अजमेर. बिजली की बढ़ी दरों को लेकर पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाकर 70 लाख उपभोक्ताओं के साथ छलावा किया है. घोषणा पत्र में जो वादे कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले किए थे उससे सरकार मुकर गई है. अजमेर आवास पर प्रेस वार्ता में देवनानी ने कई मुद्दों को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा.
देवनानी ने कहा कि बजट सत्र से 2 दिन पहले इस तरह की घोषणा करना संवैधानिक मर्यादाओं को ताक में रखने के बराबर है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में डिस्कॉम के कुप्रबंधन का नतीजा है कि आज उपभोक्ताओं को इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली की दरें बढ़ने से सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम वर्ग हुआ है. 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर बढ़ाना एक तरह से शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं की जेब काटना है, जबकि छीजत कम होने पर उपभोक्ताओं को न्याय देने की तुलना में उन पर अन्याय किया जा रहा है.
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'बिजली की दर बढ़ाकर सरकार ने छलावा किया है'
वासुदेव देवनानी ने कहा कि कई अधिकारी बिजली की छीजत को नहीं रोक पाए हैं, कई जिलों में 26 से 30 फीसदी छीजत है. वहीं अजमेर में 10 फीसदी छीजत है. देवनानी ने बताया कि पूर्व वसुंधरा सरकार में उदय योजना के अंतर्गत 60 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे, जो वर्तमान सरकार हजम कर गई. सरकार ने किसानों को कोई नया कनेक्शन नहीं दिया, फिर भी बिजली की दर बढ़ाकर सरकार ने छलावा किया है.
'राजस्थान में कांग्रेस पर विश्वास कर जनता पछतावा कर रही है'
उन्होंने कहा कि सरकार बैक डोर से टैक्स लगाकर शहर वासियों और मतदाताओं के साथ अन्याय कर रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा. देवनानी ने कहा कि यह मुद्दा बीजेपी विधानसभा में उठाएगी और सरकार को घेरेगी. उन्होंने कहा कि जो अधिकारी बिजली चोरी रोकने में नाकाम हुए हैं, उनके खिलाफ भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इससे लगता है कि सरकार नाम की कोई चीज राजस्थान में दिखाई नहीं देती, जिसका परिणाम उपभोक्ताओं को मजबूरी वश भुगतने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज जनता पछता रही है कि उन्होंने क्यों राजस्थान में कांग्रेस पर विश्वास किया.
विधानसभा में उठाए जाएंगे कई मुद्देः देवनानी
देवनानी ने कहा कि 10 फरवरी से सत्र शुरू हो रहा है, इसमें राजस्थान और अजमेर से जुड़े हुए कई मुद्दों को विधानसभा में उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इनमें विशेष रूप से अजमेर जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग में बच्चों की हुई मौत, चरमराई डायलिसिस व्यवस्था, बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था में सरकार से पूछा जाएगा कि उन्होंने कितने स्कूल शुरू किए हैं. आरटीआई के तहत पढ़ने वाले बच्चों की फीस का भुगतान स्कूलों को नहीं हो रहा है.
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उन्होंने कहा कि जीसीए कॉलेज के प्राचार्य विद्यार्थियों पर दबाव बनाकर जयपुर में राहुल गांधी की युवा आक्रोश रैली में ले जाने का प्रकरण पर भी मैंने सवाल पूछा है. इसके अलावा प्रदेश में दुष्कर्म के बढ़ते मामलों, मानव तस्करी के मामलों से संबंधित सवाल, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने और कितनी नौकरियां देने पर भी सवाल किया गया है.
देवनानी का गोविंद सिंह डोटासरा पर पलटवार
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर भी पलटवार करते हुए देवनानी ने कहा कि सरकार स्वतंत्र आंदोलन के देशभक्तों को भी अपना नहीं मानती, इसमें भी सरकार कांग्रेसी करण कर रही है जिसमें एक ही परिवार के जुड़े हुए लोगों को ही फोटो लगाने एवं कक्षा कक्षों के नाम रखने की बात की जा रही है. जबकि स्वतंत्र आंदोलन के देशभक्त किसी पार्टी विशेष के नहीं होते.
'शिक्षक का कांग्रेसीकरण नहीं होने देंगे'
देवनानी ने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने स्कूलों में 3 ही महापुरुषों की तस्वीर लगाने के आदेश दिए हैं, इनमें भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी की तस्वीर स्कूलों में लगाई जाएगी. जबकि वीर सावरकर, डॉ हेडगेवार और तात्या टोपे की भी तस्वीरें स्कूलों में लगे होने पर राजनीति खेलते हुए उन महापुरुषों की तस्वीर हटाने का आदेश देना यह निंदनीय है. देवनानी ने कहा कि हम शिक्षक का कांग्रेसी करण नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार जिन महापुरुषों की तस्वीर लगाना चाहे लगा ले, लेकिन पुरानी लगी तस्वीरों को हटाना यह संकीर्ण मानसिकता है. जिसको कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.