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अजमेर कलेक्ट्रेट सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन, कोरोना पर लगाम लगाने के सुझाव

अजमेर में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश के समस्त अधिकारी धर्मगुरु गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए.

अजमेर कलेक्ट्रेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, Video conferencing at Ajmer Collectorate
अजमेर कलेक्ट्रेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
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Published : Mar 20, 2021, 12:15 PM IST

अजमेर. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जिला कलेक्ट्रेट सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अगवाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से की गई थी. जिसमें प्रदेश के समस्त अधिकारी धर्मगुरु गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए.

अजमेर कलेक्ट्रेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

वीडियो कांफ्रेंस के बारे में जानकारी देते हुए दरगाह दीवान के प्रतिनिधि नसीरुद्दीन अली खान ने बताया कि इस वीडियो कांफ्रेंस में सभी धर्म गुरु सरकारी अधिकारी और गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए. जिसमे सभी ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए अपने अपने सुझाव दिए.

हालाकि सुझाव में लॉकडाउन और कर्फ्यू को भी उपाय के तौर पर प्रस्तुत किया गया था, लेकिन यह कोई स्थाई समाधान नहीं है. स्थाई समाधान के रूप में सभी की तरफ से जन जागरूकता पर सहमति बनी पिछले साल जब कोरोना अपने चरम पर था, उस समय आम जनता की जागरूकता की वजह से कोरोना पर लगाम कसने में काफी मदद मिली थी, लेकिन आज जब कोरोना की वैक्सीन आ चुकी है.

पढ़ेंः भालुओं को भा रहा होटल का खाना! उदयपुर के वैज्ञानिकों ने शोध में किये चौंकाने वाले खुलासे

वहीं अब लोग कोरोना से बेफिक्र हो चुके हैं, इसीलिए खतरा भी बढ़ने लगा है. ऐसे में सभी ने आम जनता को जागरूक करने पर सहमति जताई है, लेकिन यदि इस से भी बात नहीं बनी तो सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

अजमेर. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जिला कलेक्ट्रेट सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अगवाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से की गई थी. जिसमें प्रदेश के समस्त अधिकारी धर्मगुरु गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए.

अजमेर कलेक्ट्रेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

वीडियो कांफ्रेंस के बारे में जानकारी देते हुए दरगाह दीवान के प्रतिनिधि नसीरुद्दीन अली खान ने बताया कि इस वीडियो कांफ्रेंस में सभी धर्म गुरु सरकारी अधिकारी और गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए. जिसमे सभी ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए अपने अपने सुझाव दिए.

हालाकि सुझाव में लॉकडाउन और कर्फ्यू को भी उपाय के तौर पर प्रस्तुत किया गया था, लेकिन यह कोई स्थाई समाधान नहीं है. स्थाई समाधान के रूप में सभी की तरफ से जन जागरूकता पर सहमति बनी पिछले साल जब कोरोना अपने चरम पर था, उस समय आम जनता की जागरूकता की वजह से कोरोना पर लगाम कसने में काफी मदद मिली थी, लेकिन आज जब कोरोना की वैक्सीन आ चुकी है.

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वहीं अब लोग कोरोना से बेफिक्र हो चुके हैं, इसीलिए खतरा भी बढ़ने लगा है. ऐसे में सभी ने आम जनता को जागरूक करने पर सहमति जताई है, लेकिन यदि इस से भी बात नहीं बनी तो सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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