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SPECAIL: सरकार ने दी मार्बल फैक्ट्रियों को शुरू करने की छूट, लेकिन चुनौतियों से पार पाना होगा मुश्किल

अजमेर में मार्बल फैक्ट्रियां फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय क्या सही साबित होगा. क्या मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए फिर से काम पर लौट पाएंगे. जानें इस स्पेशल रिपोर्ट में...

मार्बल फैक्ट्रियां फिर होंगी शुरू, राजस्थान की खबर, रमेश टांके से बातचीत, suresh tank news, suresh tank
मार्बल फैक्ट्रियां फिर होंगी शुरू
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Published : May 1, 2020, 2:49 PM IST

Updated : May 1, 2020, 4:17 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी ने एशिया की सबसे बड़ी किशनगढ़ मार्बल मंडी पर भी ग्रहण लगा दिया है. लॉकडाउन की वजह से बंद हुई मार्बल फैक्टरियों में काम करने वाले 60 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं. लॉकडाउन 2.0 के बाद केंद्र और राज्य सरकार की मंशा औद्योगिक क्षेत्रों को राहत देते हुए उन्हें शुरू करने की है.

किशनगढ़ की मार्बल फैक्ट्रियों का फिर से शुरू होना कितना सही

किशनगढ़ के मार्बल व्यापारी और श्रमिक भी सरकार की मंशा से काफी आशान्वित हैं. ईटीवी भारत ने किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में विधायक सुरेश टांक से किशनगढ़ मार्बल मंडी शुरू किए आने को लेकर विशेष बातचीत की.

अधिकतर प्रवासी श्रमिक करते हैं काम

किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक के अनुसार लॉकडाउन में मार्बल मंडी पूरी तरह से सुनसान हो चुकी है. उन्होंने बताया कि मार्बल मंडी में 20 हजार श्रमिक बिहार और 40 हजार श्रमिक राजस्थान के विभिन्न जिलों और किशनगढ़ के आसपास क्षेत्रों में रहते हैं.

विधायक सुरेश टांक से खास बातचीत

यह भी पढे़ं- SPECIAL: वस्त्र नगरी में फिर में खिल उठा प्रकृति का सौंदर्य, 20 साल बाद प्रदूषण न्यूनतम स्तर पर

श्रमिक चले गए तो कौन करेगा काम

लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों का पलायन ना हो इस बात की विशेष चिंता है, क्योंकि श्रमिक एक बार चले जाएंगे, तो उनका वापस लौटना मुश्किल हो जाता है. श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था फैक्ट्री मालिक अपने स्तर पर करवा रहे हैं. मार्बल मंडी एसोसिएशन भी इस दिशा में काम कर रही है. लॉकडाउन आगे बढ़ेगा, तब भी श्रमिकों के लिए फैक्ट्री मालिक की ओर से भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था जारी रहेगी.

मार्बल फैक्ट्रियां फिर होंगी शुरू, राजस्थान की खबर, रमेश टांके से बातचीत, suresh tank news, suresh tank
मार्बल फैक्ट्रियां फिर से होंगी शुरू

उन्होंने बताया कि अजमेर कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. लेकिन किशनगढ़ इससे अछूता है. लिहाजा यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों को छूट दी गई है, उसका फायदा किशनगढ़ मार्बल मंडी को भी मिलेगा.

क्या फॉलो हो पाएगा गाइडलाइन

उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला कलेक्टर से बात की गई है. जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन मार्बल फैक्टरियों को वापस से शुरू किए जाने को लेकर फिट नहीं बैठ रही है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि किशनगढ़ मार्बल फैक्ट्रियों को पुनः चालू करवाने के लिए विशेष गाइडलाइन तैयार की जाए. सभी मार्बल फैक्ट्रियों के पास ऐसे उपकरण नहीं है, जिनका उपयोग करके सोशल डिस्टेंसिंग की पालना फैक्ट्रियों में की जा सके.

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किशनगढ़ मार्बल फैक्ट्री की तस्वीर

यह भी पढे़ं- SPECIAL: पुलिसकर्मियों की रगों में जो खून बहता है, वह सेल्फ मोटिवेटेड है: एडिशनल डीसीपी

कैसे होगी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

सुरेश टांक के मुताबिक मार्बल फैक्ट्रियों में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मार्बल के 1 ब्लॉक की कटिंग के बाद उसे उतारने के लिए छह श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कैसे होगी. दूसरे कई श्रमिक लॉकडाउन के चलते अन्य जिलों में चले गए हैं. जो तकनीकी रूप से अच्छे जानकार हैं. उन्हें वापस लाने के क्या इंतजाम होंगे?

