अजमेर. गार्गी पुरस्कार में लगाई गई बाध्यता पर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर निशाना (Devnani on Gehlot Government) साधा है. गहलोत सरकार ने हाल ही में गार्गी पुरस्कार के अंतर्गत 75 फीसदी अंक लाने वाली बालिकाओं के स्थान पर 90 फीसदी की बाध्यता लगा दी है. देवनानी ने आरोप लगाया कि बालिका शिक्षा का दम भरने वाली राज्य सरकार के कार्यकलाप अब उल्टे नजर आ रहे हैं.
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि राजस्थान में 1997 से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक से अधिक पाने वाली बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार मिलता आया है. सरकार ने 75 प्रतिशत अंक की जगह अब 90 प्रतिशत अंक कर दिए हैं, यह बालिका शिक्षा में कुठाराघात है. सरकार के निर्णय से प्रदेश में 4 लाख 30 हजार बालिकाएं गार्गी पुरस्कार से वंचित हो जाएंगी. उन्होंने बताया कि 6 लाख 75 हजार बालिकाओं ने 75 हजार से अधिक अंक प्राप्त किए हैं. सरकार के नए निर्णय से गार्गी पुरस्कार पाने वाली बालिकाओं की संख्या 2 लाख 35 हजार हो जाती है. इस तरह से दो तिहाई बालिकाओं को पुरस्कार से वंचित रखना अन्याय पूर्ण है और बालिका शिक्षा पर कुठाराघात (Devnani on Gehlot Government) है.
देवनानी ने बताया कि गार्गी पुरस्कार के तहत पहले 75 प्रतिशत अंक लाने वाली दसवीं की छात्रा को 3-3 हजार रुपए दो किश्तों में मिलते थे. वहीं, बारहवीं की बालिका को 5 हजार रुपए राशि मिलती थी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में बच्चियों को गार्गी पुरस्कार देने में 46 करोड़ रुपए व्यय अधिकतम हुआ है. यह कोई बहुत बड़ी राशि नहीं थी जिसे सरकार व्यय नहीं कर सकती. देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार की मंशा ही गड़बड़ है, इसके कारण यह परिस्थितियां बनी हुई है. गार्गी पुरस्कार के लिए बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि एफडी के ब्याज से दी जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा हो तो इतने बड़े बजट में से सरकार यह राशि व्यवस्थित कर सकती है.
रीट में ईडी की एंट्री पर बोले देवनानी : देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा में हुई धांधली को लेकर बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग (Devnani on ED investigation in REET) की थी. जबकि राज्य सरकार एसओजी से जांच करवाने पर अड़ी हुई है. ईडी ने मामले में जांच आरंभ की है जिससे उच्च पदों और राजनीतिक शिखर पर बैठे लोगों तक इसके तार जुड़े हुए पाए जाएंगे. बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारियों की पोल खुलेगी. राजीव गांधी स्टडी सर्किल के संरक्षक सुभाष गर्ग, तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और सीएम अशोक गहलोत तक भी इसके तार जाएं तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
मूलभूत सुविधाओं को प्रदान करने में सरकार विफल : देवनानी ने शासन और प्रशासन दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार आमजन को मूलभूत सुविधाओं को प्रदान करने में भी विफल रही है. पेयजल की समस्या लगातार बढ़ रही है. देवनानी ने आरोप लगाया कि अजमेर में 48 घंटे में पेयजल सप्लाई हुआ करती थी लेकिन अब इस भीषण गर्मी में 84 से 96 घंटे में मिल रहा है, जिससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रात को कई क्षेत्रों में बिजली गुल रहती है, शहर में सीवरेज की वजह से सड़कें खुदी हुई पड़ी है. देवनानी ने कहा कि इससे जाहिर है कि कांग्रेस प्रदेश में केवल टाइम पास कर रही है क्योंकि उन्हें मालूम चल गया है कि सन 2023 में उनका सूपड़ा साफ होना है.
देवनानी ने कहा कि प्रदेश में जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार (Devnani targets Congress) दिया है. कांग्रेस ने प्रदेश में तय किया था कि 50 लाख सदस्य बनाए जाएंगे, लेकिन कई तारीख बढ़वाने के बाद भी कांग्रेस प्रदेश में 19 लाख सदस्य ही बना पाई है. इससे जाहिर है कि कांग्रेस का सदस्य बनने के लिए भी आम जनता नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक नियुक्तियां तक नहीं कर पाई है और संगठनात्मक नियुक्तियां भी नहीं हो रही है. इसके कारण अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के पद रिक्त पड़े हैं.