अजमेर. जिले के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशु रोग विभाग के आईसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं मिलने से नवजात को प्राइवेट अस्पताल ले जाने और वहां पर इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल में ही वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण बच्चे के इलाज में देरी हुई. उधर अस्पताल प्रशासन ने प्रकरण से साफ इंकार किया है.
बता दें कि पीड़ित पिता ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर शिशु रोग विभाग में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है. अजमेर के नसीराबाद क्षेत्र के सज्जन सिंह ने अस्पताल अधीक्षक को भेजे गए पत्र में लिखा है कि 24 जुलाई को नसीराबाद के राजकीय अस्पताल में उसकी पत्नी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था और तबीयत खराब होने पर बच्चों को अजमेर रेफर कर दिया गया. इनमें से एक बच्चे की 24 घंटे के दौरान ही मौत हो गई, जबकि दूसरा बच्चा आईसीयू में भर्ती था.
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हालात ज्यादा खराब होने पर उन्हें देर रात वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी मगर वहां चार ही वेंटिलेटर मौजूद थे और चारों पर बच्चे थे. इसके चलते उनके बच्चे को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया .स्टाफ से बात करने के बाद भी आधी रात को उनको स्वयं की जिम्मेदारी पर बच्चे को अन्य अस्पताल ले जाना पड़ा और वहां इलाज के दौरान उनके बच्चे की मौत हो गई. वहीं अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन से इस मामले में काफी बार फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने बातचीत से साफ इंकार कर दिया.