अजमेर. जगतपिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय पटल पर धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में है. पिछले एक दशक से पुष्कर की होली ने विश्वभर में अपनी पहचान बनाई है. पुष्कर मेले की तरह होली देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी थी. लेकिन इस बार होली के सामूहिक आयोजन पर रोक लगा दी गई है.
पुष्कर मेला तो कोरोना की भेंट चढ़ा ही. होली पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. लिहाजा पुष्कर के पर्यटन उद्योग की कमर टूट चुकी है. सदियों से तीर्थ गुरु पुष्कर हिंदुओं के लिए प्रमुख धार्मिक केंद्र रहा है. यहां के आध्यात्मिक माहौल और नैसर्गिक सौंदर्य से सात समुंदर पार कर विदेशी भी आकर्षित होकर चले आते हैं. पुष्कर का पशु मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. यही वह समय था जब बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक पुष्कर आया करते थे. इससे पुष्कर के पर्यटन उद्योग की दिन दोगनी रात चौगुनी उन्नति हुई.
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पुष्कर के पर्यटन को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थानीय लोगों ने पुष्कर में कपड़ा फाड़ होली का आयोजन एक दशक पहले शुरू किया. धीरे-धीरे पुष्कर की होली देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बन गई. हालात ये है कि होली से 1 महीने पहले ही पुष्कर के तमाम होटल, गेस्ट हाउस बुक हो जाया करते थे. होली से पहले और बाद में करीब एक हफ्ता तक पर्यटकों का ठहराव हुआ करता था. छोटी-बड़ी दुकानें और होटल रेस्टोरेंट व्यवसाय को काफी फायदा मिलता था.
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लेकिन कोरोना ने विश्व स्तर पर पहचान बना चुकी यहां की होली पर ऐसा ग्रहण लगाया कि पुष्कर विदेशी पर्यटकों के लिए तरस गया है. कोरोना ने देशी पर्यटकों के पुष्कर आने पर भी अंकुश लगा दिया है.
अब कोरोना की दूसरी लहर उभर रही है. यही वजह है कि सरकार भी अब कोई रिस्क लेना नहीं चाहती. प्रदेश में धारा 144 लागू है. वहीं बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी गई है. पुष्कर के एसडीएम दिलीप सिंह राठौड़ ने बताया कि यह बात सही है कि पुष्कर की होली की वजह से पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा था और पर्यटन उद्योग को भी गति मिल रही थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए पुष्कर में होने वाले होली के आयोजनों पर रोक लगाई गई है.
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उन्होंने कहा कि लोग परंपरागत रूप से होलिका दहन और पूजा कर सकेंगे. इस दौरान भी कोविड-19 से बचाव के लिए जारी की गई सरकार की गाइडलाइन की पालना भी करनी होगी. होली पर बाहर से आने वाले पर्यटकों को 48 घंटे पहले की कोरोना की जांच रिपोर्ट साथ में रखनी होगी. होली के दिन पुष्कर की ओर आने वाले सभी मार्गों को बंद किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 3 वर्ष पहले कपड़ा फाड़ होली की फूहड़ता को देखते हुए इसे सामान्य रूप दिया गया था.
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फिलहाल, प्रशासन की सख्ती पुष्कर में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को रास नहीं आ रही है. होटल व्यवसाई राजेंद्र महावर ने बताया कि देसी विदेशी पर्यटकों के लिए पुष्कर मेला और पुष्कर की होली मुख्य आकर्षण का केंद्र थे.
पिछले 1 वर्ष से होटल व्यवसाय की कमर टूट चुकी है. विदेशी पर्यटक आ नहीं रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका से देसी पर्यटकों के कदम भी पुष्कर की ओर नहीं बढ़ रहे हैं. पुष्कर की होली के आयोजन को लेकर प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए थी ताकि देसी पर्यटकों की आवक से पुष्कर के उद्योग व्यवसाय को गति मिले. उसके लिए देसी पर्यटक को कोरोना की जांच के बाद आने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.
पुष्कर के सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसाई पंडित रवि कांत शर्मा ने बताया कि होली के आयोजन पर रोक लगने से पुष्कर के पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी वर्गों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं स्थानीय युवाओं का मनोबल भी इससे टूटा है.
सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रसिद्ध ऊंट श्रृंगारक अशोक टांक ने बताया कि पुष्कर की होली में देसी विदेशी पर्यटकों का बड़ी संख्या में आना हुआ करता था. जिससे छोटे बड़े सभी व्यापार को गति मिलती थी. 1 वर्ष से पुष्कर के पर्यटन उद्योग ठप पड़ा है. वहीं इस बार होली के आयोजन पर फिर रोक लगने से व्यवसाय से जुड़े लोगों को जबरदस्त झटका लगेगा.