अजमेर. राजसमंद उपचुनाव में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां उपयुक्त उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है, तो वहीं दूसरी ओर अजमेर के समाजसेवी और वरिष्ठ भाजपाई रहे भंवर सिंह पलाड़ा ने राजसमंद विधानसभा के उपचुनाव में निर्दलीय ताल ठोकने का मानस बना लिया है. पलाड़ा का कहना है कि वह स्वयं राजपूत हैं, लेकिन लोकतंत्र में सभी समाज को साथ लेकर ही आगे बढ़ा जा सकता है. राजसमंद की जनता ने उनसे संपर्क किया है.
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राजसमंद में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं. राजपूत समाज ने भी राजनीतिक दलों की ओर से टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर निर्दलीय प्रत्याशी उतारने का दावा किया है. अजमेर के समाजसेवी और वरिष्ठ भाजपाई रहे भंवर सिंह पलाड़ा ने राजसमंद से उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकने का मानस बना लिया है.
पलाड़ा का कहना है कि राजसमंद में 45 हजार राजपूत हैं. समाज के कई लोगों ने उनसे संपर्क कर चुनाव लड़ने का आग्रह भी किया है. उन्होंने बताया कि राजसमंद क्षेत्र के लोगों की मंशा है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े तो वह जरूर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि प्रमुख लोगों से बातचीत की जा रही है, इस पर सभी लोगों से चर्चा करके जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. पलाड़ा ने कहा कि लोकतंत्र में किसी एक जाति को लेकर नहीं बल्कि सभी जातियों को समान रूप से साथ लेकर ही आगे बढ़ा जा सकता है.
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बता दें कि भंवर सिंह पलाड़ा की पत्नी सुशील कंवर पलाड़ा अजमेर जिला परिषद में दूसरी बार जिला प्रमुख बनी हैं. इससे पहले सुशील कंवर पलाड़ा मसूदा विधानसभा से विधायक थी. इस बार जिला प्रमुख के चुनाव में सुशील कंवर पलाड़ा को भाजपा ने टिकट नहीं दिया बावजूद इसके चुनाव में ताल ठोकी और कांग्रेस के समर्थन के साथ जिला प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा जमाया. तब से पलाड़ा दंपती को भाजपा से निष्कासित किया गया है. पलाड़ा ने अब राजसमंद उपचुनाव में ताल ठोकने का अपना मानस जाहिर करने से चर्चा गरम हो गई है.