अजमेर. फर्जी आईएएस बनकर लोगों को वीआईपी सुविधा देने और ठगी की वारदात का मामला सामने आया है. मामले में फर्जी आईएएस, एसके शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है. बता दें कि फर्जी आईएएस को पकड़ने के लिए टीम गठन करके भेजा गया है.
मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी छोटी लाल ने बताया कि 9 सितंबर को फर्जी आईएएस एस के शर्मा ने क्लॉक टावर थाना पुलिस को फोन कर 3 लड़कों को सर्किट हाउस भिजवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सर्किट हाउस के तीन कमरे फर्जी आईएएस के नाम से बुक किए गए थे जिसकी जानकारी मैनेजर को नही थी. लेकिन चेकआउट के दौरान कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पूरे मामला खुलकर सामने आया.
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मामले में सर्किट हाउस के मैनेजर अभय शंकर तिवारी का कहना है कि एसके शर्मा नाम के किसी भी आईएएस के आने की जानकारी उन्हें नहीं मिली. आईएएस बनकर आए लड़कों ने उन्हें बताया कि वो कंप्यूटर ऑपरेटर की वेकेंसी के लिए अजमेर भिजवाये गए हैं. पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि भरतपुर के निवासी फर्जी आईएएस एसके शर्मा ने तीन लोगों को गुमराह कर उन्हें फर्जी आईएएस बनाकर सर्किट हाउस भेजा. घटना का खुलासा होने पर जब पुलिस ने फर्जी आईएएस को फोन करने का प्रयास किया तो उसका फोन बंद आ रहा था. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है.