टांक ने बताया कि कई फैक्ट्रियों में रहने की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में क्या होगा? लॉकडाउन के आगे बढ़ने और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन दोनों को लेकर किशनगढ़ मार्बल मंडी में संशय की स्थिति बनी हुई है. विधायक सुरेश टांक ने किशनगढ़ मार्बल मंडी के लिए विशेष गाइडलाइन तैयार करने की मांग सरकार और प्रशासन से की है.

अजमेर. कोरोना महामारी ने एशिया की सबसे बड़ी किशनगढ़ मार्बल मंडी पर भी ग्रहण लगा दिया है. लॉकडाउन की वजह से बंद हुई मार्बल फैक्टरियों में काम करने वाले 60 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं. लॉकडाउन 2.0 के बाद केंद्र और राज्य सरकार की मंशा औद्योगिक क्षेत्रों को राहत देते हुए उन्हें शुरू करने की है.

किशनगढ़ की मार्बल फैक्ट्रियों का फिर से शुरू होना कितना सही

किशनगढ़ के मार्बल व्यापारी और श्रमिक भी सरकार की मंशा से काफी आशान्वित हैं. ईटीवी भारत ने किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में विधायक सुरेश टांक से किशनगढ़ मार्बल मंडी शुरू किए आने को लेकर विशेष बातचीत की.

अधिकतर प्रवासी श्रमिक करते हैं काम

किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक के अनुसार लॉकडाउन में मार्बल मंडी पूरी तरह से सुनसान हो चुकी है. उन्होंने बताया कि मार्बल मंडी में 20 हजार श्रमिक बिहार और 40 हजार श्रमिक राजस्थान के विभिन्न जिलों और किशनगढ़ के आसपास क्षेत्रों में रहते हैं.

विधायक सुरेश टांक से खास बातचीत

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श्रमिक चले गए तो कौन करेगा काम

लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों का पलायन ना हो इस बात की विशेष चिंता है, क्योंकि श्रमिक एक बार चले जाएंगे, तो उनका वापस लौटना मुश्किल हो जाता है. श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था फैक्ट्री मालिक अपने स्तर पर करवा रहे हैं. मार्बल मंडी एसोसिएशन भी इस दिशा में काम कर रही है. लॉकडाउन आगे बढ़ेगा, तब भी श्रमिकों के लिए फैक्ट्री मालिक की ओर से भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था जारी रहेगी.

मार्बल फैक्ट्रियां फिर होंगी शुरू, राजस्थान की खबर, रमेश टांके से बातचीत, suresh tank news, suresh tank
मार्बल फैक्ट्रियां फिर से होंगी शुरू

उन्होंने बताया कि अजमेर कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. लेकिन किशनगढ़ इससे अछूता है. लिहाजा यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों को छूट दी गई है, उसका फायदा किशनगढ़ मार्बल मंडी को भी मिलेगा.

क्या फॉलो हो पाएगा गाइडलाइन

उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला कलेक्टर से बात की गई है. जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन मार्बल फैक्टरियों को वापस से शुरू किए जाने को लेकर फिट नहीं बैठ रही है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि किशनगढ़ मार्बल फैक्ट्रियों को पुनः चालू करवाने के लिए विशेष गाइडलाइन तैयार की जाए. सभी मार्बल फैक्ट्रियों के पास ऐसे उपकरण नहीं है, जिनका उपयोग करके सोशल डिस्टेंसिंग की पालना फैक्ट्रियों में की जा सके.

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किशनगढ़ मार्बल फैक्ट्री की तस्वीर

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कैसे होगी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

सुरेश टांक के मुताबिक मार्बल फैक्ट्रियों में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मार्बल के 1 ब्लॉक की कटिंग के बाद उसे उतारने के लिए छह श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कैसे होगी. दूसरे कई श्रमिक लॉकडाउन के चलते अन्य जिलों में चले गए हैं. जो तकनीकी रूप से अच्छे जानकार हैं. उन्हें वापस लाने के क्या इंतजाम होंगे?

टांक ने बताया कि कई फैक्ट्रियों में रहने की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में क्या होगा? लॉकडाउन के आगे बढ़ने और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन दोनों को लेकर किशनगढ़ मार्बल मंडी में संशय की स्थिति बनी हुई है. विधायक सुरेश टांक ने किशनगढ़ मार्बल मंडी के लिए विशेष गाइडलाइन तैयार करने की मांग सरकार और प्रशासन से की है.

Last Updated : May 1, 2020, 4:17 PM IST
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