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अपनी नाकामी छुपाने के लिए सीएम और मंत्री कर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना: वासुदेव देवनानी

अजमेर उत्तर से भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर हमला बोला है. देवनानी ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के नेता अपनी पूरी ताकत पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करने में लगा रहे हैं. जबकि उन्हें आमजन को इलाज और राहत देने की चिंता करनी चाहिए. राजस्थान सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस प्रकार के आरोप गढ़ रही है.

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वासुदेव देवनानी का गहलोत सरकार पर हमला
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Published : May 13, 2021, 3:57 PM IST

अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर क्षेत्र से विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान देवनानी ने कहा कि एक और कोरोना महामारी से सभी दलों को मिलकर लड़ने की बात की जा रही है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस के नेता अपनी पूरी ताकत पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करने में लगा रहे हैं. देवनानी ने कहा कि मुझे लगता है पीएम नरेंद्र मोदी के बढ़ते हुए कद को देखते हुए उन्हें बदनाम करने का कुचक्र में देशी और विदेशी कुछ शक्तियों के साथ राजस्थान के सीएम और मंत्री भी शामिल हो गए हैं. जबकि राजस्थान सरकार को आमजन को इलाज और राहत देने की चिंता करनी चाहिए.

पढ़ें: जयपुर में वैक्सीनेशन बंद, चिकित्सा मंत्री ने कहा- केंद्र से 4.50 करोड़ डोज मांगी लेकिन मिली सिर्फ 1.50 करोड़

देवनानी ने कहा कि राजस्थान सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस प्रकार के आरोप गढ़ रही है. प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की बात की जाए तो 10 मई तक 473 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राजस्थान को अलॉट की गई. जबकि राज्य सरकार केवल 210 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही उठा पाई है. वेंटिलेटर की बात करें तो राजस्थान सरकार को पीएम केयर्स फंड से 60 करोड़ के वेंटिलेटर उपलब्ध हुए थे. वह वेंटिलेटर कई जगहों पर दबाव में बंद पड़े हैं और कुछ तो शौचालयों में मिले हैं. सरकार के पास उनको चलाने वाले लोग नहीं है.

वासुदेव देवनानी का गहलोत सरकार पर हमला

देवनानी ने आगे कहा कि शर्मनाक है कि भरतपुर में वेंटीलेटर को प्राइवेट अस्पतालों में किराए पर दे दिया गया है. इसके बाद राज्य सरकार का तर्क है कि वेंटीलेटर फालतू थे इसलिए किराए पर दिए. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं. वेंटिलेटर के अभाव में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं. आपदा के समय में इस प्रकार का कृत्य करना निंदनीय है. देश में 5370 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता था जो अब बढ़कर 9350 मीट्रिक टन हो गया है. 1 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर और 1 लाख कंसंट्रेटर भी खरीदे हैं. स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही.

उन्होने कहा कि राज्य सरकार को 210 करोड़ रुपये चार ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए दिए थे. उस राशि का राज्य सरकार ने कोई उपयोग नहीं किया. अगर इस राशि का उपयोग कर ऑक्सीजन प्लांट लग जाते तो प्रदेश में 1600 ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रतिदिन उत्पादन होता. जिससे हजारों जानें बचाई जा सकती थी. केंद्र सरकार ने वैक्सीन का उत्पादन भी बढ़ाया है. पहले 30 लाख वाइल प्रति माह का उत्पादन हो रहा था और अब 103 लाख वाइल का प्रतिमाह उत्पादन हो रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर केंद्र सरकार उपलब्ध करवा रही है. इतना ही नहीं गरीब तबके के लोगों के लिए 26 हजार करोड़ रुपए का अन्न प्रति व्यक्ति 5 किलो के हिसाब से 80 करोड़ लोग को उपलब्ध करवा रही है. बावजूद यह कहना कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है. यह तो वह बात हो गई कि आप लो भी और गालियां भी दो. केंद्र सरकार सड़क, वायु, जल मार्ग से लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है. राज्य सरकार अपनी लापरवाही और अक्षमता को ना छुपाए बल्कि इसमें सुधार करें.,

वासुदेव देवनानी ने मांग की कि राजस्थान में प्लाज्मा किसी भी व्यक्ति की ओर से निशुल्क दान किया जाता है. बावजूद इसके प्लाज्मा लेने वाले से 1650 रुपये किस बात के वसूल किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में 6000 से ज्यादा इंटर्नशिप कर चिकित्सक बैठे हुए हैं उन्हें काम पर लगाया जाये. कर्नाटक और अन्य राज्यों की तर्ज पर गरीब मजदूरों के खाते में पैसे डाले जाएं. ताकि उनका जीवनयापन हो सके.

अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर क्षेत्र से विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान देवनानी ने कहा कि एक और कोरोना महामारी से सभी दलों को मिलकर लड़ने की बात की जा रही है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस के नेता अपनी पूरी ताकत पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करने में लगा रहे हैं. देवनानी ने कहा कि मुझे लगता है पीएम नरेंद्र मोदी के बढ़ते हुए कद को देखते हुए उन्हें बदनाम करने का कुचक्र में देशी और विदेशी कुछ शक्तियों के साथ राजस्थान के सीएम और मंत्री भी शामिल हो गए हैं. जबकि राजस्थान सरकार को आमजन को इलाज और राहत देने की चिंता करनी चाहिए.

पढ़ें: जयपुर में वैक्सीनेशन बंद, चिकित्सा मंत्री ने कहा- केंद्र से 4.50 करोड़ डोज मांगी लेकिन मिली सिर्फ 1.50 करोड़

देवनानी ने कहा कि राजस्थान सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस प्रकार के आरोप गढ़ रही है. प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की बात की जाए तो 10 मई तक 473 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राजस्थान को अलॉट की गई. जबकि राज्य सरकार केवल 210 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही उठा पाई है. वेंटिलेटर की बात करें तो राजस्थान सरकार को पीएम केयर्स फंड से 60 करोड़ के वेंटिलेटर उपलब्ध हुए थे. वह वेंटिलेटर कई जगहों पर दबाव में बंद पड़े हैं और कुछ तो शौचालयों में मिले हैं. सरकार के पास उनको चलाने वाले लोग नहीं है.

वासुदेव देवनानी का गहलोत सरकार पर हमला

देवनानी ने आगे कहा कि शर्मनाक है कि भरतपुर में वेंटीलेटर को प्राइवेट अस्पतालों में किराए पर दे दिया गया है. इसके बाद राज्य सरकार का तर्क है कि वेंटीलेटर फालतू थे इसलिए किराए पर दिए. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं. वेंटिलेटर के अभाव में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं. आपदा के समय में इस प्रकार का कृत्य करना निंदनीय है. देश में 5370 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता था जो अब बढ़कर 9350 मीट्रिक टन हो गया है. 1 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर और 1 लाख कंसंट्रेटर भी खरीदे हैं. स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही.

उन्होने कहा कि राज्य सरकार को 210 करोड़ रुपये चार ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए दिए थे. उस राशि का राज्य सरकार ने कोई उपयोग नहीं किया. अगर इस राशि का उपयोग कर ऑक्सीजन प्लांट लग जाते तो प्रदेश में 1600 ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रतिदिन उत्पादन होता. जिससे हजारों जानें बचाई जा सकती थी. केंद्र सरकार ने वैक्सीन का उत्पादन भी बढ़ाया है. पहले 30 लाख वाइल प्रति माह का उत्पादन हो रहा था और अब 103 लाख वाइल का प्रतिमाह उत्पादन हो रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर केंद्र सरकार उपलब्ध करवा रही है. इतना ही नहीं गरीब तबके के लोगों के लिए 26 हजार करोड़ रुपए का अन्न प्रति व्यक्ति 5 किलो के हिसाब से 80 करोड़ लोग को उपलब्ध करवा रही है. बावजूद यह कहना कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है. यह तो वह बात हो गई कि आप लो भी और गालियां भी दो. केंद्र सरकार सड़क, वायु, जल मार्ग से लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है. राज्य सरकार अपनी लापरवाही और अक्षमता को ना छुपाए बल्कि इसमें सुधार करें.,

वासुदेव देवनानी ने मांग की कि राजस्थान में प्लाज्मा किसी भी व्यक्ति की ओर से निशुल्क दान किया जाता है. बावजूद इसके प्लाज्मा लेने वाले से 1650 रुपये किस बात के वसूल किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में 6000 से ज्यादा इंटर्नशिप कर चिकित्सक बैठे हुए हैं उन्हें काम पर लगाया जाये. कर्नाटक और अन्य राज्यों की तर्ज पर गरीब मजदूरों के खाते में पैसे डाले जाएं. ताकि उनका जीवनयापन हो सके.

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