की नीलामी की जाती है. ऐसे ही कुछ वाहनों को नीलाम करने की प्रक्रिया अलवर में की गई. वहीं इन वाहनों को खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग अलवर पहुंचे. अलवर राजस्थान के बड़े जिलों में शामिल है अलवर में हर माह हजारों लाखों लीटर शराब की खपत होती है. सीमावर्ती जिला होने के कारण अलवर में शराब की तस्करी भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा होती है. हरियाणा में शराब सस्ती है इसलिए हरियाणा से शराब राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश सहित आसपास के राज्य के जिलों में सप्लाई होती है. ऐसे में आबकारी विभाग की तरफ से जांच पड़ताल के दौरान बड़ी संख्या में वाहनों को जप्त किया जाता है. इंसानों को न्यायालय के आदेश पर नीलाम किया जाता है अलवर में सोमवार को आबकारी विभाग ने 38 वाहनों को नीलाम किया। इसमें 20 बाइक, 9 हल्के वाहन व 9 भारी वाहन शामिल थे। सरकारी नियम से इन वाहनों की नीलामी की गई.

Last Updated : Feb 1, 2021, 11:13 PM IST
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