ETV Bharat / city

फर्जी IAS बनकर ठगी करने का मामला आया सामने, मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस

अजमेर के आलीशान सर्किट हाउस में फर्जी आईएएस बनकर लोगों को वीआईपी सुविधा देने और ठगी की वारदात करने का मामला सामने आया है. मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने फर्जी आईएएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

अजमेर, सर्किट हाउस, three fake people, took vip facilities
author img

By

Published : Sep 15, 2019, 2:21 PM IST

अजमेर. फर्जी आईएएस बनकर लोगों को वीआईपी सुविधा देने और ठगी की वारदात का मामला सामने आया है. मामले में फर्जी आईएएस, एसके शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है. बता दें कि फर्जी आईएएस को पकड़ने के लिए टीम गठन करके भेजा गया है.

आलीशान सर्किट हाउस में फर्जी आईएएस बनकर उठाया वीआईपी सुविधाओं का लाभ

मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी छोटी लाल ने बताया कि 9 सितंबर को फर्जी आईएएस एस के शर्मा ने क्लॉक टावर थाना पुलिस को फोन कर 3 लड़कों को सर्किट हाउस भिजवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सर्किट हाउस के तीन कमरे फर्जी आईएएस के नाम से बुक किए गए थे जिसकी जानकारी मैनेजर को नही थी. लेकिन चेकआउट के दौरान कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पूरे मामला खुलकर सामने आया.

पढ़ें: गया ही एक ऐसा शहर जिसके बाद लगाया जाता है 'जी', बड़ी दिलचस्प है इस नगर के बसने की कहानी

मामले में सर्किट हाउस के मैनेजर अभय शंकर तिवारी का कहना है कि एसके शर्मा नाम के किसी भी आईएएस के आने की जानकारी उन्हें नहीं मिली. आईएएस बनकर आए लड़कों ने उन्हें बताया कि वो कंप्यूटर ऑपरेटर की वेकेंसी के लिए अजमेर भिजवाये गए हैं. पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि भरतपुर के निवासी फर्जी आईएएस एसके शर्मा ने तीन लोगों को गुमराह कर उन्हें फर्जी आईएएस बनाकर सर्किट हाउस भेजा. घटना का खुलासा होने पर जब पुलिस ने फर्जी आईएएस को फोन करने का प्रयास किया तो उसका फोन बंद आ रहा था. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है.

अजमेर. फर्जी आईएएस बनकर लोगों को वीआईपी सुविधा देने और ठगी की वारदात का मामला सामने आया है. मामले में फर्जी आईएएस, एसके शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है. बता दें कि फर्जी आईएएस को पकड़ने के लिए टीम गठन करके भेजा गया है.

आलीशान सर्किट हाउस में फर्जी आईएएस बनकर उठाया वीआईपी सुविधाओं का लाभ

मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी छोटी लाल ने बताया कि 9 सितंबर को फर्जी आईएएस एस के शर्मा ने क्लॉक टावर थाना पुलिस को फोन कर 3 लड़कों को सर्किट हाउस भिजवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सर्किट हाउस के तीन कमरे फर्जी आईएएस के नाम से बुक किए गए थे जिसकी जानकारी मैनेजर को नही थी. लेकिन चेकआउट के दौरान कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पूरे मामला खुलकर सामने आया.

पढ़ें: गया ही एक ऐसा शहर जिसके बाद लगाया जाता है 'जी', बड़ी दिलचस्प है इस नगर के बसने की कहानी

मामले में सर्किट हाउस के मैनेजर अभय शंकर तिवारी का कहना है कि एसके शर्मा नाम के किसी भी आईएएस के आने की जानकारी उन्हें नहीं मिली. आईएएस बनकर आए लड़कों ने उन्हें बताया कि वो कंप्यूटर ऑपरेटर की वेकेंसी के लिए अजमेर भिजवाये गए हैं. पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि भरतपुर के निवासी फर्जी आईएएस एसके शर्मा ने तीन लोगों को गुमराह कर उन्हें फर्जी आईएएस बनाकर सर्किट हाउस भेजा. घटना का खुलासा होने पर जब पुलिस ने फर्जी आईएएस को फोन करने का प्रयास किया तो उसका फोन बंद आ रहा था. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है.

Intro:अजमेर के आलीशान सर्किट हाउस में फर्जी आईएएस बनकर लोगों को वीआईपी सुविधा देने में ठगी की वारदात करने का मामला सामने आया है जहां पुलिस मामले में जांच कर रही है


Body:कोतवाली थाना पुलिस ने फर्जी आईएस एस के शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है आईएएस अधिकारी को पकड़ने के लिए टीम गठन करके यह भेजा गया है जहां मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी छोटी लाल ने बताया कि 9 सितंबर को फर्जी आईएस एस के शर्मा ने क्लॉक टावर थाना पुलिस को फोन कर 3 लड़कों को सर्किट हाउस भिजवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे



जहां पहले से ही तीनों के कमरे आईएस के नाम से बुक किए गए थे पुलिस ने फर्जी आईएस के निर्देश पर तीनों को सर्किट हाउस से छुड़वाया जहां तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई वही बाद में तीनों का विवाद चेकआउट के दौरान कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान हुआ तो पूरा मामला खुलकर सामने आया


जिस दौरान सर्किट हाउस के मैनेजर अभय शंकर तिवारी ने एस के शर्मा नाम की कोई आईएस की सूचना होने की जानकारी भी नहीं मिली जा तीनों लड़कों ने बताया की उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर की वैकेंसी के लिए अजमेर भिजवाया गया था


Conclusion:एसके शर्मा ने आईएएस में उन्हें या नौकरी देने की बात का झांसा देकर यहाँ भेज दिया और मामला बिगड़ता देख अभय शंकर तिवाड़ी ने कोतवाली थाना पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस ने तीनों को 151 में गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी पूछताछ में सामने आया कि भरतपुर के निवासी फर्जी आईएस एस के शर्मा ने उन्हें गुमराह किया और पुलिस ने फर्जी आईएएस को फोन करने का प्रयास किया तो वह बंद आ रहा था


वहीं पुलिस ने फर्जी आईएएस की तलाश को शुरू कर दिया है फर्जी एस एस के शर्मा भरतपुर का रहने वाला बताया जा रहा है पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित कर रवाना कर दिया है



बाईट-छोटी लाल थानाधिकारी कोतवाली
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.