अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने रीट परीक्षा में परीक्षार्थियों को जिले से बाहर परीक्षा केंद्र देने पर सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि रीट परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हो जाए. ताकि बेरोजगारों की मेहनत पर पानी न फिर सके. देवनानी ने कहा कि परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र अन्य जिलों में देने की नीति पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.
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पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने रीट परीक्षा 2021 को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसा है. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार का व्यवस्था पक्ष कमजोर है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में हुई रीट परीक्षा में 9 लाख अभ्यार्थी थे और 54 हजार पदों के लिए परीक्षा हुई थी. तब भी ऐसी आपाधापी नहीं थी. अधिकारी मनमर्जी से आदेश निकाल रहे हैं. देवनानी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था कमजोर है. यही वजह है कि प्रदेश के कई जिलों में परीक्षा में गड़बड़ी चलाने वाले लोग पकड़े जा रहे हैं.
बातचीत में देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा को लेकर मैं कोई पॉलिटिकल टिप्पणी नहीं करूंगा. देवनानी ने कहा कि एक जिले से दूसरे जिले में परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं. इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चाकसू में 6 अभ्यर्थियों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. वे परीक्षा देने के लिए आवंटित जिले में जा रहे थे. भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. देवनानी ने कहा कि शिक्षा राज्य मंत्री रहते हुए हमने भी रीट की परीक्षा करवाई थी, लेकिन इस तरह का माहौल नहीं बना था.
2016 और 2018 में भी तत्कालीन भाजपा सरकार में रीट परीक्षा हुई थी. उसका सफलतापूर्वक संचालन भी हुआ, लेकिन इस बार मुझे लगता है कि राजस्थान में जिस प्रकार कानून व्यवस्था ठप है अपराधियों में खौफ समाप्त हो चुका है, इस करण नकलची या फर्जी अभ्यर्थी बैठाने की प्रकरण सामने आ रही हैं. वह काफी अधिक हैं उसका एक ही कारण है कि प्रदेश में कानून नाम की व्यवस्था नहीं है. अपराधियों में किसी प्रकार का भय नहीं है. पुलिस की छापेमारी में इस तरह के कई प्रकरण सामने आ रहे हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हो जाए, ताकि बेरोजगारों का हित हो नहीं तो अभ्यार्थियों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा.
इंटरनेट बंद करने की नहीं थी आवश्यकताः
देवनानी ने कहा कि नेट बंद करने की आवश्यकता नहीं थी. परीक्षार्थियोंं को इससे असावधानी होगी. परीक्षार्थी अपने मोबाइल पर परीक्षा केंद्र का लोकेशन नहीं खोज पाएंगे. परीक्षा को लेकर सरकार के हाथ पैर फूले हुए हैं. 9 से 10 लाख लोग तत्कालीन बीजेपी सरकार में भी रीट परीक्षा में बैठे थे. मुझे लगता है कि इस बार सरकार का व्यवस्थापक कमजोर है.
बीजेपी के सेवा ही समर्पण अभियान 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक के अभियान के तहत अजमेर के उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 26 सितंबर को रीट परीक्षा देने आने वाले 21 हजार अभ्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है.
खास बात यह है कि इससे पहले क्षेत्र के वार्ड 4 के पार्षद ज्ञान सारस्वत ने 6 हजार अभ्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था की थी. क्षेत्र के विधायक वासुदेव देवनानी ने सारस्वत और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 22 हजार अभ्यार्थियों के भोजन की व्यवस्था की है.
अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने बताया कि अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 62 परीक्षा केंद्रों में 21 हजार 592 परीक्षा देंगे. कई परीक्षार्थियों के सुबह और दोपहर के सत्र में दो पेपर हैं. इस दौरान अभ्यर्थियों को दोपहर के भोजन की आवश्यकता होगी.
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क्षेत्र के भाजपा पार्षद और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर अभ्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था की है. इसके अंतर्गत अभ्यार्थियों को दोपहर के भोजन में पूरी, आलू की सब्जी, मिर्ची का आचार पैकेट में दिया जाएगा. प्रत्येक परीक्षा केंद्र के बाहर पहले सत्र का पेपर छूटने के बाद अभ्यार्थियों को भोजन के पैकेट वितरित किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि रात से ही ढाई सौ कार्यकर्ता फूड पैकेट तैयार करेंगे. अभ्यार्थियों के भोजन के लिए पौने 2 लाख पुड़िया और 1500 किलो आलू की सब्जी बन रही है. ताकि बाहर से आने वाले अभ्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था हो सके. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों के बाहर पानी के कैम्पर्स भी रखे जाएंगे. ताकि भोजन के पश्चात अभ्यार्थी स्वच्छ और शीतल पानी भी पी सकें. इस पूरी व्यवस्था में अजमेर उत्तर की बीजेपी कार्यकर्ताओं की टीम जुटी हुई है.