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अजमेर : बोर्ड प्रबंधन की हठधर्मिता के खिलाफ स्कूल संचालकों ने जताई नाराजगी, स्कूल छात्रों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का लगाया आरोप

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की ओर जारी किए गए एक आदेश को लेकर स्कूल संचालकों ने बुधवार को आदेश वापस लेने की मांग की. इस दौरान उन्होंने आदेश वापस नहीं लेने पर छात्रों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात भी कही.

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बोर्ड प्रबंधन की हठधर्मिता को लेकर स्कूल संचालकों ने किया प्रदर्शन
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Published : Mar 31, 2021, 3:05 PM IST

अजमेर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के हाल ही में जारी किए गए आदेश से प्रदेश के स्कूल संचालकों में गहरी नाराजगी है. स्कूल संचालकों ने बुधवार को बोर्ड कार्यालय पहुंचकर अपने रोष का इजहार किया और बोर्ड प्रबंधन को हठधर्मिता छोड़कर आदेश वापस लेने की मांग की.

बोर्ड प्रबंधन की हठधर्मिता को लेकर स्कूल संचालकों ने किया प्रदर्शन

आदेश वापस नहीं लेने पर छात्रों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात भी कही. राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ, स्कूल शिक्षा परिवार सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी और सदस्य बोर्ड कार्यालय पहुंचे.

उन्होंने बताया कि बोर्ड की ओर से आवेदन फॉर्म में कला संकाय और विषय के रूप में अलग-अलग चयन करवाया था. अब 2 दिन पहले विज्ञप्ति जारी कर विषय के स्थान पर संकाय का संशोधन करने के आदेश दिए गए. अब जब प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होने को है ऐसे समय में संशोधन परवाना छात्र हितों पर कुठाराघात करने जैसा है.

पढ़ें- उपचुनाव में नामांकन के बाद अब राजस्थान कांग्रेस की 'तिकड़ी' असम और केरल के दौरे पर, डोटासरा को खास बुलावा

बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव से मिलकर छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए इस आदेश को वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि अगर आदेश वापस नहीं लिया जाता तो 10,000 छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा और वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे.

अजमेर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के हाल ही में जारी किए गए आदेश से प्रदेश के स्कूल संचालकों में गहरी नाराजगी है. स्कूल संचालकों ने बुधवार को बोर्ड कार्यालय पहुंचकर अपने रोष का इजहार किया और बोर्ड प्रबंधन को हठधर्मिता छोड़कर आदेश वापस लेने की मांग की.

बोर्ड प्रबंधन की हठधर्मिता को लेकर स्कूल संचालकों ने किया प्रदर्शन

आदेश वापस नहीं लेने पर छात्रों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात भी कही. राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ, स्कूल शिक्षा परिवार सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी और सदस्य बोर्ड कार्यालय पहुंचे.

उन्होंने बताया कि बोर्ड की ओर से आवेदन फॉर्म में कला संकाय और विषय के रूप में अलग-अलग चयन करवाया था. अब 2 दिन पहले विज्ञप्ति जारी कर विषय के स्थान पर संकाय का संशोधन करने के आदेश दिए गए. अब जब प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होने को है ऐसे समय में संशोधन परवाना छात्र हितों पर कुठाराघात करने जैसा है.

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बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव से मिलकर छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए इस आदेश को वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि अगर आदेश वापस नहीं लिया जाता तो 10,000 छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा और वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे.

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