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अजमेर: मजदूर किसान संगठनों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, नुक्कड़ नाटक कर जताया किसानों का दर्द

अजमेर में मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया. इस रैली का मकसद यह रहा कि किसानों के प्रति केंद्र सरकार के तीनों बिलों को वापस लिए जाने की मांग और न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित में आश्वासन किसानों को दिया जाना चाहिए.

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मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में हुआ ट्रैक्टर रैली का आयोजन
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Published : Jan 11, 2021, 12:44 PM IST

अजमेर. मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में रविवार को एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया. इस दौरान यह ट्रैक्टर रैली भीम से शुरू होकर के सभी जिलों में भ्रमण करती हुई शाजापुर में संघर्ष कर रहे किसानों के मध्य पहुंची. इस रैली का मकसद है यह रहा कि किसानों के प्रति केंद्र सरकार के तीनों बिलों को वापस लिए जाने की मांग और न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित में आश्वासन किसानों को दिया जाना है.

मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में हुआ ट्रैक्टर रैली का आयोजन

इसी सबंध में यह रैली अजमेर जिले के बजरंगगढ़ स्थित चौराहे पर पहुंची. वहीं इस रैली में कठपुतली और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आमजन को कृषि बिलों की समस्याओं के संबंध में जानकारी दी गई. इस अवसर पर जानकारी देते हुए शंकर सिंह ने बताया कि केंद्र के कृषि कानून वर्तमान में किसानों हितों के विपरीत है. किसान पिछले 45 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर तेज सर्दी में धरने पर बैठा है फिर भी केंद्र सरकार की आंखें नहीं खुल रही है. वहीं हम छोटे कृषक भी बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली से रैली निकाल कर जनता को जागरूक कर रहे हैं.

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वहीं इसके साथ ही इस रैली की समाप्ति शाजापुर बॉर्डर पहुंचकर ही हुई. इस मौके पर पर पीयूसीएल के जिला अध्यक्ष अनंत भटनागर और उनकी टीम ने बजरंगढ़ चौराहे पर पहुंच कर किसान रैली का स्वागत किया. इस दौरान जानकारी देते हुए जिला अध्यक्ष पीयूसीएल ने बताया कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि बिल उन्हें वापस लेने होंगे. प्रदेश की राज्य सरकार ने जो इन तीनों कृषि बिलों के खिलाफ जो 3 अध्यादेश जारी किए हैं उन्हें भी राज्यपाल काफी समय से दबाए बैठे हैं और राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए नहीं भेज रहे हैं जो कि सही नहीं है.

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उन्होंने कहां कि यह जो नई कृषि कानून बील को सरकार ने जारी किए हैं इससे किसानों को फायदा नहीं होकर बड़े कारोबारियों और पूंजीपतियों को ही फायदा होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहां कि बड़े-बड़े वेयर हाउस का निर्माण पूर्व में ही शुरू कर दिया है. अब उसमें वह किसानों की उपज को संरक्षित कर महंगे दामों पर बेच सकेंगे जिससे वह अधिक अमीर होंगे और किसानों को वास्तव में उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाएगा. इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है और हम सभी को एक साथ मिलकर केंद्र के इन तीनों कृषि कानून बिलों को लेकर विरोध जताना.

अजमेर. मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में रविवार को एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया. इस दौरान यह ट्रैक्टर रैली भीम से शुरू होकर के सभी जिलों में भ्रमण करती हुई शाजापुर में संघर्ष कर रहे किसानों के मध्य पहुंची. इस रैली का मकसद है यह रहा कि किसानों के प्रति केंद्र सरकार के तीनों बिलों को वापस लिए जाने की मांग और न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित में आश्वासन किसानों को दिया जाना है.

मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में हुआ ट्रैक्टर रैली का आयोजन

इसी सबंध में यह रैली अजमेर जिले के बजरंगगढ़ स्थित चौराहे पर पहुंची. वहीं इस रैली में कठपुतली और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आमजन को कृषि बिलों की समस्याओं के संबंध में जानकारी दी गई. इस अवसर पर जानकारी देते हुए शंकर सिंह ने बताया कि केंद्र के कृषि कानून वर्तमान में किसानों हितों के विपरीत है. किसान पिछले 45 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर तेज सर्दी में धरने पर बैठा है फिर भी केंद्र सरकार की आंखें नहीं खुल रही है. वहीं हम छोटे कृषक भी बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली से रैली निकाल कर जनता को जागरूक कर रहे हैं.

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वहीं इसके साथ ही इस रैली की समाप्ति शाजापुर बॉर्डर पहुंचकर ही हुई. इस मौके पर पर पीयूसीएल के जिला अध्यक्ष अनंत भटनागर और उनकी टीम ने बजरंगढ़ चौराहे पर पहुंच कर किसान रैली का स्वागत किया. इस दौरान जानकारी देते हुए जिला अध्यक्ष पीयूसीएल ने बताया कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि बिल उन्हें वापस लेने होंगे. प्रदेश की राज्य सरकार ने जो इन तीनों कृषि बिलों के खिलाफ जो 3 अध्यादेश जारी किए हैं उन्हें भी राज्यपाल काफी समय से दबाए बैठे हैं और राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए नहीं भेज रहे हैं जो कि सही नहीं है.

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उन्होंने कहां कि यह जो नई कृषि कानून बील को सरकार ने जारी किए हैं इससे किसानों को फायदा नहीं होकर बड़े कारोबारियों और पूंजीपतियों को ही फायदा होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहां कि बड़े-बड़े वेयर हाउस का निर्माण पूर्व में ही शुरू कर दिया है. अब उसमें वह किसानों की उपज को संरक्षित कर महंगे दामों पर बेच सकेंगे जिससे वह अधिक अमीर होंगे और किसानों को वास्तव में उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाएगा. इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है और हम सभी को एक साथ मिलकर केंद्र के इन तीनों कृषि कानून बिलों को लेकर विरोध जताना.

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