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Special: मस्जिद और मंदिर खुल गए लेकिन नहीं शुरू हुई व्यापारियों की बरकत

अजमेर के पुष्कर में स्थित ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह आम लोगों के लिए 7 सितंबर से खोल दी गई है. मंदिर और दरगाह खुलने के बाद इनमें आस्था रखने वाले काफी खुश हैं. वहीं, इससे भी ज्यादा खुश दरगाह क्षेत्र के व्यापारी और दुकानदार थे, जिन्हें लगभग 6 महीने बाद उम्मीद की किरण नजर आ रही थी. लेकिन इन व्यापारियों के चेहरे पर आई मुस्कान फिर से छिन गई है.

Global pandemic corona virus,  Livelihood crisis in front of traders, Troubles of Ajmer traders
व्यापारियों की उम्मीद को झटका
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Published : Sep 16, 2020, 7:21 PM IST

अजमेर. पूरे देश भर में अजमेर धार्मिक नगरी के नाम से पहचाना जाता है. अजमेर से लगभग 13 किलोमीटर दूर पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर स्थित है, तो वहीं दूसरी और सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह भी स्थित है. इन दोनों से काफी लोगों का व्यापार जुड़ा है. दोनों ही धार्मिक स्थानों पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं और जायरीनों की आवक लगातार बनी रहती है. लेकिन धार्मिक स्थानों से जुड़े व्यापारी मौजूदा हालात में काफी परेशान हैं.

व्यापारियों की उम्मीद को झटका

पूरे देश भर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर दिख रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद सभी धार्मिक स्थानों को भी बंद कर दिया गया था. वहीं, धार्मिक स्थानों को बंद करने के बाद उससे जुड़े व्यापारियों की हालत पिछले करीब 6 महीनों से खराब है. उन्हें आशा थी कि अनलॉक 4.0 में धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति के बाद उनके हालातों में धीरे-धीरे सुधार होगा. लेकिन उनकी उम्मीदों पर फिर से पानी फिर गया.

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अजमेर में स्थित मंदिर

पढ़ें- Special : अजमेर दरगाह खुलने के बाद व्यापारियों को व्यापार में बरकत की उम्मीद

सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी अजमेर में भी 2 बड़े धार्मिक स्थान स्थित हैं. 7 सितंबर को धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति दी गई, जिसके बाद सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा मंदिर को भी खोल दिया गया. लेकिन राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के तहत मंदिरों और दरगाह पर फूल व चढ़ावा चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई. इसके कारण धार्मिक स्थानों से जुड़े व्यापारियों की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

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जा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह

दरगाह शरीफ में स्थित 100 दुकानें अब भी बंद

सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम एसएफ हशन चिश्ती ने बताया कि मंदिर और मस्जिद तो राज्य सरकार के आदेशों के बाद खोल दिए गए हैं. लेकिन दरगाह से जुड़े व्यापारियों की हालत काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि दरगाह शरीफ के अंदर करीब 100 से अधिक दुकानें हैं, जिनका व्यापार दरगाह शरीफ से ही चल पाता है. लेकिन सभी दुकानों को राज्य सरकार की ओर से बंद रखने का आदेश दिया गया है.

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बंद पड़ी दुकानें

खादिम नफीस मियां चिश्ती ने बताया कि राज्य सरकार को धार्मिक स्थानों के साथ-साथ उनसे जुड़े व्यापारियों के बारे में भी सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों से वैसे ही उनके व्यापार बंद पड़े थे. धार्मिक स्थानों को खोलने के बाद फूल, चादर सहित प्रसाद पर पाबंदी लगाने के कारण एक बार फिर उनकी कमर टूट गई है.

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चादर चढ़ाने पर रोक

आम दिनों में दरगाह में पेश होता है 1500 किलो से अधिक फूल

मंडी व्यापारी अनीश मारोठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आम दिनों में करीब 15 किलो से अधिक गुलाब की खपत होती है. इसके अलावा पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर में भी गुलाब के फूलों की खपत अधिक रहती है.

पढ़ें- पितृ पक्ष 2020: पुष्कर में पितरों का श्राद्ध करने नहीं पहुंच रहे 'यजमान'...2500 पुरोहितों की आय पर असर

वहीं, किसानों का कहना है कि धार्मिक स्थल खुलने के बाद उन्हें आशा की किरण नजर आई थी, लेकिन फूल, चादर और चढ़ावे पर पाबंदी के कारण उन्हें एक बार फिर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. उनका कहना है कि उनके सामने अपने परिवार को पालने की संकट खड़ी हो गई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि गुलाब की खेती करने वाले और दरगाह शरीफ में चादर बेचने वाले दुकानदारों सहित प्रसाद के वितरण पर भी रोक हटा देनी चाहिए.

