अजमेर. भाई दूज के पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का पर्व धूमधाम से देशभर में मनाया जाता है. हर साल जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनें रक्षा सूत्र बांधनें जाती हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र नहीं बांध सकी. अजमेर केंद्रीय कारागार के बाहर ऐसी कई बहनों को जेल प्रशासन ने ना तो अंदर जाने की अनुमति नहीं दी.
क्यों नहीं दी गई एंट्री
देशभर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते इस बार सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था कि जेलों में बाहरी सामान पर रोक रहेगी. इसके साथ ही कैदियों से बाहरी लोगों से मुलाकात पर भी रोक है. जिसके चलते भाई दूज पर कैदियों से मिलने आई बहनों को एंट्री देने से रोक दिया गया. इसके साथ ही राजस्थान सरकार की तरफ से भी जेलों में बाहरी लोगों को एंट्री नहीं देने का आदेश जारी किया गया था.
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बहनों ने कहा नहीं थी आदेश की जानकारी
भाई दूज के त्योहार पर कई बहनें अपने कैदी भाइयों से मिलने और उनको रक्षा सूत्र बांधन के लिए अजमेर केंद्रीय कारागार गई. लेकिन अधिकारियों ने कोरोना का हवाला देते हुए उन्हें मिलने से रोक दिया गया. कई महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी. भाई दूज के पावन पर्व पर भाइयों से नहीं मिल सकने के कारण कई बहनें उदास नजर आई.
भाई दूज की पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार यम देवता आज ही के दिन अपनी बहन यमुना के घर गए थे. यमुना ने अपने भाई यम को लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया और तिलक लगाकर हाथ पर रक्षा सूत्र बांधा था. उसी दिन से इस त्योहार को घर-घर में मनाया जाता है.