अजमेर. करौली जिले के सपोटरा गांव में पुजारी के हत्या के बाद प्रदेश में पुजारियों की सुरक्षा को लेकर लगातार मांग बढ़ती जा रही है. इसी के तहत बुधवार को अजमेर में ब्राह्मण पुजारियों ने जिला मुख्यालय कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. जिसके बाद घटना की निंदा करते हुए मामले में दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की.
इसके साथ ही पुजारियों ने मंदिर के नाम जमीन को खातेदारी में चढ़ाने की मांग करते हुए राज्य सरकार से इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है. वहीं पुजारियों ने कहा कि प्रदेश के कई मंदिर ऐसे हैं. जहां जमीन मंदिर के नाम पर है लेकिन राजस्व रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कई बार यह जमीन विवाद का कारण बन जाती है.
इसलिए जरूरी है कि जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित किया जाए. वैष्णव ब्राह्मण सेवा समिति के तत्वाधान में जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर पुजारियों की सुरक्षा करने के साथ-साथ मंदिर की जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित करने की भी मांग की गई है.
पढ़ें: पुलिस शहीद दिवस पर पौधरोपण के साथ किया रक्तदान, धौलपुर पुलिस लाइन में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
वैष्णव ब्राह्मण सेवा समिति ने की ओर से मांग की गई है कि 1991 के काले कानून को समाप्त किया जाए और मंदिर माफी भूमि के खातेदारी कॉलम चार में पुजारियों का नाम अंकित किया जाए.
काले कानून के विरोध में ब्राह्मण समाज..
उन्होंने कहा कि काले कानून 1993 के आदेश के तहत समस्त पुजारी समाज में घोर असंतोष व्याप्त है. इस कानून से वर्ग संघर्ष, जातीय संघर्ष समाज में अराजकता और आतंकवाद फैल गया है. इन परिस्थितियों को समाप्त करने के लिए सरकार से वैष्णव समाज ने आग्रह किया है कि ऐसा कानून बनाया जाए जो पुजारियों के हित में हो. वहीं समाज में पुजारियों में आतंक का भय का माहौल नहीं हो, इस तरह की प्रार्थना करते हुए जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा गया है.