अजमेर. आम आदमी पर कोरोना के बाद महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है. जहां एक तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा था तो वहीं उत्तरी भारत के कई राज्यों में भारी बारिश होने से मंडियों में सब्जियों की आवक पर भी काफी असर पड़ा है. सब्जियों के खुदरा दामों में बढ़ोतरी हो गई है. आलू से लेकर भिंडी, टमाटर, गोभी के दामों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में कई सब्जियां तो फलों से भी ज्यादा महंगी हो गईं हैं.
लगभग आधे देश में भारी बारिश देखने को मिली है तो दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में सूखा पड़ा हुआ है. दिल्ली में सब्जियों की सप्लाई पर काफी असर देखने को मिला है तो थोक सब्जी मंडियों में आवक कम होने और मांग ज्यादा होने से सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं. बारिश के कारण किसानों की सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई. उत्पादन पहले की तुलना में कम हो गया जिसके कारण मंडियों में सब्जियां पहले की अपेक्षा बहुत कम मात्रा में पहुंच रही है.
सेब से भी महंगी ब्रोकली
पहले की तुलना में लौकी 4 गुना महंगी हो गई है. जहां आम का थोक मंडी में भाव 20 रुपए प्रति किलो है तो लौकी 80 रुपए प्रति किलो बिक रही है. ब्रोकली भी सेब और पनीर से महंगी हो गई है. मंडी में ब्रोकली 300 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. सब्जियों के बढ़ते रेट के कारण आम आदमी की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है. खरीददारों से गुलजार रहने वाली सब्जी मंडियों की रौनक फीकी हो गई है.
आवक घटी दाम बढ़े
भारी बारिश होने से सब्जियों की आवक घटकर 30 फीसदी रह गई है. जिसका सीधा असर सब्जियों के रेट पर देखने को मिल रहा है. जहां पहले प्याज 25 रुपए किलो बिक रही थी उसका भाव बढ़कर 70 रुपए किलो हो गया है. इसी तरह आलू पहले 20 अब 40 रुपए किलो. गोभी पहले 25 अब 40 रुपए किलो, पालक पहले 10 रुपए और अब भी 10 रुपए प्रति किलो, बैंगन का भाव पहले 30 रुपए अब 10 रुपए, अदरक पहले 30 अब 40 रुपए प्रति किलो, नींबू पहले 30 तो अब 60 रुपए प्रति किलो, धनिया पहले 30 और अब 40 रुपए प्रति किलो, पत्ता गोभी पहले 25 और अब 40 रुपए प्रति किलो, मिर्ची पहले 30 अब 40 रुपए प्रति किलो तो खीरा ककड़ी पहले 40 अब 20 रुपए प्रति किलो, वहीं टमाटर के दाम पहले 50 रुपए प्रति किलो थे वो अब घटकर 28 रुपए प्रति किलो हो गए हैं.
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तेज बारिश में बर्बाद हो गई टमाटर की फसल
अधिकतर किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ी, मुनाफा तो दूर लागत भी नहीं मिल रही है. मंडी अध्यक्ष भैरूलाल ने बताया कि इस बार सब्जी विक्रेताओं को काफी नुकसान हुआ है क्योंकि यह त्योहारी सीजन है ना ही इस बार कोई शादी का सावा ठीक से आया है. जिसके चलते अब तक मंडी में जो सब्जियां नजर आ रही है वह भी नहीं आती. लेकिन लोगों के पास माल पड़ा है तो वहीं आसपास के गांव से सब्जी आ रही है. अलग-अलग राज्यों में तेज बारिश होने के बाद काफी सब्जियां खराब हुई हैं तो वहीं नीमच में हुई बारिश के बाद काफी संख्या में टमाटर की फसल बर्बाद हो गई.
किसानों को नहीं मिल रहा पूरा दाम
जोधपुर के पीपाड़ से आए किसान ने बताया कि किसानों को उनकी सब्जियों का पूरा पैसा नहीं मिल रहा है. दलाल और ब्रोकर बीच में पैसा हजम कर जाते हैं. सब्जी के दामों में काफी बढ़ोतरी हो रही है लेकिन इसका फायदा किसान तक नहीं पहुंच रहा है. प्याज आम लोगों के पहुंच से बाहर होती जा रही है. अभी मंडी में लगभग प्याज का भाव 70 रुपए चल रहा है.
जिस तरह से महाराष्ट्र, नीमच, हैदराबाद सहित कई दूसरे राज्यों में भारी बारिश देखने को मिली. जिसके बाद सब्जियों की सप्लाई मंडियों में 60 से 70 फीसदी तक प्रभावित हुई और इसका असर ये हुआ की जितनी भी सब्जियां थी उनके दाम आसमान छूने लगे. मंडियों में जो थोड़ा बहुत माल पहुंच रहा है वो आसपास के गांवों के किसानों का पहुंच रहा है. जिसका परिणाम ये हुआ कि सब्जियां आम आदमी के कीचन से दूर होती जा रही हैं.