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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भीलवाड़ा अव्वल तो 9 जिले 'सी' ग्रेड में

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Published : Oct 22, 2021, 7:00 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 11:02 PM IST

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा और निदेशक ओपी बुनकर शुक्रवार को अजमेर दौरे पर रहे. सुमित शर्मा ने कहा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में राजस्थान में भीलवाड़ा जिला अव्वल.

Social Justice & Empowerment Department, Ajmer News, Rajasthan News
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा और निदेशक ओपी बुनकर रहे अजमेर दौरे पर

अजमेर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा और निदेशक ओपी बुनकर शुक्रवार को अजमेर दौरे पर रहे. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के तहत योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के निर्देश दिए.

उन्होंने बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया और राजीव गांधी सेवा केंद्र में प्रदेश के समस्त जिलों के विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट को लेकर शासन सचिव ने अपनी नाराजगी व्यक्त की. विभाग की 10 योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में जहां 10 जिले अव्वल रहे तो वहीं 9 जिलों की प्रगति रिपोर्ट कमजोर रही है. इनमें कुछ जिले तो ऐसे हैं जिनमें कई योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट शून्य है. योजनाओं के क्रियान्वयन में कमजोर जिलों के अधिकारियों की शासन सचिव सुमित शर्मा ने क्लास लगाई. साथ ही उन्हें नोटिस भी जारी किए गए. शर्मा ने अधिकारियों से कहा है कि यदि प्रगति रिपोर्ट में सुधार नहीं हुआ तो ऐसे अधिकारियों को चार्जशीट थमाई जाएगी.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा रहे अजमेर दौरे पर

पढ़ें. मुख्यमंत्री गहलोत का आरोप, सीबीआई-ईडी का दुरुपयोग कर रही है मोदी सरकार

बातचीत में शासन सचिव सुमित शर्मा ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कि 10 योजनाओं को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है. प्रशासन शहर और गांव के संग अभियान के तहत आयोजित शिविरों में पात्र व्यक्ति को तत्काल योजना का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं. इन योजनाओं में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इस योजना में वृद्धजन, विधवा महिलाएं और निशक्त जनों को पेंशन की राशि दी जाती है. पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों, एकल नारी महिलाएं और उनके बच्चों, एड्स और सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को प्रतिमाह एक हजार रुपए देने का प्रावधान है. वर्ष में एक बार उनके बच्चों के लिए दो हजार रुपए की राशि पढ़ाई के लिए दी जाती है. तीसरी योजना निशक्त जनों के लिए है जिसमें निशक्त लोगों को चिन्हित कर उन्हें ट्राईसाईकिल या अन्य अंग उपकरण दिए जाते हैं.

निशक्तजन के लिए स्वरोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण में 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है. अनुसूचित जाति निगम के तहत इंदिरा गांधी शहरी कार्ड योजना में स्ट्रीट वेंडर्स और बेरोजगार व्यक्ति को 50 हजार रुपए तक बिना ब्याज का ऋण दिया जा रहा है. सुमित शर्मा ने कहा शिविर विभाग के लिए अवसर है. इसके माध्यम से आमजन से सीधे संपर्क में आ रहे हैं. विभाग की कोशिश है कि शिविर में हम पात्र व्यक्ति को चिन्हित करें और योजनाओं से जोड़ें. उन्होंने बताया कि 4 जिलों में आचार संहिता लागू है. शेष 29 जिलों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. विभाग की ओर से बनाए गए 16 बिंदु के तहत सभी जिलों के विभाग के अधिकारियों और कलेक्टर के कार्यों की मॉनिटरिंग की जाती है साथ ही रैंकिंग भी होती है.

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भीलवाड़ा जिला है अव्वल

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा ने बताया कि योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन और पात्र लोगों को लाभ दिलवाने में भीलवाड़ा जिला अव्वल है. दूसरे नंबर पर नागौर और तीसरे नंबर पर बांसवाड़ा जिला है. शर्मा ने बताया कि 9 जिले ऐसे हैं जो सी ग्रेड हैं. ऐसे जिलों के अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं. इसके बाद भी उनके काम में सुधार नहीं आता है तो, महीने के आखरी तक उनके कार्यों का मूल्यांकन कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

सामाजिक सुरक्षा पेंशन में ओटो अप्रूवल से कार्य में आई है गति

शर्मा ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सबसे बड़ी योजना सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना है. इस योजना के तहत 88 लाख लोगों को हर महीने निश्चित राशि लाभार्थी के खाते में पहुंचाई जाती है. विभाग ने इस योजना के तहत नवाचार किया है. जिसमें पहले आवेदन वीडियो और एसडीओ को आवेदन किया जाता था, जिसमें सभी दस्तावेज लगाने पड़ते थे. उस व्यवस्था को बंद करके ऑनलाइन व्यवस्था में भी दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर उन्हें अपलोड किया जाता था. इस व्यवस्था को 2 अक्टूबर से समाप्त कर दिया गया है. अब जो स्वीकृति होगी वह ऑटो अप्रूवल होगी. अब पात्र व्यक्ति अपना जनाधार नंबर डालेगा उसी वक्त उसको स्वतः स्वीकृति मिल जाएगी.

पढ़ें. पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ के नाम पर आया फोन... रिश्तेदार के बेटे की फीस जमा करवाने को मांगे पैसे

इस नवाचार के माध्यम से कार्यों में गति आई है. आवेदनकर्ता को इधर-उधर और बिचौलियों के चक्कर में आने की जरूरत नहीं है. आवेदनकर्ता यदि पढ़ा लिखा है तो वह अपने एसएसओ आईडी के माध्यम से भी आवेदन कर सकता है. यदि पढ़ा लिखा नहीं है तो वह ईमित्र पर 50 रुपए शुल्क देकर आवेदन करवा सकता है. प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत भी आवेदनकर्त्ता आवेदन कर सकता है. शिविर में उससे कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर से अभी तक 1 लाख 20 हजार लोगो को ऑटो अप्रूवल से पेंशन जारी हो चुकी है.

