ब्यावर (अजमेर). जिले के ब्यावर में कुछ दिनों पहले प्रसव के दौरान बच्चे की मौत वाले मामले ने तूल पकड़ लिया है. बच्चे की मौत के बाद राजकीय अमृतकौर चिक्त्सिालय में नर्सिंग स्टाफ के साथ हुई धक्का-मुक्की के बाद स्टाफ ने कार्रवाई की मांग की है. इतने दिनों बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस को परिजनों की शिकायत नहीं देने पर स्टाफ में आक्रोश है और उन्होंने कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि 24 अगस्त को राजकीय अमृतकौर चिक्त्सिालय के लेबर रूम में शाम के समय डयुटी पर तैनात मंजू गुप्ता ने एक गर्भवती महिला का प्रसव करवाया था. प्रसव के दौरान गर्भवती ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया था. इस बात की जानकारी परिजनों के मिलने के बाद गर्भवती महिला के परिजनों ने मारपीट, छीना-झपटी और धक्का-मुक्की किया, जिस पर मंजू गुप्ता ने परिजनों पर कार्रवाई की मांग की है.
जानकारी के अनुसार गुरुवार को एकत्रित हुए सभी कर्मचारियों ने राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के पीएमओ डॉ मुकुल राजवंशी से मुलाकात की. कर्मचारियों ने इस बात पर आक्रोश जताया कि घटना के बाद कर्मचारियों की ओर से मांग किए जाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं दी गई है. कर्मचारियों ने कहा कि इसी कारण इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वालों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं.
कर्मचारियों के आक्रोश तथा विरोध को ध्यान में रखते हुए पीएमओ ने कर्मचारियों को समझाया कि अभी तक पीड़ित की ओर से किसी भी प्रकार की शिकायत अस्पताल प्रशासन को नहीं दी गई है तो फिर पुलिस में किस आधार पर शिकायत दी जाएगी. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिलीप चौधरी ने कर्मचारियों को समझाते हुए कहा कि जब अस्पताल प्रशासन को शिकायत दी जाएगी उसी शिकायत को आगे बढ़ाया जाएगा. इस पर पीएमओ कक्ष में उपस्थित कर्मचारियों की मौजूदगी में पीड़िता मंजू गुप्ता की ओर से अस्पताल प्रशासन को लिखित में शिकायत दी गई. पीड़िता की शिकायत पर अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दिया है. इस दौरान महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजू गुप्ता, नरेन्द्र शर्मा, हनुमान नामा, राकेश पाराशर, खेमराज तथा सोफिया आदि कर्मचारी शामिल थे.