अजमेर. अजमेर में कई प्राइवेट स्कूल हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं. प्राइवेट स्कूल को कोर्ट ने 70 फीसदी ट्यूशन फीस लेने के आदेश दिए थे, लेकिन कई प्राइवेट स्कूल मासिक फीस का 70 फीसदी शुल्क अभिभावकों से वसूल कर रहे हैं. अजमेर में एक अभिभावक ने प्राइवेट स्कूल की मनमानी के खिलाफ निचली अदालत की शरण ली जिसपर अदालत ने स्कूल को हाईकोर्ट के आदेश को मानने के लिए पाबंद किया है.
अजमेर में कई प्राइवेट स्कूल इतने बेखौफ हो गए कि उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करने की भी परवाह नहीं है. ऐसे स्कूलों के खुद के नियम कायदे हैं. यही वजह है कि हाईकोर्ट के 70 फीसदी ट्यूशन फीस अभिभावकों से लेने के आदेश की पालना करने के बजाए प्राइवेट स्कूल पूरी फीस का 70 फीसदी शुल्क अभिभावकों से वसूल रहे हैं. फीस अदा नहीं करने पर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दी जा रही है.
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ऐसा ही एक मामला अजमेर की सेंट पॉल स्कूल का सामने आया है. धोलाभाटा निवासी जिनेश सिंह के बेटे को स्कूल में अपने मन मुताबिक फीस अदा नहीं करने पर न केवल ऑनलाइन क्लास से हटा दिया गया बल्कि स्कूल से नाम काटने की भी धमकी दे डाली. अभिभावक जिनेश सिंह खुद पेशे से वकील हैं. ऐसे में उन्होंने स्कूल की मनमानी के खिलाफ न्यायालय की शरण ली. वकील जिनेश सिंह ने बताया कि न्यायालय ने स्कूल की दलील सुनने के बाद स्कूल प्रशासन को जिनेश सिंह के पुत्र सिमरजीत सिंह का नाम ऑनलाइन क्लास से नहीं हटाने और हाईकोर्ट के आदेशानुसार ट्यूशन फीस का 70 फीसदी शुल्क ही लेने के लिए पाबंद किया है.