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अजमेर :वेंटिलेटर की कमी के चलते दो बच्चों की मौत, परिजनों ने यह आरोप - शिशु की मौत

अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशु रोग विभाग के आईसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं मिलने के कारण नवजात को प्राइवेट अस्पताल ले जाने और वहां पर इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाने का मामला सामने आया है.

twins die due to lack of ventilator in Ajmer baby ward
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Published : Aug 2, 2019, 2:03 AM IST

Updated : Aug 2, 2019, 2:30 AM IST

अजमेर. जिले के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशु रोग विभाग के आईसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं मिलने से नवजात को प्राइवेट अस्पताल ले जाने और वहां पर इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल में ही वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण बच्चे के इलाज में देरी हुई. उधर अस्पताल प्रशासन ने प्रकरण से साफ इंकार किया है.

अजमेर शिशु वार्ड में वेंटिलेटर की कमी के चलते जुड़वा बच्चों मौत

बता दें कि पीड़ित पिता ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर शिशु रोग विभाग में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है. अजमेर के नसीराबाद क्षेत्र के सज्जन सिंह ने अस्पताल अधीक्षक को भेजे गए पत्र में लिखा है कि 24 जुलाई को नसीराबाद के राजकीय अस्पताल में उसकी पत्नी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था और तबीयत खराब होने पर बच्चों को अजमेर रेफर कर दिया गया. इनमें से एक बच्चे की 24 घंटे के दौरान ही मौत हो गई, जबकि दूसरा बच्चा आईसीयू में भर्ती था.

यह भी पढ़ें : सीएम की डिनर पॉलिटिक्स...कांग्रेस विधायकों के साथ पहुंचे बीजेपी के ये बड़े नेता

हालात ज्यादा खराब होने पर उन्हें देर रात वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी मगर वहां चार ही वेंटिलेटर मौजूद थे और चारों पर बच्चे थे. इसके चलते उनके बच्चे को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया .स्टाफ से बात करने के बाद भी आधी रात को उनको स्वयं की जिम्मेदारी पर बच्चे को अन्य अस्पताल ले जाना पड़ा और वहां इलाज के दौरान उनके बच्चे की मौत हो गई. वहीं अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन से इस मामले में काफी बार फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने बातचीत से साफ इंकार कर दिया.

अजमेर. जिले के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशु रोग विभाग के आईसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं मिलने से नवजात को प्राइवेट अस्पताल ले जाने और वहां पर इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल में ही वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण बच्चे के इलाज में देरी हुई. उधर अस्पताल प्रशासन ने प्रकरण से साफ इंकार किया है.

अजमेर शिशु वार्ड में वेंटिलेटर की कमी के चलते जुड़वा बच्चों मौत

बता दें कि पीड़ित पिता ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर शिशु रोग विभाग में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है. अजमेर के नसीराबाद क्षेत्र के सज्जन सिंह ने अस्पताल अधीक्षक को भेजे गए पत्र में लिखा है कि 24 जुलाई को नसीराबाद के राजकीय अस्पताल में उसकी पत्नी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था और तबीयत खराब होने पर बच्चों को अजमेर रेफर कर दिया गया. इनमें से एक बच्चे की 24 घंटे के दौरान ही मौत हो गई, जबकि दूसरा बच्चा आईसीयू में भर्ती था.

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हालात ज्यादा खराब होने पर उन्हें देर रात वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी मगर वहां चार ही वेंटिलेटर मौजूद थे और चारों पर बच्चे थे. इसके चलते उनके बच्चे को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया .स्टाफ से बात करने के बाद भी आधी रात को उनको स्वयं की जिम्मेदारी पर बच्चे को अन्य अस्पताल ले जाना पड़ा और वहां इलाज के दौरान उनके बच्चे की मौत हो गई. वहीं अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन से इस मामले में काफी बार फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने बातचीत से साफ इंकार कर दिया.

Intro:अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशु रोग विभाग के आईसीयू में वेंटिलेटर खाली नहीं मिलने के कारण नवजात को प्राइवेट अस्पताल ले जाने और वहां पर इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाने का मामला सामने आया है


Body:जी हां परिजनों ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में ही वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण बच्चे के इलाज में देरी हुई पीड़ित पिता ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर शिशु रोग विभाग में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है उधर अस्पताल प्रशासन ने प्रकरण से साफ इंकार किया है


अजमेर के नसीराबाद क्षेत्र के सज्जन सिंह ने अस्पताल अधीक्षक को भेजे गए पत्र में लिखा है कि 24 जुलाई को नसीराबाद के राजकीय अस्पताल में उसकी पत्नी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था तबीयत खराब होने पर बच्चों को अजमेर में रेफर कर दिया गया इनमें से एक बच्चे की 24 घंटे के दौरान ही मौत हो गई जबकि दूसरा बच्चा आईसीयू में भर्ती था हालात ज्यादा खराब होने पर उन्हें देर रात वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी मगर वहां चार ही वेंटिलेटर मौजूद थे और चारों पर बच्चे थे


Conclusion:परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि इसके चलते हैं उनके बच्चे को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया स्टाफ से बात करने के बाद भी आधी रात को उनको स्वयं की जिम्मेदारी पर बच्चे को अन्य अस्पताल ले जाना पड़ा और वहां इलाज के दौरान उनके बच्चे की मौत हो गई


वहीं अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन से इस मामले में काफी बार फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने बातचीत से साफ इंकार कर दिया
Last Updated : Aug 2, 2019, 2:30 AM IST
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