अजमेर. पूरे देश भर में अजमेर धार्मिक नगरी के नाम से पहचाना जाता है. अजमेर से लगभग 13 किलोमीटर दूर पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर स्थित है, तो वहीं दूसरी और सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह भी स्थित है. इन दोनों से काफी लोगों का व्यापार जुड़ा है. दोनों ही धार्मिक स्थानों पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं और जायरीनों की आवक लगातार बनी रहती है. लेकिन धार्मिक स्थानों से जुड़े व्यापारी मौजूदा हालात में काफी परेशान हैं.

व्यापारियों की उम्मीद को झटका

पूरे देश भर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर दिख रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद सभी धार्मिक स्थानों को भी बंद कर दिया गया था. वहीं, धार्मिक स्थानों को बंद करने के बाद उससे जुड़े व्यापारियों की हालत पिछले करीब 6 महीनों से खराब है. उन्हें आशा थी कि अनलॉक 4.0 में धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति के बाद उनके हालातों में धीरे-धीरे सुधार होगा. लेकिन उनकी उम्मीदों पर फिर से पानी फिर गया.

Global pandemic corona virus,  Livelihood crisis in front of traders, Troubles of Ajmer traders
अजमेर में स्थित मंदिर

पढ़ें- Special : अजमेर दरगाह खुलने के बाद व्यापारियों को व्यापार में बरकत की उम्मीद

सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी अजमेर में भी 2 बड़े धार्मिक स्थान स्थित हैं. 7 सितंबर को धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति दी गई, जिसके बाद सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा मंदिर को भी खोल दिया गया. लेकिन राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के तहत मंदिरों और दरगाह पर फूल व चढ़ावा चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई. इसके कारण धार्मिक स्थानों से जुड़े व्यापारियों की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

Global pandemic corona virus,  Livelihood crisis in front of traders, Troubles of Ajmer traders
जा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह

दरगाह शरीफ में स्थित 100 दुकानें अब भी बंद

सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम एसएफ हशन चिश्ती ने बताया कि मंदिर और मस्जिद तो राज्य सरकार के आदेशों के बाद खोल दिए गए हैं. लेकिन दरगाह से जुड़े व्यापारियों की हालत काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि दरगाह शरीफ के अंदर करीब 100 से अधिक दुकानें हैं, जिनका व्यापार दरगाह शरीफ से ही चल पाता है. लेकिन सभी दुकानों को राज्य सरकार की ओर से बंद रखने का आदेश दिया गया है.

Global pandemic corona virus,  Livelihood crisis in front of traders, Troubles of Ajmer traders
बंद पड़ी दुकानें

खादिम नफीस मियां चिश्ती ने बताया कि राज्य सरकार को धार्मिक स्थानों के साथ-साथ उनसे जुड़े व्यापारियों के बारे में भी सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों से वैसे ही उनके व्यापार बंद पड़े थे. धार्मिक स्थानों को खोलने के बाद फूल, चादर सहित प्रसाद पर पाबंदी लगाने के कारण एक बार फिर उनकी कमर टूट गई है.

Global pandemic corona virus,  Livelihood crisis in front of traders, Troubles of Ajmer traders
चादर चढ़ाने पर रोक

आम दिनों में दरगाह में पेश होता है 1500 किलो से अधिक फूल

मंडी व्यापारी अनीश मारोठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आम दिनों में करीब 15 किलो से अधिक गुलाब की खपत होती है. इसके अलावा पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर में भी गुलाब के फूलों की खपत अधिक रहती है.

पढ़ें- पितृ पक्ष 2020: पुष्कर में पितरों का श्राद्ध करने नहीं पहुंच रहे 'यजमान'...2500 पुरोहितों की आय पर असर

वहीं, किसानों का कहना है कि धार्मिक स्थल खुलने के बाद उन्हें आशा की किरण नजर आई थी, लेकिन फूल, चादर और चढ़ावे पर पाबंदी के कारण उन्हें एक बार फिर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. उनका कहना है कि उनके सामने अपने परिवार को पालने की संकट खड़ी हो गई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि गुलाब की खेती करने वाले और दरगाह शरीफ में चादर बेचने वाले दुकानदारों सहित प्रसाद के वितरण पर भी रोक हटा देनी चाहिए.

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