अजमेर. अजमेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में गुरुवार को जमकर हंगामा (Uproar in general meeting of Ajmer Municipal corporation) हुआ. कांग्रेस पार्षदों ने साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने की मांग उठाते हुए जवाहर रंगमंच पर धरना दे रखा है. वहीं बीजेपी पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों पर मेयर से दुर्व्यवहार का आरोप (Conflict between BJP and Congress councilors) लगाया है. इस बीच भाजपा बोर्ड ने 11 प्रस्ताव बैठक में पारित करवा लिए हैं, जबकि कांग्रेस पार्षदों की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा सदन में नहीं हुई और बात बिगड़ गई.
अजमेर नगर निगम (Ajmer Municipal Corporation) की साधारण सभा की बैठक एक वर्ष के बाद आज हुई. इस बार साधारण सभा जवाहर रंग मंच पर रखी गई थी. खास बात यह हुई कि 39 मिनट में बैठक सम्पन्न हो गई. नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कांग्रेसी पार्षदों पर तानाशाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से राजस्थान में सरकार मुगलिया शासन कर रही है उसी तरीके से कांग्रेस पार्षदों ने भी बैठक में तानाशाही रवैया अपना रखा था.
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जैन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पार्षद एजेंडे के अलावा अन्य प्रस्तावों पर चर्चा करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने लोकतंत्र का हनन करते हुए मेयर ब्रजलता हाड़ा के साथ भी दुर्व्यवहार किया. जैन ने कहा कि निगम में भाजपा का बहुमत है. सदन में एक से लेकर 11 तक के प्रस्ताव को पारित किया गया. एजेंडे में शामिल 12वें प्रस्ताव को खारिज किया गया. 13वां प्रस्ताव भी पारित किया गया. 14वां और 15वां प्रस्ताव अन्य विभाग से संबंधित थे. उन प्रस्तावों को उनके विभागों को भिजवा दिया गया.
कांग्रेस पार्षदों के हैं ये आरोप
नगर निगम ने पार्षदों से बिना प्रस्ताव दिए एजेंडा तैयार किया था जिसका कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया. बाद में नगर निगम मेयर ब्रजलता हाड़ा ने कांग्रेस पार्षदों के प्रस्ताव को भी एजेंडे में शामिल करने पर सहमति जताई थी. गुरुवार को साधारण सभा की बैठक में जब कांग्रेस की ओर से जनहित के मुद्दों से संबंधित दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए कहा गया तो मेयर ने इसे एजेंडे से बाहर का विषय बताकर चर्चा से इनकार कर दिया. कांग्रेसी पार्षदों ने जब बीजेपी बोर्ड की हठधर्मिता के खिलाफ अपना विरोध जताया तो बीजेपी पार्षदों और मेयर ने एजेंडे के प्रस्ताव 1 से 15 तक गिनती गिनकर प्रस्ताव पारित कर लिया.
रजिस्टर में हाजिरी भी नहीं लगाई
सदन में एजेंडे के प्रस्ताव पढ़कर भी नहीं सुनाए गए. इतना ही नहीं, उपस्थित पार्षदों की हाजिरी भी रजिस्टर में नहीं लगाई गई और न उनसे हस्ताक्षर करवाए गए. लोकतंत्र की हत्या करते हुए बहुमत की दादागीरी से बिना चर्चा के प्रस्ताव पारित कर लिए गए. प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद राष्ट्रगान शुरू कर दिया, जबकि भीड़भाड़ और हुल्लड़ होने की स्थिति में राष्ट्रगान नही करवाया जा सकता. रलावता ने बीजेपी बोर्ड पर राष्ट्रगान का अपमान करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पार्षद एकजुट हैं और इस मुद्दे को कलेक्टर संभागीय आयुक्त शासन सचिव और सरकार तक लेकर जाएंगे। कांग्रेस पार्षदों ने साधारण सभा स्थगित करने की मांग की है.
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निर्दलीय पार्षदों की पीड़ा, बीजेपी और कांग्रेस के उलझने से जनहित के मुद्दे अटके
साधारण सभा की बैठक में जहां बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद आपस में उलझ रहे थे वहीं निर्दलीय पार्षद भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे थे. निर्दलीय पार्षद शाकिर ने बताया कि नगर निगम में 11 निर्दलीय पार्षद हैं सभी शहर के हित में सदन में चर्चा चाहते थे, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई में निर्दलीय पार्षद पिस रहे हैं. बीजेपी के विधायक अपने कोष से हमारे क्षेत्र में विकास के लिए फंड नहीं देते. वहीं कांग्रेस के 12 मनोनीत पार्षद भी सरकार से मिले फंड को निर्दलीय पार्षदों के क्षेत्र में खर्च नहीं करते. उन्होंने कहा कि साधारण सभा में चर्चा होनी थी लेकिन कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा कर दिया. बीजेपी पार्षदों ने बहुमत में एजेंडा के प्रस्ताव पास करवा लिए और निर्दलीय पार्षद बीच में ही लटके रह गए. निर्दलीय पार्षदों की नगर निगम में कोई सुनवाई नहीं है.
अजमेर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है. कुल 80 पार्षदों में 48 बीजेपी के हैं, जबकि 18 कांग्रेस के हैं और 11 निर्दलीय पार्षद हैं. वहीं 12 मनोनीत कांग्रेस के पार्षद हैं. निगम में भाजपा का बोर्ड होने के बाद भी साधारण सभा में एजेंडे के प्रस्तावों पर खुलकर चर्चा नहीं हो सकी. सफाई, सड़कों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइट, अवैध निर्माण, अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर सदन में कोई चर्चा नहीं हुई बल्कि एजेंडा का प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रगान होते ही मेयर ब्रजलता हाड़ा भी निकल गईं.