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अजमेर: दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने स्कूल और छात्रावास खोलने की उठाई मांग

अजमेर में कोरोना काल के लंबे समय बाद स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं. लेकिन वहीं दृष्टिबाधित विद्यार्थियों का विद्यालय और छात्रावास नहीं खुलने से उनमें काफी रोष है. इन्होंने अपनी मागों को लेकर आवाज उठाई और इसको लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे.

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दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने स्कूल और छात्रावास खोलने की उठाई मांग
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Published : Feb 2, 2021, 9:51 AM IST

अजमेर. शहर में कोरोना काल के लम्बे समय बाद स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं. वहीं दृष्टिबाधित विद्यार्थी भी अब अंध विद्यालय और छात्रावास खोले जाने की मांग कर रहे है. इसके साथ ही दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने कलेक्टर को अपना मांग पत्र सौंपा है.

दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने स्कूल और छात्रावास खोलने की उठाई मांग

बता दें कि अजमेर में आदर्श नगर में स्थित अंध विद्यालय है, जहां विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास भी मौजूद है. लॉक डाउन के पहले दिन से विद्यालय और छात्रावास बंद है. चुकी सरकार ने 9 से 12 वीं कक्षा तक के विद्यालय खोल दिए है और 6 से 8वीं तक स्कूल सरकार खोलने की तैयारी कर रही है. ऐसे में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने भी प्रशासन के माध्यम से सरकार से अंध विद्यालय और छात्रावास खोलने की मांग की है.

यह भी पढ़ें: Budget 2021 Reaction: वसुंधरा राजे ने कहा- विकास की नई परिभाषा लिखी जाएगी, भारत को विश्व गुरु बनाने में मिलेगी मदद

वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना काल के लंबे समय बीत चुका है. विद्यालय और छात्रावास बंद रहने से उन्हें पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कई विद्यार्थी असक्षम है. यहां तक कि उनके पास कोई संसाधन भी नहीं है. इस कारण से दृष्टिबाधित विद्यार्थी पढ़ाई में काफी पिछड़ जाएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि 9 से 12वीं तक कक्षा में सरकार ने स्कूल खोल दिए हैं, लेकिन प्राचार्य ने स्कूल नहीं खोला है.

वहीं स्कूल में 50 से भी अधिक दृष्टिबाधित विद्यार्थी पंजीकृत है, जिनमें से अधिकांश गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी है. वहीं विद्यार्थियों के प्रतिनिधित्व के तौर पर 4 दृष्टिबाधित विद्यार्थी अपनी मांग को लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे, जहां प्रशासन की ओर से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को स्कूल खोले जाने का आश्वासन मिला है. अब देखने वाली बात यह होगी कि दृष्टिबाधित यह विद्यार्थी पढ़ाई से कब तक जुड़ पाते हैं.

अजमेर. शहर में कोरोना काल के लम्बे समय बाद स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं. वहीं दृष्टिबाधित विद्यार्थी भी अब अंध विद्यालय और छात्रावास खोले जाने की मांग कर रहे है. इसके साथ ही दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने कलेक्टर को अपना मांग पत्र सौंपा है.

दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने स्कूल और छात्रावास खोलने की उठाई मांग

बता दें कि अजमेर में आदर्श नगर में स्थित अंध विद्यालय है, जहां विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास भी मौजूद है. लॉक डाउन के पहले दिन से विद्यालय और छात्रावास बंद है. चुकी सरकार ने 9 से 12 वीं कक्षा तक के विद्यालय खोल दिए है और 6 से 8वीं तक स्कूल सरकार खोलने की तैयारी कर रही है. ऐसे में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने भी प्रशासन के माध्यम से सरकार से अंध विद्यालय और छात्रावास खोलने की मांग की है.

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वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना काल के लंबे समय बीत चुका है. विद्यालय और छात्रावास बंद रहने से उन्हें पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कई विद्यार्थी असक्षम है. यहां तक कि उनके पास कोई संसाधन भी नहीं है. इस कारण से दृष्टिबाधित विद्यार्थी पढ़ाई में काफी पिछड़ जाएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि 9 से 12वीं तक कक्षा में सरकार ने स्कूल खोल दिए हैं, लेकिन प्राचार्य ने स्कूल नहीं खोला है.

वहीं स्कूल में 50 से भी अधिक दृष्टिबाधित विद्यार्थी पंजीकृत है, जिनमें से अधिकांश गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी है. वहीं विद्यार्थियों के प्रतिनिधित्व के तौर पर 4 दृष्टिबाधित विद्यार्थी अपनी मांग को लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे, जहां प्रशासन की ओर से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को स्कूल खोले जाने का आश्वासन मिला है. अब देखने वाली बात यह होगी कि दृष्टिबाधित यह विद्यार्थी पढ़ाई से कब तक जुड़ पाते हैं.

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