अजमेर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा और निदेशक ओपी बुनकर शुक्रवार को अजमेर दौरे पर रहे. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के तहत योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के निर्देश दिए.

उन्होंने बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया और राजीव गांधी सेवा केंद्र में प्रदेश के समस्त जिलों के विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट को लेकर शासन सचिव ने अपनी नाराजगी व्यक्त की. विभाग की 10 योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में जहां 10 जिले अव्वल रहे तो वहीं 9 जिलों की प्रगति रिपोर्ट कमजोर रही है. इनमें कुछ जिले तो ऐसे हैं जिनमें कई योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट शून्य है. योजनाओं के क्रियान्वयन में कमजोर जिलों के अधिकारियों की शासन सचिव सुमित शर्मा ने क्लास लगाई. साथ ही उन्हें नोटिस भी जारी किए गए. शर्मा ने अधिकारियों से कहा है कि यदि प्रगति रिपोर्ट में सुधार नहीं हुआ तो ऐसे अधिकारियों को चार्जशीट थमाई जाएगी.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा रहे अजमेर दौरे पर

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बातचीत में शासन सचिव सुमित शर्मा ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कि 10 योजनाओं को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है. प्रशासन शहर और गांव के संग अभियान के तहत आयोजित शिविरों में पात्र व्यक्ति को तत्काल योजना का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं. इन योजनाओं में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इस योजना में वृद्धजन, विधवा महिलाएं और निशक्त जनों को पेंशन की राशि दी जाती है. पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों, एकल नारी महिलाएं और उनके बच्चों, एड्स और सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को प्रतिमाह एक हजार रुपए देने का प्रावधान है. वर्ष में एक बार उनके बच्चों के लिए दो हजार रुपए की राशि पढ़ाई के लिए दी जाती है. तीसरी योजना निशक्त जनों के लिए है जिसमें निशक्त लोगों को चिन्हित कर उन्हें ट्राईसाईकिल या अन्य अंग उपकरण दिए जाते हैं.

निशक्तजन के लिए स्वरोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण में 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है. अनुसूचित जाति निगम के तहत इंदिरा गांधी शहरी कार्ड योजना में स्ट्रीट वेंडर्स और बेरोजगार व्यक्ति को 50 हजार रुपए तक बिना ब्याज का ऋण दिया जा रहा है. सुमित शर्मा ने कहा शिविर विभाग के लिए अवसर है. इसके माध्यम से आमजन से सीधे संपर्क में आ रहे हैं. विभाग की कोशिश है कि शिविर में हम पात्र व्यक्ति को चिन्हित करें और योजनाओं से जोड़ें. उन्होंने बताया कि 4 जिलों में आचार संहिता लागू है. शेष 29 जिलों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. विभाग की ओर से बनाए गए 16 बिंदु के तहत सभी जिलों के विभाग के अधिकारियों और कलेक्टर के कार्यों की मॉनिटरिंग की जाती है साथ ही रैंकिंग भी होती है.

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भीलवाड़ा जिला है अव्वल

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा ने बताया कि योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन और पात्र लोगों को लाभ दिलवाने में भीलवाड़ा जिला अव्वल है. दूसरे नंबर पर नागौर और तीसरे नंबर पर बांसवाड़ा जिला है. शर्मा ने बताया कि 9 जिले ऐसे हैं जो सी ग्रेड हैं. ऐसे जिलों के अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं. इसके बाद भी उनके काम में सुधार नहीं आता है तो, महीने के आखरी तक उनके कार्यों का मूल्यांकन कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

सामाजिक सुरक्षा पेंशन में ओटो अप्रूवल से कार्य में आई है गति

शर्मा ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सबसे बड़ी योजना सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना है. इस योजना के तहत 88 लाख लोगों को हर महीने निश्चित राशि लाभार्थी के खाते में पहुंचाई जाती है. विभाग ने इस योजना के तहत नवाचार किया है. जिसमें पहले आवेदन वीडियो और एसडीओ को आवेदन किया जाता था, जिसमें सभी दस्तावेज लगाने पड़ते थे. उस व्यवस्था को बंद करके ऑनलाइन व्यवस्था में भी दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर उन्हें अपलोड किया जाता था. इस व्यवस्था को 2 अक्टूबर से समाप्त कर दिया गया है. अब जो स्वीकृति होगी वह ऑटो अप्रूवल होगी. अब पात्र व्यक्ति अपना जनाधार नंबर डालेगा उसी वक्त उसको स्वतः स्वीकृति मिल जाएगी.

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इस नवाचार के माध्यम से कार्यों में गति आई है. आवेदनकर्ता को इधर-उधर और बिचौलियों के चक्कर में आने की जरूरत नहीं है. आवेदनकर्ता यदि पढ़ा लिखा है तो वह अपने एसएसओ आईडी के माध्यम से भी आवेदन कर सकता है. यदि पढ़ा लिखा नहीं है तो वह ईमित्र पर 50 रुपए शुल्क देकर आवेदन करवा सकता है. प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत भी आवेदनकर्त्ता आवेदन कर सकता है. शिविर में उससे कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर से अभी तक 1 लाख 20 हजार लोगो को ऑटो अप्रूवल से पेंशन जारी हो चुकी है.

Last Updated : Oct 22, 2021, 11:02 PM IST
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